मेरा अंदाजा है की अभी पिछले वर्ष ही ब्लॉग जगत में के प्रतियोगिता हुई थी जिसका नाम च जा ई , और सबसे कहा गया था की च जा ई का क्या मतलब होता है ये बताएं , ये तो खैर मुझे बहुत बाद तक नहीं पता चल पाया की च जा ई का क्या मतलब होता है किंतु इन दिनों जैसी परिस्थितियाँ चल रही हैं , उसे देख कर निश्चित रूप से यही कहा जा सकता है की इन दिनों च ज ऊ , का दौर चल रहा है , च ज ऊ यानि चलो जूता उठाएं , हाँ ज के आज कल जय सारे मतलब निकले जा रहे हैं जो इस तरह हैं।
ज का पहला मतलब जूता :- कभी ये पैरों की शान हुआ करता था मगर कहते हैं न की सब दिन होत न एक समाना, इसलिए आज जूता माथे या कहें की चेहरे की शान बना हुआ है और खुसी की बात ये है की काफी बड़े बड़े लोगों की ताजपोशी की जा रही है इससे. यहाँ जूते पर याद आ रहा एक छोटा वाक़या सुनाता चलूँ. एक व्यक्ति एक बार फोटो खिंचवाने पहुंचा और फोटोग्राफर से कहा की आप मेरी पासपोर्ट साईज की फोटो खींच दें, मगर शर्त ये होगी की उसमें मेरे जूते भी नजर आने चाहिए. फोटोग्राफर ने जब सारा दिमाग लगा दिया तो उसको यही एक आखिरी रास्ता सूझा , उसने कहा आप जूता अपने सर के ऊपर रख लें जूता भी आयेगा पासपोर्ट तस्वीर भी.
ज का दूसरा मतलब जैदी ;- जी हाँ इराकी पत्राकार जिनके कारनामें ने ऊपर वर्णित यन्त्र को इतनी ख्याति दिलवाई की जितनी वो भी न दिलवा पाये होंगे जिन्होंने जूते का निर्माण किया होगा. बस एक बात ये की दो दो बार निशाना चूक गए, फिलिअल कारागार में हैं.
ज का मतलब जरनैल सिंग ;- ये जैदी साहब के भारीतय संस्करण हैं , समानता ये की ये भी पत्रकार हैं और बिल्कुल उतने ही आक्रामक जितने की जैदी हैं, इनका निशाना भी बहुत गंदा है , या ज्यादा अफ़सोस की बात है की राज्यवर्धन सिंग और अभिनव बिंद्रा के देश में ऐसे गंदे निशाने बाज रहते हैं, यही वजह है की इन्होने दूसरी बार कोशिश ही नहीं की.
ज का मतलब जागरण ;- ये ऊपर वर्णित कलम के सिपाही से चप्पल के शिकारी के रूप में परिवर्तित होने वाले जरनैल सिंग इसी संस्था से जुड़े हुए थे. इनका जन जागरण अभियान अभी कितना रंग लाएगा ये देखने वाली बात होगी.
ज का मतलब जनता का जनाक्रोश :- आजकल जनता सिक्खों पर हुए अत्याचार और उसमें सरकार की भागीदारी को लेकर बेहद बुरी तरह आक्रोशित है , किंतु समझ नहीं आ रहा की आख़िर ये जनाक्रोश उनके प्रति क्यूँ नहीं है जो सरकार के अगुवा हैं और खुश्मती या बदकिस्मती से स्वयं हे इक सिख्ह हैं.
ज का आखिरी मतलब जय राम जी की, अजी जय श्री राम वाले राम नहीं , राम सेना वाले भी, जय राम जी की मतलब हम चले …………………….
वाह!!! अजय जी आपको नही लगता कि ये जूतम-पैज़ार उसी इराकी ज़ैदी की तर्ज़ पर है? इससे पहले लोकसभा की कार्यवाही के दौरान उम्दा किस्म के झगडे-गालियां तो बहुत हुईं लेकिन ये जूता-फेंक प्रतियोगिता अभी बुश-कांड के बाद चलन में आई है? च ज उ बहुत शानदार है...
जवाब देंहटाएंजूते उठाने का जमाना तो कब का खत्म हो चुका। अब तो जूते मारने का चल रहा है।
जवाब देंहटाएंऊ का मतलब ऊपरवाला, ऊ का मतलब ऊपर उठा ले और ऊ का मतलब राम राम सत्य है:)
जवाब देंहटाएंaap sabkaa bahut bahut dhanyavaad, padhne aur saraahne ke liye.
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