मंगलवार, 10 नवंबर 2009

यार पंद्रह को दिल्ली के ब्लागर फ़्री हैं क्या ....?

.....आप कहेंगे ।कि लो ये क्या प्रश्न हुआ भई ....ब्लोग्गर हैं तो फ़्री कैसे होंगे, फ़िर ऊपर सेआप कह रहे हैं कि दिल्ली के ....अजी यहां तो रजाई बनाने वाले कारीगर भी मई जून कीगर्मी में भी फ़्री नहीं हो पाते, सडकों पर जूलूस भी निकल रहा हो किसी का दिल्ली आने जाने में ही पूरा जाम लगा देती है ॥सडकें भी फ़्री नहीं होती ..तो फ़िर काहे स्पेशली दिल्ली केब्लोग्गर्स से पूछा जी अरे नहीं यार कुछ लोग इस एंगल से भी कह सकते हैं कि ..फ़्री हैं तभिये तो ब्लोग्गर है जरा से भी व्यस्त होते ..तो वही होते जिसके लिये व्यस्त होते ... ब्लोग्गर्स थोडी होते ॥लेकिन मुद्दा ये नहीं हैजी ... ही हम कौनो ब्लोग्गर एम्प्लौयमेंट एक्स्चेंज़ का स्थापना करने वाले हैं वैसे ब्लोग्गर्स के लिये पेंशनस्कीम जरूर सोची है ....मगर हमारा व्हाट एन आईडिया बनने से पहले ही फ़्लौप हो गया ...कारण एक ही था कोईब्लोग्गर् जीते जी तो ब्लोग्गिंग से रिटायर होने से रहा ..एक बार किसी मरते हुए ब्लोगगर से उसकी आखिरी इच्छापूछी गई तो ..उसका कहना था ..

बस जी जाते जाते ये बता दिजीये कि ,...
पहेली में अबके उडन जी की जगह कौन जीता...?
हां, आजकल कौन कौन एक दूसरे के नाम से पोस्ट लिख रहा है ..?
किसी की पोस्ट पर बेनामी जी की टीप से कोई नया लफ़डा शुरू हुआ क्या...?
कौन सी वाली चिट्ठा चर्चा में हमारी पोस्ट की चर्चा हुई/नहीं हुई ....?

पूछने वाले ने कहा...भैये ..ये सारे सवाल के जवाब सुनिये के मरोगे का ....तब तो तुम्हरा मरना ..कैंसिले होगा ..

देखिये मैं फ़िर भटक गया ...छोडिये मरने मारने की बातें ....दरअसल बात ये है कि ..बहुत विश्वस्त सूत्रों से पता चला है ..कि इस सप्ताहांत कुछ ब्लोग्गर्स ..(अजी दिल्ली के फ़्री वाले नहीं )..बल्कि दूर/सुदूर वाले का पदार्पण दिल्ली मे होने वाला है । कौन कौन हैं ....कहां कहां से ..क्यों पधार रहे हैं ..दिल्ली ही क्यों पधार रहे हैं ॥..भई इसका पता तो देर सवेर आप सबको चल ही जाएगा ..लेकिन चूंकि ..इस बरस सम्मेलनों का कुल निर्धरित कोटा ..हाल ही में हुए दो बडे बडे सम्मेलनों के कारण समाप्त हो गया है ..इसलिये ये तो पक्का है कि सम्मेलन उम्मेलन तो नहिये होगा ..ओईसे भी घर वाले कहे हैं कि इस मुई ब्लोग्गिंग के लिये आपके नेट का बिल का पेमेंट हो रहा है ..यही गनीमत समझिये,....ई सम्मेलन उम्मेलन किये और करवाये त जान लिजीये कि जबरिया वोलेंट्री रिटायरमेंट करवा दिया जाएगा ॥ हां इतना जरूर है कि ..जब मिल बैठेंगे ब्लोगगर चार ..आठ..सोलह ...या पता नहीं और कितने तो .......? हां यही तो देखना है कि ...का का हो सकता है .....?भई दिल्ली वाले इस लिये कहा है कि ..दिल्ली वालों के लिये तो ये कंपल्सरी सबजेक्ट है ..बकिया लोग आस पडोस के जतने भी हैं ......फ़्री होईये न ॥

अरे टेंशन कौनो मत लिजीये जी ....न खाने का न पीने का ॥ और भी किसी बात का भी नहीं ....काहे से जब हम लोग ही टेंशन नहीं लिये तो ..आप काहे लिजीयेगा जी ...और जब टेंशन नहीं लिजीयगा न ..तो ई सब तुच्छा बातों पर ध्यान नहीं जाएगा ...तो बस पंद्रह को फ़्री रहिये ...काहे से कि हमारे साथ व्यस्त होना है आप लोगन को ...कहां ..कितने बजे..कितने बजे तक.....लिजीये आजे थोडी बता देंगे आप लोगन को ....तब तक ..थोडा इंतजार का मजा लिजीये ...। बुधवार, वीरवार का मजा लिजीये ॥

35 टिप्‍पणियां:

  1. लगता है कोई खास बात है चलो इन्तज़ार करते हैं। ये न हो कि खोदा पहाड और निकली चुहिया शुभकामनायें

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  2. जी पहाड खोदने पर चुहिया नहीं निकलेगा ..इतना विश्वास दिलाते हैं ..

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  3. बताइए तो 15 को क्या है?
    कोई मौज-मूज का पिरोगराम होय तो हमहीं आय जाँय।

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  4. हम खाली तो हैं १५ को मगर दिल्ली के ब्लागर नहीं है न और न ही दिल्ली में होंगे.

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  5. का करें हम आ जाऊँ का? हम तो बगल ही के हैं... नखलऊ से दिल्ली केतना दूर है ही ?
    आ जाएँ का?

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  6. बिलकुल फ्री हैं जी. बस जगह बताईए 14 से ही आ जाते है और 16 को वापस जायेंगे.

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  7. फ्री तो नहीं हम उस दिन, ना ही दिल्ली के हैं
    क्या करें?

    बी एस पाबला

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  8. Are Ajay bhai thoda extend nahin ho sakta program 8-9 din ko 24 ko to ham bhi 12 baje tak India pahunch jayenge IGI Airport se seedhe aapke darshan ko...
    Jai Hind

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  9. हम 15 को बिल्‍कुल फ्री होंगे
    क्‍योंकि उस दिन
    जमीन पर नहीं
    आसमान में होंगे।
    आसमान में सब तो
    हुआ जा सकता है
    पर फ्री नहीं
    वहां फ्री हो गए तो
    यहां प्री हो जाएंगे।

    लगता है फिर पहेली
    और जीतेंगे
    सिर्फ उड़नतश्‍तरी
    इसलिए उनका जवाब ही
    हमारा जवाब समझा जाए
    वो हों विजेता तो
    हमें माना जाए।

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  10. अपुन ने तो अभिए से उलटी गिनती शुरू कर दी है

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  11. भाई जी
    सादर वन्दे!
    हम तो दिल्ली के ही हैं का बात है जी लगता है राज ठाकरे से मिलाना है का कि भईया तनी इहाँ आ जाओ हम भी देखें तुम्हारा मराठी प्रेम ...........
    रत्नेश त्रिपाठी

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  12. aaj achaanak hi aapke blog par entry hui.....aur delhi ki baat padh jigyaasa bhi....bhai hum to dillivasi hi thahre....to ab to besabri se intzaar hai ki kya hone wala hai 15th ko.....lekh mazedaar laga....badhai

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  13. अरे अजय जी ! हम न तो दिल्ली के हैं और न दिल्ली में हैं ..हाँ फ्री जरुर हैं ...अब हम का करी ...

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  14. हम तो बच गए बछुवा! काहे से कि हम दिल्ली के नाही है ना:)

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  15. अरे भईया हम भी पास ही में है, नोयडा में। बताईयेगा कब आना है । हम तो इन्तेजार में रहते है फ्री वाली दावत के लिए।

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  16. भई इससे पहले कि आप लोग ..हम दिल्ली के हैं ,....हम दिल्ली के नहीं हैं ..कह कह के हमरी टांग खींचे हम कुछ तो क्लीयर करिये देते हैं ..देखिये जी ..ई जौन महानुभाव लोग ऊपर टीपे हैं ..ऊ में से कुछ लोग ..दिल्ली पधार रहे हैं..अब ई लोग अपने रिशतेदार से मिले न मिले..हम लोग से बिना मिले तो निकलने नहीं देंगे ..जल्दी ही सब कुछ तय होते ही ब्लोग पर डाल देंगे ..बकिया फ़ोन तो हईये है ...अरे है न जी ...कि नहीं लिजीये न ...
    09871205767..कलो बतियाते हैं फ़िर ..

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  17. फीरी नय होंगे तो हो जाएंगे,बाकी फीरी में कुछ करेंगे नहीं। ऐसे भी ठंडा बढञ गया है दिल्ली में. फ्रीरिए में करने का नतीजा है कि हर साल दांत किटकिटा के काट देते हैं जाड़ा। अब जादे हुझौअल मत बुझाइए,साफी-साफी बताइए,का प्रोगराम है। और हां,फरीदाबाद वाले भाई लोगों की तरह ब्लॉगर सम्मेलन बोलके कवि सम्मेलन मत करवाने लगीएगा। उ घड़ी तो छोड़ दिए लेकिन आपको नय छोड़ेगे,जहां झेलाया तो।.

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  18. भाई अगर टिकट भेजो तो इस १५ क्या हम अगली १५ तक आप के पास ही रहेगे, बोलिये क्या राय है

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  19. झा जी-हम जानते हैं कि आप क्या करने वाले हैं
    लेकिन क्या करे पहुंचते हम भी, यहां जरुरी समस्या समाधान करना है और रही दिल्ली की बात महिना मे एक दु बार हमको "दिल्ली" ना देख ले तब तक इसको भी चैन नही पड़ता है। हमारी पुरानी यारी जो है। लगे रहिए।

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  20. अच्‍छी चर्चा में है दिल्‍लीनामा

    खूब मचाएंगे अजय झा हंगामा

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  21. हम फ्री भी हैं पर दिल्ली नहीं आ सकते हैं !
    सो क्या करें काहे की हम दिल्ली के जो नहीं?

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  22. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बाद नेताजी अजय कुमार झा का आह्वान....

    दिल्ली चलो...

    फिर हमारे लिए भी अब दिल्ली दूर नहीं...

    जय हिंद...

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  23. @ खुशदीप सहगल जी आपने झा जी का नया नामकरण कर दिया. धन्यवाद. नेताजी अजयकुमार झा जी. बस एक यही कमी थी. अब एक ब्लाग नेता मिल गया है तो अब उन्नति तेजी से होगी.

    अब झाजी से..मेरा मतलब नेताजी से...

    नेताजी ये कार्यक्र्म २२ को नही रख सकते क्या? काहे से कि हम २२ को एक शादी मे नेतागिरी करने आऊंगा तो हम भी शरीक होलेते?:)

    वैसे आप लिख रहे हैं कि सम्मेलन कोटा खत्म हो गया तो आप चिंता काहे करते हैं ? हमारे पास गधा सम्मेलन के बाद एक बंदर सम्मेलन और एक उल्लू सम्मेलन का परमिट बचा हुआ है. आप कहें तो एक परमिट आपको देदेंगे ..आप करवा लिजिये एक सम्मेलन.:)

    रामराम.

    रामराम.

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  24. देखिये अजय जी,
    अब हम कहेंगे तो आप कहियेगा की हम कह रहे हैं...बाकि हम कहेंगे ज़रूर.....इ का बात हुआ ....'दिल्ली का ब्लाग्गर' ..... इ तो ऐसे ही हो गया जैसे 'मुजफ्फरपुर का लीची' अरे 'दिल्ली का ब्लाग्गर' का कोनो सिंघ-पूँछ है का....ब्लाग्गर ही इक ऐसा जंतु है जो 'सर्वव्यापी' है......इसलिए बिना मतलब का बात मत कीजिये हाँ...एक तो सब जने हमको छोड़-छोड़ के पार्टी करते हैं ऊपर से 'दिल्ली का ब्लाग्गर' बोल-बोल के घाव में नून लगाते हैं.......हाँ नै तो........१५ को फुर्सत में हैं हम ........बाकि आयेंगे नहीं.....हाँ आपलोग याद जरूर कीजिये....हमरे जैसन लोगन को नहीं तो ठीक नहीं होगा ...कह दे रहे हैं....

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  25. भई फ़्री तो हैं मगर न तो दिल्ली के हैं और न दिल्ली मे रहेंगे।

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  26. hum to chook gaye bas 40 kilometer se .......... hum Faridabad ker hain .......... nahi to humko bhi nyota mil jaata ....

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  27. क्या झा जी ....ये अच्छी बात नहीं है ...सिर्फ दिल्ली वाले ? वैसे हम भी बाल दिवस मना के थक गए होंगे ...वर्ना कविता ठेलने का ये मौका कतई हाथ से ना जाने देते...पिछली बार की तरह ....

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  28. लगता है आप लोग मानेंगे नहीं ..भई सीधा सीधा ये कि जो भी संडे को फ़्री हैं ..फ़्री रहें ..हम गले मिलाने को बुला रहे हैं आप सबको कहां कितने बजे जल्दी ही बताएंगे ..और आप लोगन जो भी जहां से भी आ सकते हैं जरूर आईये जी ...कौनो कैमरा मना थोडी करेगा कि ...एतना लोगों का फ़ोटो नहीं खींचेंगे ..ऊ तो खींचबे करेगा न ..हां हां ओईसे ही जैसे आप लोग हमरी खिंचाई कर रहे हैं ...\\

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  29. भाई अजय कुमार झा कुछ ऐसा माहौल बनाईये दिल्ली की ये मंद मंद सर्दी और सुबह सवेरे पीपल के पेड़ तले गरमागरम चाय और समोसे !!!
    भाई हम तो ज़रूर आयेंगे बस जल्दी से जगह बताइये !!!

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  30. और ताऊजी कुत्‍तों ने क्‍या जुर्म किया है। कुत्‍ता सम्‍मेलन कब करा रहे हैं। परमिट तो उनका भी मिल जाएगा।

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  31. आह! हम फिर से मन मसोस कर रह जाते हैं...और कर भी क्या कर सकते हैं\ रपट का इंतजार रहेगा!

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  32. काश हम भी दिल्लि के और दिल्ली में होते। चलिए शुभकामनाएं भेंज कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराता हूँ। जय हो।

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  33. अजय भाई,
    दूसरा शादी तो नहीं ना कर कर रहे है ?
    हम सब को बाराती बनने का विचार है क्या ?

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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