मंगलवार, 8 सितंबर 2009

मिलिये मेरी बुलबुल से....



बहुत पहले से सोच रहा था.....कि आपको अपने परिवार से मिलवाया जाये.....मगर कुछ तो अपना आलस.....और कुछ तस्वीरों की अनुपलब्धता के कारण ऐसा संभव ही नहीं हो पा रहा था....


फ़िर इसके लिये खास तौर पर आधुनिक सुविधा से युक्त मोबाईल फ़ोन खरीदा गया...फ़्लाई...ई १०५...बस इसके बाद इससे तस्वीरों को खींचने का सिलसिला...जब शुरूआत करने का फ़ैसला किया तो ...निर्णय हुआ कि ..हमारे घर के सबसे कमाल के सदस्य से ही शुरूआत की जाये...और निर्विवाद रूप से वो है ..हमारी बिटिया रानी...बुलबुल ...यानि ..अदिति ...

जब हमारे घर में .....पुत्र आयुष के बाद .. दूसरी बार खुशी आने वाली थी......तो जैसा कि महिलाओं में ही अधिक जिज्ञासा रहती है...यही चलता था ....कि अबकी बार गोलू जी (मेरे पुत्र आयुष का घर का नाम ) का भाई आयेगा या बहन .....मगर मुझे अपने घर में ...दीदी के बाद यही ..इच्छा थी कि ...एक छोटी सी ...दीदी का रूप आ जाये...मगर प्रत्यक्षतः मैं आज के माहौल को देख कर ..थोडा सशंकित था...श्रीमती जी से यही बात कही ..तो आप भी सुनिये कि उन्होंने क्या कहा....बेटियां आदमी को इंसान बनाती हैं...और मकान को घर ....

और उनके इसी विशवास ने ...मुझे एक आत्मविशवास से भर दिया...जब हमारी ये बुलबुल जी घर में आयीं...तो बस जैसे सारा घर चहक उठा ...कहते हैं छोटी संतान चंचल होती है...जो कहते हैं बिल्कुल ठीक कहते हैं....अब ये बुलबुल जी हमारे पूरे घर को अपनी किलकारियों से गुंजायमान रखती हैं...जब भी लैपटौप पर काम करने बैठता हूं...बस जी हमारी गोद में इनकी सीट रिज़र्व हो जाती है...और तो और ...ये बुलबुल जी सोती भी हमारे पेट पर ही हैं..सुबह की सैर हो ...या रात की घुमाई...और कोइ जाये न जाये इनका जाना पक्क होता है...तो सोचा कि आपको भी मिलवा ही दूं अपनी इस बुलबुल से ..जो मुझे आदमी से इंसान बनना सिखा रही है...

अगली पोस्टों में हम आपको अपने ..गोलू जी और श्रीमती जी से भी मुलाकात करवायेंगे..फ़िर उनको दिखायेंगे..शायद इसी बहाने हमें भी ...डाक्टर साहब की तरह ज्यादा टाईम सैंक्शन हो जाये...

18 टिप्‍पणियां:

  1. .बेटियां आदमी को इंसान बनाती हैं...और मकान को घर ....
    वाह क्या बात है दिल करता है आप की कलम को चूम लू, बहुत सुंदर बात लिखी आप ने, ओर बुल बुल बिटिया का चित्र भी बहुत सुंदर लगा.
    गोलू ओर बुलबुल को बहुत सा प्यार

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  2. घर और इंसान
    मिलकर बनता है
    जो उसे कहते हैं
    स्‍वर्ग ...
    पर यह जन्‍नत
    जीते जी होती है नसीब।

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  3. भाई वाह क्या बात है। आपकी बुलबुल बहुत ही सुन्दर है। बधाई हो आपको, आप जैसी किस्मत सब की कहाँ। परिवार के और सदस्यो से मिलने कि चाह..........?

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  4. "हमारे घर के सबसे कमाल के सदस्य..." या यूं कहिए घर का कमल:)

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  5. बहुत प्‍यारी है आपकी बुलबुल .. मिलकर अच्‍छा लगा .. उसे मेरा स्‍नेहाशीष !!

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  6. बुलबुल बिटिया तो वाकई बुलबुल है. ईश्वर करे ये बिटिया यूं ही चह्कती रहे. और इस कथन पर बेटियां आदमी को इंसान बनाती हैं...और मकान को घर .... मेरा सलाम कबूल करें. बहुत सुंदर बात कही जी. शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  7. झा जी ,
    प्रणाम |

    बुलबुल बिटिया और गोलू भैया को हमारे पूरे परिवार की ओर से बहुत बहुत आशीष और प्यार|
    सटीक लिखा है आपने "बेटियां आदमी को इंसान बनाती हैं...और मकान को घर."
    लगे रहिये हमारी शुभकामनाये आपको ओर आपके पूरे परिवार को |

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  8. बुलबुल बिटिया और गोलू राजा को बहुत बहुत प्यार्।

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  9. बेटियां आदमी को इंसान बनाती हैं...और मकान को घर ....

    कितनी प्यारी बात कही!!


    -बुलबुल तो बड़ी प्यारी बच्ची है. और फोटो लाओ..अलियन से मिलवाओ..तबहि न घुमाया जायेगा बिटिया को उड़न तश्तरी में.

    अब अगली तस्वीर खुद की हेंचो और लगाओ!!

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  10. Badee praree baat aapne batayee...bachee ko dheron sgubhkamnayen!

    http:shanasansmaran.blogspot.com

    http://kavitasbyshama.blogspot.com

    http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com

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  11. बिटिया रानी को ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद।
    बेटियां आदमी को इंसान बनाती हैं...और मकान को घर...यही सत्य है।

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  12. चह्कते सुना था, आज देख भी लिया बुलबुल को
    बड़ी प्यारी है।

    और यह क्या एक ही फोटू!? लग रहा है कि कैमरे की पहली या दूसरी फोटो है। अब तक तो ढ़ेरों हो जानी चाहिए।

    अगली बार पिता-पुत्री की फोटू आनी चाहिए।
    तभी आप मुस्कुराते दिखाई पड़ेंगे :-)

    यह 100% सच है
    कि
    बेटियां आदमी को इंसान बनाती हैं...और मकान को घर

    बी एस पाबला

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  13. बच्ची की कुछ और भी तस्वीरें अपलोड करें...

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  14. "वो घर भी क्या घर है
    जहां बच्चियां न हों"
    सच ही है बहुत ठीक बात कही आपकी श्रीमती जी ने...सुन्दर तस्वीर.बिटिया को मेरा प्यार और आशीर्वाद भी.

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  15. बेटियां आदमी को इंसान बनाती हैं...और मकान को घर ....

    bahut hi sahi baat kahi hai aapne...... yahi baat mere father bhi kehte they,,,,,,,,........ isliye aaj bhi hamare ghar mein meri behen ki hi monopoly chalti hai......

    aap ke is lekh ne....... mann ko chhoo liya ......... title aaapne bahut hi achcha diya hai.......

    bitiya ko dher saara pyaar.... aur duayen......

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  16. "बेटियां आदमी को इंसान बनाती हैं...और मकान को घर ...." gazab kee baat kahee hai.

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  17. भय्या बड़ी नाइंसाफी......
    जो बुलबुल (अदिति) से मै आज मिल पाया......
    ढेर सारी शुभकामनाएं इसके लिए......

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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