
(मेरे ख्याल से सबसे बाएं से श्री सुरेश यादव जी के साथ श्री अरुण सी रॉय जी , चाय की टेबल के पास , श्री पद्म सिंह , श्री शाहनवाज सिद्दकी , श्री प्रेम जनमेजय जी , एम वर्मा जी , श्री राजीव तनेजा , श्री रतन सिंह शेखावत जी , श्री नीरज जाट बैग टांगे हुए , हाथ में कप लिए तारकेशवर गिरि और जेब में हाथ डाले श्री अरविंद चतुर्वेदी जी )हां तो जैसा कि मैंने कल ही कह दिया था कि अभी सिर्फ़ आप फ़ोटो शूट का मजा लीजीए , जब तक मुंह का जायका बनेगा बनेगा , मैं इतने में कमाल की डिश का इंतज़ाम कर दूंगा । इस बीच इस पोस्ट पर कई मित्रों ने इसके बावजूद शिकायत कर ही दी , कि फ़ोटो के नीचे नाम नहीं लगाए गए , या फ़िर ये कि इस पोस्ट पर कि रिपोर्ट बहुत संक्षिप्त सी रही । हालांकि इसका एक बडा कारण ये भी रहा कि , मेरे पास और कहें तो हमारे पास कोई भी एक समूह चित्र ऐसा नहीं था जिसमें सब के सब शामिल थे , ताकि कैप्शन में सबका नाम परिचय बताया जाता । तो लीजीए झा जी तैयार है सिलसिलेवार रपट पेश करने के लिए । मैं बताऊंगा आपको कि ये मीट कैसे पका , कौन कौन से मसाले डाले गए और कितनी सीटी लगवाई गई । किसका क्या नाम है आदि आदि भीजैसा कि , पोस्टों से ही जाहिर था कि , कार्यक्रम की सूचना संगोष्ठी से तीन दिन पहले ही लगाई गई , क्योंकि उससे पहले तक स्थान का निर्धारण नहीं हो पाया था । फ़िर जब हिंदी संसार से जुडे हुए और प्रवासी डॉट कॉम के अनिल साक्षी जी ने , diwan chand institute of national affairs में अपराह्न तीन से पांच बजे तक ब्लॉगर्स को एक छोटा सा अंतरिक्ष केंद्र उपलब्ध कराया जहां , शनिवार को ....उडनतश्तरी को लैंड कराया जा सके । सो इसी कार्यक्रम के अनुसार श्री अविनाश वाचस्पति जी ने , विभिन्न पोस्टों के माध्यम से जानकारी वाली पोस्टें लगाई ।तय समय से थोडा सा पहले जब मैं वहां पहुंचा तो शिवाजी स्टेडियम के बाद थोडा सा ठिठकना पडा , फ़ौरन अविनाश भाई को फ़ोन लगाया और जब उन्होंने बताया और उस दिशा में मुडा तो देखा कि , अविनाश भाई बाहर ही हाथ हिला रहे थे । प्रांगण में घुसते ही देखा तो मित्र ब्लॉगर्स के अलावा रचना जी , प्रेम जनमेजय जी , श्री बालेन्दु दधीच जी श्री रतन सिंह शेखावत जी , राम बाबू सिंह , पद्म सिंह जी ,वहीं खडे बोल बतिया रहे थे । मुझे थोडी सी हैरानी तब हुई जब एक आध मित्र ने मुझे सामने पडने पर थोडी देर तक ठिठकने के बाद पूछ ही लिया कि आप ..और जैसे ही मैंने कहा झाजी ..वे थोडे ज्यादा चौंक गए ..मैं खुद भी हैरान था कि यार एक पतली सी मूंछें और चश्मे ने हमें ही अनजाना कर दिया हद है यार ।( इसमें भी सब वही हैं सबसे बाएं कप लिए खडे हैं श्री बालेन्दु दधीच जी )( और ये रही महिला मंडली , बाएं से श्रीमती संजू तनेजा , रचना जी और सरोज जी )अब ब्लॉगर्स एक साथ हों और बात न करें ऐसा कैसे हो सकता है भला , फ़िर सुपर स्टार उडनतश्तरी जी की प्रतीक्षा में खडे होने का दोहरा फ़ायदा उठाने की गर्ज़ से हम तो जो साथ मिला लगे बतियाने । रतन सिंह जी हमेशा की तरह कुछ दिलचस्प किस्से साझा करते हुए बताया कि आजकल लोग बाग साईट बनाने /बनवाने के नाम पर वर्डप्रेस को ही थोडी फ़ेरबदल करके तीस चालीस हजार तक लपेटे ले रहे हैं । तब तक भाई राजीव तनेजा जी एवं उनके साथ बाय डिफ़ॉल्ट भाभी संजू तनेजा जी भी पहुंची । इसके बाद तो जैसे सब एक एक करके आते गए और कारवां बनता गया । श्री तारकेश्वर गिरि जी , श्री शाहनवाज सिद्दकी , श्री नीरज जाट जी , श्री अरुण सी रॉय जी श्री सतीश सक्सेना जी , श्री एम वर्मा जी , श्री मोहिन्द्र कुमार जी , श्री सुरेश यादव जी , श्री निर्मल वैद्य जी , डॉ वेद व्यथित जी आदि पहुंचते गए ।समय बिताने के लिए करना था कुछ काम ,किसी ने थामा समोसा , किसी ने प्याला लिया थाम ,ये दौर अभी चल ही रहा था कि , अचानक एक गाडी में सुपर स्टार और मुख्य अतिथि , सबके चहेते , समीर लाल , कनेडा वाले अपने उडनतश्तरी जी पहुंचे । मेरे कानों में डॉन का म्युजिक चल रहा था ...और सुनाई दे रहा था टैण टैनेन ..टैनेनेने ..।( और ये हुई लैंडिंग , ओहो ये तो पीछे छुप गए )वे गाडी से उतरते ही सबसे लपक कर ऐसे मिले जैसे उनकी टिप्पणी हर नए ब्लॉग और ब्लॉगर से मिलती है । सबने एक एक करके अपना परिचय दिया सिर्फ़ नाम भर और गले लगते गए । ओह क्या मंजर था कमाल , मैंने तो पहले कहा कि , आपको पहले छू कर देखता हूं ..आखिर आप मेरे इकलौते फ़ेवरेट एलियन जो हैं । ऐसा लग रहा था कि जिन्हें अब तक अपने उनके ब्लॉग पर हमेशा ही पाते थे आज उन्हें साक्षात पा रहे थे । मेरा दिल तो कह रहा था कि उनके कान में कह ही डालूं कि ,यूं ही दीदारे यार किया करो सनम ,वर्ना हम तुम्हें खुदा मान बैठें हम नहीं खतावार ,अब करें क्या गुनाह हमारा भी नहीं ,सुना है कि खुदा ही देते हैं इतना प्यार ......( राजीव तनेजा , खुद उडनतशतरी जी , अविनाश वाचस्पति जी , सरोज जी , रचना जी एवं श्रीमती संजू तनेजा जी )रचना जी ने उन्हें सप्रेम एक भेंट दिया जिसे उन्होंने सहेज कर रख लिया ।(जरूरत है क्या बताने की ??)इसके बाद वे भी एक कप चाय लेकर अंदर की ओर सभी के साथ अग्रसर हुए । अंदर सभी उपस्थित मित्रों ने अपना अपना स्थान ग्रहण किया । उडनतश्तरी जी , बालेन्दु दधीच जी और श्री प्रेम जनमेजय जी को साथ साथ बिठाया गया ताकि उडनतश्तरी ,,सितारों के साथ रहे तो और भी चमक और छ्टा देखने लायक हो ।
श्री अनिल जोशी जी , श्री बालेन्दु दधीच जी , श्री समीर लाल जी एवं श्री प्रेम जनमेजय जी
सबसे पहले श्री अनिल जोशी ने बात प्रारंभी की । एक औपचारिक शुरूआत के बाद , सबसे पहले श्री खुशदीप सहगल जी के पिताजी के हाल ही में देहावसान की सूचना देकर एक मिनट का मौन रखा गया ।
फ़िलहाल पहली किस्त में इतना ही ...आगे के लिए साथ बनाए रखिएगा ...
चित्रों को बड़ा करके देखा गया -मगर वे हेजी लगे !
जवाब देंहटाएंआपकी तस्वीर और मेडल वाली टिप्पणी देख कर आ रहा हूं. चलिए, भरोसा बन रहा है कि टीम बदलती रहेगी फिर भी लाइव खबरें इसी तरह मिलती रहेंगी.
जवाब देंहटाएंआपकी बात दुरूस्त है मिसर जी ,
जवाब देंहटाएंदरअसल इस संगोष्ठी में यदि किसी बात की कमी खली तो वो थी फ़ोटोग्राफ़ी । मैंने जूम करके जितनी फ़ोटुएं खींचने की कोशिश की वे हेज़ी हो गईं वैसे अगली रिपोर्टों में आपको शायद अच्छी तस्वीरें देखने को मिलें , वैसे चित्रों के लिए और भी सभी शामिल मित्रगण अपनी पोटली खोलें तो ज्यादा मजा आएगा , मेरे से तो आप आखों देखा हाल सुनिए मजे में ।
हाँ अब सामान्य ज्ञान बढ़ा। बहुत धन्यवाद आपका।
जवाब देंहटाएंपहली किस्त की खेप पहुँची .. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपके अन्दाज में रपट (रिपोर्ट) का मज़ा ही कुछ और होता है
.......बस अब दूसरी खेप का इन्तजार है !!
जवाब देंहटाएं:-)
पहली खेप बढ़िया रही ...
जवाब देंहटाएंझा जी याद रखियो डिलेवरी टाइम पे होनी चाहिए ........ अरे भाई अगली खेप की !!
जवाब देंहटाएंबढ़िया चित्रमयी एवं विस्तृत रिपोर्ट...
जवाब देंहटाएंअगली कढ़ी का इंतज़ार है चावल के साथ :-)
लगे रहो ...बढ़िया रिपोर्टिंग :)
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन और चित्रमयी रिपोर्ट... ब्लोगर विमर्श के बारे में काफी कुछ बता दिया आपने, साधुवाद!
जवाब देंहटाएंअगली रिपोर्ट का इंतज़ार रहेगा.
बढ़िया और विस्तृत रिपोर्ट के लिए आभार झा जी !
जवाब देंहटाएंझा जी विषय वस्तु व तस्वीर उसपर आपकी रिपोर्टिंग वाह मन गद-गद हो गया |
जवाब देंहटाएंसंगोष्ठी की सफल चित्रण व प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई |
पढ़ ली जी, अब आगे का इंतजार है।
जवाब देंहटाएंरोचक रपट और चित्रों के लिये आप का आभार...
जवाब देंहटाएंआप अपनी चश्में वाली फ़ोटो को प्रोफ़ाईल में लगायें.. हमें वहां आपको पहचानने में थोडी दिक्कत हुई ;)
हमें तो रिपोर्ट से ज्यादा शेर अच्छा लगा , एकदम झकास !
जवाब देंहटाएंआप खुद एक शेर हैं ,
जवाब देंहटाएंआप भी अच्छे लगे ।
उड़न तश्तरी तो ख़ैर है ही एक बुलंद शै ।
जवाब देंहटाएंHAN.....LIJIYE....POORE TAYAR BAITHE HAIN.......
जवाब देंहटाएंNEXT PLEASE
PRANAM
‘चाय की टेबल के पास , ....’
जवाब देंहटाएंहां, पता चला कि कार्यक्रम आरम्भ होने के पहले ही चाय की चुस्कियां चली और यह भी कि कितने लोग किस लिए आए थे :)
हाँ अब कुछ पता चला.अगली किश्त का इंतज़ार है.
जवाब देंहटाएंJha ji kahin to sahi kahin aur achhi tarah se kahin , lekin jo bhi ho maja khub aaya.
जवाब देंहटाएंदिलचस्प रिपोर्टिंग्……………आगे का इंतज़ार है।
जवाब देंहटाएंजा नहीं पाया, लेकिन आपकी रिपोर्टिंग का बेसब्री से इंतजार शुरू हो गया था।
जवाब देंहटाएंअब सिलेसिलेवार रिपोर्ट भी दीजियेगा।
प्रणाम
लगे रहिये। अभी तो अगली रिपोर्ट भी बनानी है। फोटू का बन्दोबस्त है न? शुभकामनायें। बाकी की रिपोर्ट का इन्तजार।
जवाब देंहटाएंसब तो ठीक है लेकिन चचा के साथ आपका फोटू है की नहीं????है तो वो भी लगाया जाये..
जवाब देंहटाएंरिपोर्टिंग तो झक्कास थी भईया...
लेकिन आपका फोटो ही नहीं दिखा कहीं :(
अरे हमरे गोलगप्पा ..
जवाब देंहटाएंजब ई हमहीं खींच रहे थे तो फ़िर हम खुद कईसे होंगे ई सब में बकिया जगह पर हैं रुको अगला पोस्ट में दिखाते हैं तुमको
आपको तो आजतक टीवी चैनल में रिपोर्टर होना चाहिए था |
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