रविवार, 31 मई 2009
इन्हें ब्लॉगर कहते हैं....
शनिवार, 30 मई 2009
ब्लॉग्गिंग में ये कौन करेगा....?
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ajay kumar jha
9871205767
शुक्रवार, 29 मई 2009
गली से गुजरते हो, रोज़
मंगलवार, 26 मई 2009
सितारों से मुलाकात
रविवार, 10 मई 2009
माँ तेरे जाने के बाद...........
माँ तू कैसे,
निभा लेती थी,सारी दुनियादारी,
मैं तो निभा नहीं पाया,
आज तक परोसदारी भी॥
अपनी संतानें हैं मेरी,
पर कैसे तू,
मुझे एहसास कराती थी,
मेरे लड़कपन का....
माँ अब जबकि ,
तू नहीं है,तो,
मैं बाबूजी को ,
दो बार चरण स्पर्श करता हूँ,
आख़िर तू उनकी अर्धांगिनी थी
बुधवार, 6 मई 2009
फ्रेंच, जर्मन, जापानी ,सीखनी है तो भिखारी बनिए न......कोर्स चालु है.....
ना जाने कितने दिनों से ये हसरत थी की , मैं अपने देश की भाषाओं का ज्ञान तो रखता ही हूँ मगर कितना अच्छा हो यदि इसके साथ ही कुछ अन्य विदेशी भाषाओं का ज्ञान भी हो जाए. और मेरा क्या ये तो कईयों का सपना होता है, हालांकि रेडियो प्रसारणों से सुन कर कई बार सीखने की कोशिश भी की मगर जल्दी ही पता चल गया की ये हम जैसे भुसकोल विद्यार्थियों के लिए नहीं है, कोचिंग संस्थानों में जाकर पता किया तो हिसाब लगा कर देखा की इतने में तो घर का एक साल का राशन ही आ जाएगा.
मगर आखिरकार कहते हैं न जहाँ चाह वहाँ राह निकल ही आती है, सरकार से तो मुझे कभी उम्मीद भी नहीं थी इसलिए ऐसी अपेक्षा रखना ही बेकार था, लेकिन पक्की ख़बर मिली है की राष्ट्रीय भिखारी प्रएवेत कंपनी लिमिटेड ने एक नयी सेवा शुरू की है, वो है विदेशी भाषाओं के ज्ञान हेतु कोचिंग संस्थान से शिक्षा.
दरअसल पूरी कहानी ये है की, आगामी राष्ट्रमंडल खेलों , जो की इस बार राजधानी दिल्ली में ही होने जा रहे हैं, उसके लिए सभी भिखारियों को एक ख़ास क्रैश कोर्स करवाया जा रहा है, ताकि वे खिलाड़ियों और उनके साथ आए ,मेहमानों से उनकी भाषा में ही पूरे आदर और प्रेम से भीख मांग सकें….. वाह इसे ही कहते हैं ...व्हाट एन आइडीया सर जी ......... . आख़िर क्यूँ न हो .....इतनी मंदी के दौर में भी ........जी हाँ ये बिकुल सच है .........इस राष्ट्रीय भिक्षा कंपनी का कुल तर्नोवर लगभग छ सौ करोड़ का है......, अब पता चला की इसके लिए उन्हें कितनी नयी नयी योजनायें बनानी पड़ती हैं. आजकल इस स्पेशल कोर्स के लिए बाकायदा उन्हें शाम को थोड़ी देर का भीख ब्रेक मिलता है और उनके लिए एक कैब आती है जो उन्हें इन प्रशिक्षण केन्द्रों तक ले जाती है.....आगे की योजनायें तो और भी कमला हैं.... सूना है की जिसका परफोर्मेंस इसमें अच्छा रहेगा उन्हें बाहर विदेशों में भी भेजा जाएगा....... हाय रे हमारी किस्मत अपनी मुई नौकरी में तो आज तक नेपाल और बंगलादेश भी ना जा सके....
जब इसमें दाखिले के लिए गए तो उन्होंने कहा की देखिये वैसे तो इसमें ये सब जुगाद्बाजी नहीं चलती मगर चूँकि आप शक्ल सी... अक्ल से....हैसीयत से.....और कुल मिला सभी ऐन्गेल से भिखारी ही लगते हैं इसलिए आप भी सीख सकते हैं......लेकिन पता चला की उन्हें सिर्फ़ इतना सिखाया जा रहा है......हम गरीब हैं.....सरकार भी हमारी कोई मदद नहीं करती.....इश्वर से दुआ करेंगे की आप यहाँ हमारे देश के खिलाड़ियों को भी हरा कर खूब नाम कमायें...... फ़िर मैंने सोचा ....लो आज ये बात तो देश का हरेक आम आदमी कह और सोच रहा है......
इस पैकेज के साथ ही ऑफर मिली की आपको भिक्षा कंपनी सस्ती दरों पर ऋण भी उपलब्ध करायेगी और रीतायार्मेंट के बाद आपको आपकी शक्ल के हिसाब से प्लेसमेंट भी दिया जाएगा....
कमला है इतना अनोखा पॅकेज तो कोई भी नहीं देता......जाते जाते उन्होंने कहा की हमें इस देश की सरकार और खिलाड़ी मत समझना हम स्पेशलाइज्द तैयारी करते हैं.......
तो आइये सीखें हम भी कुछ नयी भाषाएँ.....हाय तब मैं कुछ पोस्ट जापानी... कुछ फ्रेंच में ....कुछ जर्मनी में......ओह ओह