आज जब ये पोस्ट लिखने बैठा तो समझ ही नहीं पा रहा था कि लिखूं कैसे और क्या आखिर दो विरोधाभासी बातें एक पोस्ट में ही कहना करना ठीक होगा या नहीं , मगर फ़िर सोचा कि जब है तो है यही बात । और यदि इतना सोच नोच के लिखना होल तो ब्लोग्गिंग की स्वाभाविकता ही कम नहीं हो जाएगी सो जैसा का तैसा ठेल रहा हूं । इससे पहले कि बात को आगे बढाऊं ये बताता चलूं कि कल छत्तीसगढ में हुई ब्लोग्गर्स मीट के लिए सभी शामिल मित्र ब्लोग्गर्स को और पूरे हिंदी ब्लोगजगत को इसकी सफ़लता के लिए बधाई । ये मीट कई मायनों में अब तक की बहुत सी सफ़लताओं को अर्जित करने वाली पहली मीट रही , मसलन विशुद्ध रूप की ब्लोग्गर मीट, एक प्रांतीय इकाई के रूप में संगठित होते ब्लोग्गर्स, इसमें ब्लोग्गर्स के लिए कार्यशाला आयोजित करने जैसे निर्णय आदि । इश्वर करे कि ये यात्रा यूं ही निर्बाध गति से चलती रहे ॥
ब्लोग्गिंग में सक्रियता के हिसाब से पिछला साल मेरे लिए सबसे ज्यादा सक्रियता वाला रहा और ये थोडा स्वाभाविक भी था क्योंकि आखिर कैफ़े के एक घंटे और अपने घर के चौबीस न सही थोडे कम ही सही की ब्लोग्गिंग में एक बुनियादी अंतर तो आना ही था । जब ब्लोग्गिंग में ज्यादा समय दिया तो बहुत कुछ मिला , नए मित्र, साथी, ब्लोग्गिंग....हिंदी ब्लोग्गिंग के बहुत सारे पहलुओं को जानने समझने का मौका , ब्लोग्गर साथियों को करीब से जानने का अवसर, उनसे संवाद स्थापित करने का अवसर और ब्लोग्गिंग की एक अनोखी दुनिया , जिससे बाहर निकला बहुत कठिन है ........बहुत ही कठिन । सोचा था कि जब ब्लोग्गिंग में इतना रमे हैं तो कुछ न कुछ तो बदलने की कोशिश करेंगे ही , और यकीन मानिए प्रयास भी किए या कहूं कि अभी भी हो रहा है , मगर इतना तो इस बीच हुआ ही कि ब्लोग्गिंग को बदलने के चक्कर में ऐसा रमा कि खुद ब्लोग्गिंग ने मुझे ही बदल कर रख दिया । इसका एहसास तब जाके हुआ , जब अचानक पिछले दिनों शिकायत आई , " क्या झा जी आपने तो नई दुनिया में कदम रखते ही हमें बिसरा दिया , आपको याद है कि आपने पिछले पांच महीनों से कोई भी आलेख/व्यंग्य और कोई भी रचना नहीं भेजी है । " और फ़िर साल के अंत तक तो शिकायतों का पूरा पुलंदा ही बंध गया .....नववर्ष की बधाई के साथ एक शिकायत मुफ़्त ..मुफ़्त मुफ़्त ।
तो जी बस हमने भी अब फ़ैसला कर लिया है कि अब संतुलन बनाएंगे और सिर्फ़ एक ही पटरी पर गाडी नहीं दौडाएंगे । हालांकि इसके और भी कई कारण हैं , कुछ समय से लग रहा था कि ब्लोग्गिंग में रहते हुए लेखन का चरित्र और मिज़ाज़ /अंदाज़ भी ब्लोगनुमा होता जा रहा है । जो शायद मेरे प्रिंट माध्यम के लिए उपयुक्त नहीं है । इधर कुछ दिनों से देख रहा हूं कि हमारे कुछ ब्लोग्गर न जाने किस बात का गुस्सा / कौन सी भडास/ कौन सा द्वेष लिए अपने जाने किन उद्देश्यों के लिए , नकारात्मक रुख को तेज़ किए हुए हैं जो चाहे अनचाहे माहौल को दूषित तो कर ही दे रहा है । और इसीलिए मेरी तो सबसे यही गुजारिश है कि इस तरह के कथनों/पोस्टों/टिप्पणियों के लिए सबसे अच्छा ट्रीटमेंट है कि उन्हें बेदर्दी से मिटा दिया जाए , ताकि कम से कम उस लिखने वाले का जो समय लिखने में गया वो व्यर्थ जाता देख वो अपना सर पकड ले । ऐसे में स्वाभाविक रूप से थोडी सी निराशा तो होती ही है और शायद इसी का परिणाम है कि इन दिनों ब्लोग्गिंग में औसत टिप्पणियों में कमी देखने को मिल रही है । खैर ये तो चलता ही रहेगा , मगर मुझे पूरा यकीन है कि जिस तीव्र गति से हिंदी ब्लोग्गिंग विस्तार पा रहा है बहुत जल्दी ही एक बडा मुकाम हासिल करेगा ।
दिल्ली की अगली ब्लोग्गर्स बैठक ७ फ़रवरी को
अब बात कुछ अलग , यानि अगले ब्लोग्गर बैठक की ,वही विरोधाभास की , जी हां आप कहेंगे अभी तो ऊपर कहा है कि ब्लोग्गिंग में रफ़्तार को कुछ कम किया जाएगा और अब नए ब्लोग्गर्स बैठकी की घोषणा भी हो रही है । मगर क्या करें जी , पिछले बरस के वादे को कितना टाला जाए , ये तो टल भी जाता मगर अब जबकि राज भाटिया भाई साहब का आने का कार्यक्रम सुनिश्चित हो चुका है तो फ़िर देर किस बात की लीजीए नोट कीजीए
अगली दिल्ली ब्लोग्गर बैठक दिनांक 7 फ़रवरी 2010 को पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर /शक्करपुर के मधुबन चौक पर स्थित जीजीएस कैफ़े एंड रेस्टोरेंट में , समय दिन के 11 बजे से शाम के 4 बजे तक ।
पहले ही कह चुका हूं को कोई एजेंडा नहीं , झंडा नहीं सिर्फ़ मुलाकात और बात होगी । फ़िर भी जिन्हें लगता है कि विषय हो तो बेहतर होगा वे अपने विचार , ब्लोग्गिंग में आने , ब्लोग्गिंग की मुश्किलें , मीडिया और ब्लोग्गिंग आदि विषयों पर हमसे बांट सकते हैं । सुना पढा कि अपने मित्र लोग माईक जी को देखते ही घिघिया जाते हैं , सो इसका भी पक्का इंतजाम है ..........यानि कोई माईक शाईक नहीं । अपने अपने सुर ताल , अपना अपना राग खुद ही गाईये हम उसी हिसाब से आनंद लेंगे ।जिन लोगों को ये लगता है कि ब्लोग्गर्स बैठक सिर्फ़ गुटबंदी के लिए होती है और जिन्हें ये आशंका हो रही है कि कहीं परिवार में होने वाली खींचतान और उठापटक ब्लोग्गिंग में भी न शुरू हो जाए .....उनके लिए सिर्फ़ इतना कि ..आप देखिएगा ...परिवार में सिर्फ़ खींचतान ही नहीं प्यार भी होता है , स्नेह भी होता है , एक दूसरे पर विश्वास भी होता है ......क्यों आप देखेंगे न ?
मेरा पूरा प्रयास है कि इस ब्लोगगर्स बैठक में हमारी महिला ब्लोग्गर्स भी भागीदारी करें और अपना विचार रखें । मुझे खुशी है कि मुझे इस दिशा में उनसे सकारात्मक जवाब मिला है । कौन कौन रहेगा , कौन कौन आएगा इसकी जानकारी समय आने पर दी जाएगी ॥
चलते चलते एक छोटी सी झलक दिखाता चलूं कि कौन कौन पधार सकते हैं
लखनऊ से : श्री महफ़ूज़ अली जी और रविंद्र प्रभात जी
राजस्थान से : श्री दिनेश राय द्विवेदी जी
जर्मनी से : श्री राज भाटिया जी
छत्तीसगढ से : श्री बी एस पाबला जी , ललित शर्मा जी , और कुछ और ब्लोग्गर मित्र गण
दिल्ली से : श्री अविनाश वाचस्पति जी, श्री खुशदीप सहगल जी ,कार्टूनिस्ट इरफ़ान जी , संभवत: डा. टी एस दराल जी , भाई विनीत उत्पल जी ,भाई मिथिलेश दूबे और हिंदी साहित्य मंच से जुडे नीशू तिवारी, श्री राजीव तनेजा जी, श्री नीरज जाट जी ,श्री प्रवीण पथिक , श्री आशीष अंशु, श्री मोईन शम्सी, श्री एम वर्मा, श्री पवन कुमार, श्री सतेन्द्र जी और भी बहुत से ब्लोग्गर मित्र जिन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराने का वादा किया है ।तो मिलते हैं फ़िर ......................
मिलते हैं एक (हार्ट) ब्रेक के बाद :-)
जवाब देंहटाएंबी एस पाबला
jee milte hain jaruur.
जवाब देंहटाएंआप की सब बातों से सहमति है। लेकिन मुझे 1-2 फरवरी को दिल्ली रहना है तो शायद 7 के मिलन में शामिल न रह सकूँ।
जवाब देंहटाएंआपकी अगली ब्लोगर्स मीट की सफलता की कामना के साथ गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंऐ... भैया.... हम तो चहोंप ही रहे हैं... हमरा त रिजरभरेसन भी होई गवा है....भेंट करे खातिर बहुते मन हो रहा है....
जवाब देंहटाएंजरुर पहुँचेंगे जी अपने ब्लागर भाईयों के साथ।
जवाब देंहटाएंमैं सभी बातों और मीट के लिए अपनी शुभकामनाएँ दिये देता हूँ.
जवाब देंहटाएंगणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ और र्ब्लोगर्स मीट की सफलता की भी बहुत बहुत शुभकामनाऎ ।
जवाब देंहटाएंnaye blogers ke liye bhi kuchh rakhte hay yaa bin bulaye mehmano ki khatir khud mehman ko apne se karna hota hay.
जवाब देंहटाएंAkhir hota kaya hay aise meeting me?
शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंनोट किया जाए...भई हम भी पहुँच रहे हैं!!
जवाब देंहटाएंमेरी शुभकामनाये आपके साथ हैं ....गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये और बधाई .
जवाब देंहटाएंमिलने मिलाने का सिलसिला ठीक जा रहा है...लेकिन अब इससे आगे बढ़ने की जरूरत है...हो सके तो सामूहिक एजेंडे की ओर बढ़ने की कोशिश करें...आज नहीं तो कल यह करना ही होगा...इस मीट की सफलता की कामना करता हं
जवाब देंहटाएंप्रिय इरशाद भाई आप खुद ही आकर देखिए न कि क्या होता है , इतना तो तय है कि आपको अफ़सोस नहीं होगा ।
जवाब देंहटाएंआलोक जी सामूहिक एजेंडे के लिए पहले समूह बने तो सही , अभी तो सिर्फ़ हाथ मिल रहे हैं , फ़िर दिल मिलेंगे फ़िर ....अभी सफ़र लंबा है ...अभी तो कदम उठाया ही है
अजय कुमार झा
इ का भैया ,हमरे नाम के साथ पहले ही संभवत: टिका दिए हैं।
जवाब देंहटाएंतो सुभकामना तो दिए ही देत हैं।
र्ब्लोगर्स मीट की सफलता की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!!
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही सुन्दर! आपको और आपके परिवार को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंमेरा नाम भी लिख लें....मैं भी आ रहा हूँ.....संभवतः दिल्ली में ही रहूँगा.....
जवाब देंहटाएंमयंक सक्सेना
9310797184
@डा.दराल साहब आपके लिए मुझे ये पता नहीं था कि आप दिल्ली में हैं या बाहर हैं अभी , मगर खुशदीप भाई पर डाल दी है जिम्मेदारी आपको लाने की , और अब तो तय हो गया कि आप आ रहे हैं
जवाब देंहटाएं@ मयंक जी , बिल्कुल नोट कर लिया है स्वागत है हमें प्रतीक्षा रहेगी आपकी
हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
जनाब निदा फाज़ली का एक शेर है
जवाब देंहटाएंमिलना -जुलना बहुत ज़रूरी है
मिलने जुलने का हौसला रखना
जब किसी से कोई गिला रखना
सामने अपने आईना रखना ।
हम लोग इसी तरह मिलते रहेंगे यह तय है । शुभकामनायें ।
मेरी भी शुभकामनायें।मैं तो आही नही सकता वैसे नही आने से आप लोगों से मिलने का सुनहरा मौका हाथ से चला जायेगा।
जवाब देंहटाएंअनिल जी आपके स्वास्थ्य की स्थिति जानता हूं इसलिए समझ सकता हूं , आपसे मिलने हम खुद छत्तीसगढ आ रहे हैं बस कुछ समय की बात है
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
झा जी नमस्कार
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की बधाई एवं
७ फरवरी की मीटिंग के लिए अग्रिम बधाई
गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंहमें तो डॉक्टर साहब से
जवाब देंहटाएंजरूर मिलना है।
वे यहां नहीं पहुंचे तो
खुशदीप जी के साथ हम
ब्लॉगर मिलन स्थल से ही सीधे
डॉ. दराल साहब की ओर कूच करेंगे।
बहुत सारे जो नहीं मिले हैं अरसे से,
वे अवश्य होंगे सात फरवरी को साथ,
हाथ में बांधे हाथ।
उस दिन घास काटने से भी
रखेंगे हम पूरा अवकाश।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें....
जवाब देंहटाएंदिनेश जी आप फ़िक्र ना करे, अगर आप के पास समय है तो आप को लाना मेरा काम है, मै आप से कल फ़ोन पर बात करता हूं.
जवाब देंहटाएंभाई हमे कल से बहुत सख्त जुकाम लग गया, सो आज हम ड्रा से दवा ले कर आये है, ओर आज से ओफ़िस की छुट्टी यानि आने से पहले फ़िट जरुर होना है, बाकी आप के लेख मै इतने सारे सज्जनो के नाम पढ कर दिल बहुत जोर जोर स्रे खुशी से धडकने लगा है.... जेसे अपने प्रिय से मिलने को कोई बेचेन हो...
तो हम समय से पहले ही पहुच्ने की कोशिश करते है आप सब को नमस्ते
@ राज भाटिया
जवाब देंहटाएंराज यह है कि
मैं तो रहता हूं
आपके दिल में
दिल आपका
दिल्ली में
अब लगा हुआ है।
Man to bada karta hai pahunch janeka..kya karen, apni alag maryadayen hain!
जवाब देंहटाएंIs meet ke liye dheron shubhkamnayen!
अजय जी बहुत बहुत धन्यबाद आखिर आप के अथक प्रयाश से वो दिन आ ही गया जिसक हमें काफी समय से इन्तजार था चलिए मिलते है
जवाब देंहटाएंसादर
प्रवीण पथिक
9971969084
हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंतरकेश्वर गिरि जी भी इच्छुक हैं उन्हे भी सूचित कर दें
अरे!..हमरी म्हरारू का नाम काहे नहीं लिखा रे?
जवाब देंहटाएंआज एक फरवरी हो गई
जवाब देंहटाएंद्विवेदी जी और राज भाटिया जी
आप दोनों कहां पर हैं
आपके फोन का इंतजार है
झा जी, हम तो तैयार बैठे हैं.
जवाब देंहटाएंसात तारीख रविवार को कहीं जाने का मूड बना रहा था, लेकिन आज यह पढकर, जाना कैंसिल.