ओह आज तो यही मूड है जी ......
छुट्टी के बाद अक्सर जो पहला दिन होता है कार्यालय में वो बहुत ही थकान देने वाला रहता है खासकर सोमवार तो अवश्य ही । ऐसा लगता है कि शुरूआत में छक्का मारने की नीयत जैसे सप्ताह के पहले दिन ही सप्ताह भर के काम निपटाने की जुगत में लगे हों । और ऐसी स्थिति में यदि ये मन करे तो मेरा क्या कसूर है ।
और फ़िर रोज रोज़ लिखना जरूरी है क्या , यार कभी कभी पढते टीपते हुई भी समय बिताया जा सकता है न| ....तो जाईये अपने अपने ब्लोग पर इंतजार करिए न हम पहुंच रहे हैं वहीं टीपने के लिए .. जैसे ही जगते हैं फ़ौरन आपही के ब्लोग पर आएंगे ...अरे बिश्वास नहीं है का ..????है न ????
अपनी जगह दूसरे का फोटो क्यों लगा दिए हैं? भाभी जी ने फोटो खींचने से मना कर दिया क्या?
जवाब देंहटाएंकाहे विसवास नहीं है
जवाब देंहटाएंप्रत्येक सांस तक विसवास ही विश्वास है
विश्वास में हमारी हर सांस है
सांस ही तो जीवन की आस है
ब्लॉग पोस्ट पर टिप्पणी पाना
एक उच्छवास है
सुवास है
सुगंध है
मनमुग्ध तानपुरा है
घी बूरा है।
गिरिजेश जी ई फ़ोटो हमारा ही है कैमरा मेड इन दक्षिण अफ़्रीका था तो ,...भौजी कहां से गोरका फ़ोटो निकालतीं ....एक तो जबरिया हमसे हमारे ही पोस्ट पर टिपवाते हैं फ़िर कहिएगा ....कि काहे ऐसा करते हैं जी ...देखिए हम सूतल हैं अभी जगाईये मत ..
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
काश फोटो में मैं होता..इतनी अच्छी नींद...
जवाब देंहटाएंकब से इंतज़ार करवा रहे हो ! नींद ही नहीं खुलती क्या या गोली दे रहे हो ....
जवाब देंहटाएं:-)
ओह्हो तो साब सो रहे हैं
जवाब देंहटाएंसोते सोते टिप्पणी का जवाब
पूरा विश्वास है
विश्वास को नहीं
कोई भी आंच है
कैमरा मेड इन अफ्रीका हो
या हो मेड इन अमेरिका
आजकल तो ऐसा ही
फोटुआ है निकलता
क्या पहले कैमरे का
नहीं देखा था कमाल
हम सदा रहे बेदाढ़ी वाले
फोटो हमारी निकाली दाढ़ी वाली।
कभी कभी ऐसा मूड भी होना ही चाहिए !!
जवाब देंहटाएंविश्वास नही होता तो
जवाब देंहटाएंये श्वास नही होता
ब्लाग खोले बैठे है
कब श्री श्री (108 बार) अजय जी पधारें
दिल्ली वालों की बात का तो कोनो विश्वास नाहीं :-)
जवाब देंहटाएंये महाशय तो कोई सुहाना सा सपना देख रहे हैं।
जवाब देंहटाएंफिर काहे जगाना है भाई।
स्वागत है!
जवाब देंहटाएंबहुतै खोज खोज के पोस्ट लिखैल बा
जवाब देंहटाएंससुरा हम तीन दिन छुट्टी बिताये, कौनो
काम का नहीं रहा. आज सोमवारे के
दिन ही अर्जेंट काम करे का पड़ी
कईसे निपटाते ऑफिस का काम. आज भी
छुट्टी ले लिए. का कहियेगा.
एकदम मेरे मन की बात कह दी।
जवाब देंहटाएंइंतजार है।
जवाब देंहटाएंहम तो इ सोचे की बचुवा "सानिया " की तस्वीर लगाये बैठा है आज कल टी वी पर इसके अलावा कुछो दिखाते ही नहीं , और आप लो हमारे ब्लॉग पर आना ही छोड़ दिए कौनो नाराज़गी है का
जवाब देंहटाएंहम तो खुदहि आराम की मुद्रा में डले हैं..दूसरे से का कहें!!
जवाब देंहटाएंबहुते सही है.
जवाब देंहटाएंरामराम.