मैं आज आप सब महिला ब्लोग्गर्स से बहुत ही नाराज़ हूं ..एकदम से कुट्टा करने का मूड बन गया है । एक तो कायदे से आप लोग कभी कोई जलजला आने नहीं देते , खासकर तब तो बिल्कुल भी नहीं जब कोई अपने बंदूक की नल्ली आप महिला ब्रिगेड की तरफ़ घुमा दे । आप लोग सब कुछ छोड के उसके पीछे ऐसे पडते हो जैसे सुनामी आ जाती है ..अचानक ही ..हाहाकार करते ...हजारों फ़ुट लंबी लबीं लहरें (अरे रे रे ....यहां पोस्टें मान लीजीए न ) और उसके आगे सब के सब ठीक बैसे ही लगते हैं जैसे खली के आगे राजपाल । हमारा मामला तो होता तो देखिए बिना नाम के ही ( अरे मेरे कहने का मतलब है कि खाली सरनेम से ही ) हम कितने जलजलाटिक टाईप हो गए थे सब के सब , अभी हाल ही में । अब किसी नाम वाले बंदे , जीते जागते इंसान ब्लोग्गर में तो ये हिम्मत बची नहीं थी , सो भगवान ने या पता नहीं शैतान ने अचानक ही किसी दिलजले ..ओह माफ़ करिएगा जलजले को भेज दिया कि जा बच्चे कुछ ऐसा कर कि बस मेल जलजले से लोग पार पाएं भी न और फ़ीमेल जलजला आ जाए ।
बंदे ने ....अरे नहीं यार बंदा तो था ही नहीं वो ...तो उस जलजले ने फ़टाफ़ट क्या धांसू आईडिया निकाला । एक लंबी सी टीप बनाई और बस शुरू हो गए दनादन ....कौपी पेस्ट , कौपी पेस्ट ..अब इस Ctrl c ..और ,Ctrl v को थोडी पता है कि इसका उपयोग ब्लोग्गर भाई , लोग किस किस तरह से कर लेते हैं । इसी बहाने नाईस जी की सदाबहार टिप्पणी को पहली बार कडा मुकाबला मिला । नाईस जी ने पूरे साल भर में मिला कर जितनी बार नाईस लिखा होगा उसने एक ही टीप में उससे ज्यादा लिख डाला । और सुना है कि कई बार तो पोस्ट में से आवाज आने लगी । भाई जलजले बख्शो यार ...ये तुम्हारी टीप तो मुझसे भी बडी है ..कुछ काट छांट करो न ..मगर जलजले में कोई काट छांट हो सकती है भला । वो भी कुमार ..यानि कुंवारा जलजला था वो ....वैसे भी शादीशुदा होता ...तो काहे का जलजला ....पिलपिला होता वो । खैर , हमारे जैसे सनातनी भुक्कड ब्लोग्गर संगठन ने फ़ौरन से पेशतर इस टिप्पणी और उनकी प्रतियोगिता को गंभीरता से लेते हुए , फ़टाफ़ट ही टीम तैयार की । योजना बन गई थी कि पहले ११ हजार लपकने की कोशिश की जाएगी और यदि संभव हुआ तो अपने ही गैंग की किसी ब्लोग्गर के पक्ष में सबका वोट बटोर कर २१ भी अपने पास ही आ सकते हैं । यानि कुल बत्तीस हजार से एक ब्लोग्गर फ़ंड की शुरूआत की जाएगी ...नाम होगा जलजला हाईपोथिकेटेड बेस्ट महिला ब्लोग्गर ईनाम निर्मित फ़ंड .....।
मगर न जी , ऐसा कभी संभव है कि जो सोचो वो हो जाए । पूरी महिला मंडली ने ऐसा मोर्चा खोला ...मैदान , हवाई और समुद्र के अंदर तक मार मार कर ही दम लिया । अब सुना है कि जलजला जी बुलबुला बन कर बैठ गए हैं और इसी के साथ आप सब लोगों ने न तो खुद २१ कमाए न ही हमें ११ कमाने का मौका दिया । हाय आप सबको पाप चढेगा ..........॥
ओह आज बडे ही दुख का दिन है ...ब्लोगजगत का एक उदीयमान ..जलजला ...समय से पहले ही पिलपिला पड गया और पूरी महिला मंडली ने उस बुलबुला समझ के फ़ोड दिया ॥
सोमवार, 17 मई 2010
जाईये आप सबसे कुट्टा ..खुद तो 21 कमाए नहीं , हमारे 11 भी गए ...
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ब्लोगजगत का एक उदीयमान ..जलजला ...समय से पहले ही पिलपिला पड गया
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा हा नाईस झा जी
का भैया कोनो दिन स्कूल नहीं गए का ..............जैसे अंधे को अँधा नहीं कहते एकदम वैसे ही पिलपिले को पिलपिला नहीं कहते !!
जवाब देंहटाएंलो आ गया जलजला (भाग एक)
जवाब देंहटाएंवे ब्लागर जो मुझे टिप्पणी के तौर पर जगह दे रहे हैं उनका आभार. जो यह मानते हैं कि वे मुफ्त में मुझे प्रचार क्यों दें उनका भी आभार. भला एक बेनामी को प्रचार का कितना फायदा मिलेगा यह समझ से परे हैं.
मैंने अपने कमेंट का शीर्षक –लो आ गया जलजला रखा है। इसका यह मतलब तो बिल्कुल भी नहीं निकाला जाना चाहिए कि मैं किसी एकता को खंडित करने का प्रयास कर रहा हूं। मेरा ऐसा ध्येय न पहले था न भविष्य में कभी रहेगा.
ब्लाग जगत में पिछले कुछ दिनों से जो कुछ घट रहा है क्या उसके बाद आप सबको नहीं लगता है कि यह सब कुछ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा नहीं होने की वजह से हुआ है. आप अपने घर में बच्चों से तो यह जरूर कहेंगे कि बेटा अब की बार इस परीक्षा में यह नबंर लाना है उस परीक्षा को तुम्हे क्लीयर करना ही है लेकिन जब खुद की परीक्षा का सवाल आया तो सारे के सारे लोग फोन के जरिए एकजुट हो गए और पिल पड़े जलजला को पिलपिला बताने के लिए. बावजूद इसके जलजला को दुख नहीं है क्योंकि जलजला जानता है कि उसने अपने जीवन में कभी भी किसी स्त्री का दिल नहीं दुखाया है। जलजला स्त्री विरोधी नहीं है। अब यह मत कहने लग जाइएगा कि पुरस्कार की राशि को रखकर स्त्री जाति का अपमान किया गया है। कोई ज्ञानू बाबू किसी सक्रिय आदमी को नीचा दिखाकर आत्म उन्नति के मार्ग पर निकल जाता है तब आप लोग को बुरा नहीं लगता.आप लोग तब सिर्फ पोस्ट लिखते हैं और उसे यह नहीं बताते कि हम कानून के जानकार ब्लागरों के द्वारा उसे नोटिस भिजवा रहे हैं। क्या इसे आप अच्छा मानते हैं। यदि मैंने यह सोचा कि क्यों न एक प्रतिस्पर्धा से यह बात साबित की जाए कि महिला ब्लागरों में कौन सर्वश्रेष्ठ है तो क्या गलत किया है। क्या किसी को शालश्रीफल और नगद राशि के साथ प्रमाण देकर सम्मानित करना अपराध है।
यदि सम्मान करना अपराध है तो मैं यह अपराध बार-बार करना चाहूंगा.
ब्लागजगत को लोग सम्मान लेने के पक्षधर नहीं है तो देश में साहित्य, खेल से जुड़ी अनेक विभूतियां है उन्हें सम्मानित करके मुझे खुशी होगी क्योंकि-
दुनिया का कोई भी कानून यह नहीं कहता है कि आप लोगों का सम्मान न करें।
दुनिया का कानून यह भी नहीं कहता है कि आप अपना उपनाम लिखकर अच्छा लिख-पढ़ नहीं सकते हैं. आप लोग विद्धान लोग है मुंशी प्रेमचंद भी कभी नवाबराय के नाम से लिखते थे. देश में अब भी कई लेखक ऐसे हैं जिनका साहित्य़िक नाम कुछ और ही है। भला मैं बेनामी कैसे हो गया।
लो जी नाम लिया और शैतान आई मीन जलजला हाजिर :-)
जवाब देंहटाएंहे हे ..जलजला भाई ,,,जाल तू जलाल तू आयी बाला(ओह सारी ....बला) को टाल तू क्यों हो गए ...? कितना जबरदस्त सम्मान मिला है आपको ....सीना फूल कर अढाई सौ गज हो जाना चाहिए ....
जवाब देंहटाएंअच्छी व्यंग्यात्मक प्रस्तुती के लिए धन्यवाद / अब जब जलजला ने माफ़ी मांग ली है तो उसे हमलोगों को भूल भी जाना चाहिए / वैसे है तो सोचने वाला ब्लोगर नहीं तो माफ़ी नहीं मांगता और उस व्यक्ति की कद्र होनी चाहिए जो अपनी गलती या भूल पर सार्थकता से सोचता हो / आशा है आप लोग भी अब इसे भूल जायेंगे क्योकि हम लोगों के सामने और बहुत साडी चुनौतिया हैं ,जिनका मुकाबला हम सब को एकजुट होकर करना है /
जवाब देंहटाएंबढ़िया है ...:):)
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लोगिंग उत्थान पर है । :)
जवाब देंहटाएंओहो... अथ से इति पर पहुँच गये...? बहुत जल्दी...?
जवाब देंहटाएंअजय भाई ,
जवाब देंहटाएंसच्ची ,इतना तो सोचा ही नहीं कि कित्ता बड़ा नुक्सान हो गया तुम्हारा...उफ़...ज़रा पहले बता दिए होते ......
अब जो होना था हो गया....गुस्सा छोडो और कुट्टा तो मत ही करना..
कभी कभी शांत समुद्र में भी ज्वालामुखी फटने से सुनामी आ जाती है.....क्या करें..प्रकृति का नियम है....
और जलजला नाम के जीव ने भाग १ और भाग २ लिख कर अपनी पहचान का संकेत तो दे ही दिया है....अब सब कह रहे हैं कि उसने माफ़ी मांग ली है तो भैया हम भी सब भूल जाते हैं....
दैया रे ! इ तो हमको मालूम हे नहीं था ..बैठे बिठाये आपका और हमारा दोनों का नुक्सान हो गया .. आपका कम हमारा ज्यादा :-)
जवाब देंहटाएंपहले बताये होते तो कुछ कमीशन सेट कर लेते .
@ जलजला भाई .. आपकी कोशिश अच्छी थी पर टाइमिंग एक दम गलत सारे ब्लॉगर राशन पानी लेकर पिल पड़े ,वैसे सब सुलग रहे थे आप पर धधक पड़े ....
ha ha ha....
जवाब देंहटाएंkunwar ji,
अब क्या करें अजय जी ! कभी कभी महिलाओं को भी गुस्सा आ ही जाता है :) पर आप कुट्टा न होइए प्लीज़ :) खैर अब तो जलजला पिलपिला हुआ हो या बुलबुला ..अब तक तो फट ही गया होगा..रोचक पोस्ट झा जी !:)
जवाब देंहटाएंहा हा ...बहुत ही रोचक पोस्ट..
जवाब देंहटाएंबताओ खुद के २१००० के साथ आपके ११००० भी ले डूबे..ये लोग भी न!!
जवाब देंहटाएंमेरा हिस्सा भी गया!?
जवाब देंहटाएंजय हो ...
जवाब देंहटाएंजब दोनों का ही नुकसान हुआ तो काहे का कुट्टा…।:) जैसी एकता नारी ब्लोगरस में हैं काश ऐसी एकता नर ब्लोगरस में भी होती तो वो सब न होता जो पिछले दिनों हुआ, है न? उससे सब आहत ही हुए, राहत किसे मिली?
जवाब देंहटाएंकुट्टा? ये शब्द तो मेरे लिए नया है, हमने तो कुट्टी सुना था, क्या इस शब्द में भी नर और नारी का भेद है?
अरे इस शेतान का नाम लिया ओर वो हाजिर, काश मैरे पास एक चिराग होता तो इस जिन्न को उस मै केद कर लेता, ओर खुद बेठ कर बीयर पीता इस से सारी टिपण्णीयां लिखवाता:)
जवाब देंहटाएंवेसे जो कोई बोर होता हो वो ब्लांगरो की दुनिया मै आ जाये रोजाना एक नया मजा अजी दिल बहला रहता है
अजय जी सारा दिन का थका होने पर अब यहां आते ही कोई ना कोई नया मजा फ़िर से नयी ताकत भर देता है... आज का मजा इस जल जले के नाम
मजेदार झा भाई ।
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