अभी तो दिल्ली ब्लोग बैठकी की खुमारी तो पूरी तरह उतरी भी नहीं थी कि ये सिलसिला और आगे बढता सा जान पडा .....। आप सोच रहे होंगे यार ये झाजी तो अपनी ब्लोग्गर मिलन की अमर चित्र कथा पढा -दिखा कर ॥बिल्कुल पका देने पर तुले हुए हैं ...अब क्या करें जी जब हम बिलागर्स आपस में मिल बैठ के बतियाएंगे .....और जाहिर है कि ब्लोग्गिंग पर ही बतियाएंगे ....तो फ़िर उसे आप तक पहुंचाना भी तो हमारी ड्यूटी बन ही जाती है ...तो लिजीये हाजिर हैं ..।
दरअसल हुआ ये भाई दीपक मशाल ने सूचित किया कि उनकी स्वदेश वापसी हो रही है ...और उनका हवाई जहाज दिल्ली में ही उतरेगा सो सबसे मुलाकात हो जाए.....।तय कार्यक्रम के अनुसार वे पहुंचे और सबसे पहले खुशदीप भाई से उनकी मुलाकात हुई ॥वहीं से फ़ोनियाते हुए ये तय करने का प्रयास हुआ कि मुलाकात कहां हो ...।अपने राजीव भाई जैसे पहले ही ताक में बैठे थे ....फ़ट से न्योता दे डाला कि कल यानि ..२६/११/०९ को दोपहर का भोजन उनके यहां पर किया जाए...। हमने भी हामी भर दी .....एक और बैठकी का बहाना ...भला हम कहां छोडने वाले थे ॥ मगर छब्बीस की सुबह जब राजीव भाई (श्री राजीव तनेजा जी , हंसते रहो वाले) का फ़ोन आया तो ...बुलबुल की तबियत और कुछ कार्यालयीय मजबूरियों के कारण मैं थोडी अनिश्चितता दिखाई .......मगर उन्होंने अगले ही पल भाभी जी यानि श्रीमती संजू तनेजा जी से रिक्वेस्ट डबल करा दी । धर्म संकट बढ गया था ॥
हमने भी बचपन में स्कूल बंक करके पिक्चर देखने के लिए अपनाई जाने वाली सफ़ल तकनीक का अचूक उपयोग किया ...किसी बहाने से निकले...रास्ते में स्कूटर में वर्दी उतार कर रखे कपडे पहने और ...चल दिये तनेजा निवास । रास्ते में ही सूचना मिल गई कि छोटे मियां भाई दीपक मशाल पहले ही पहुंच चुके हैं । उनके घर पहुंचे और दीपक को देखने के बाद मेरे मन में जो पहला ख्याल आया वो ये था कि ...यार यदि अपने ब्लोग्गर्स को लेकर एक फ़ैशन परेड कराई जाए तो हिट रहेगा ...महफ़ूज़ अली, दीपक मशाल, खुशदीप सहगल....एक से एक स्मार्ट छोरों की लाईन है अपने पास ........। शो स्टौपर के रूप में उडन जी को लपेट लेंगे .....। वहां पहुंचे तो राजीव भाई के पडोस में रहने वाली विख्यात हास्य कवि ...बागी चाचा भी पधारे ...और कुछ ही देर में श्री एम एल वर्मा जी भी पहुंच गये ॥बाद में पता चला कि वे भी हमारी तरह ही बीच से निकल आए हैं॥ बस फ़िर तो कवियों और हास्य की धारा ऐसी बही कि पता ही नहीं चला कि कब समय बीत गया ...चाय, नाश्ते ,पकौडे , भोजन, फ़िर चाय कौफ़ी का दौर खूब लंबा चला ...और क्यों न चलता ,श्री राजीव भाई जितनी लंबी पोस्ट लिखते हैं उतना ही लंबा आयोजन भाभी जी ने खाने पीने का बना दिया । इसी बीच फ़ोटो शूट हुई ॥सबको एक साथ एक ही फ़ोटो में समेट लेने की हमारी दुविधा को हल किया ...राजीव भाई के सुपुत्र ने ...जिसने हम सबके मोबाईल से सबकी फ़ोटो बारी बारी खींची ....देखिये न
( बैठे हुए बाएं श्री एम एल वर्मा , और बागी चाचा ,
बाएं से राजीव भाई, दीपक मशाल, अजय कुमार झा और श्रीमती संजू तनेजा )
बात ही बात में हम लोगों ने बागी चाचा , श्री एम एल वर्मा जी , राजीव भाई , और दीपक मशाल की रचनाओं के पाठ का आनंद भी लिया । हमारे आग्रह पर कि ,बागी चाचा जैसे साह्त्यकारों को भी हिंदी ब्लोग्गिंग में लाया जाए...और बागी चाचा तथा ,श्री एम एल वर्मा और खुद हमारी कई तकनीकी शंकाओं के निवारण हेतु राजीव भाई ने एक इंस्टेंट कंप्यूटर क्लास लगाई ....बांकी विद्यार्थी तो क्लास ले रहे थे ॥हम पोस्ट बनाने के चक्कर में फ़ोटिया रहे थे....ठीक कर रहे थे न ....।
लेकिन इन सब बातों के बीच एक बात और तय हुई कि अब हम लोगों को कोई एक निश्चित स्थान ...तय करना चाहिये जहां समय समय पर सबसे मुलाकात और बात की जा सके ....तो आप तैयार हैं न .....उस समय और स्थान पर हमें गले लगाने और गले लगने को ॥
दिल्ली ब्लोग बैठकी का सिलसिला आगे बढा ...
शुक्रवार, 27 नवंबर 2009
दिल्ली ब्लॉग बैठकी का सिलसिला आगे बढ़ा , एक और बैठक हुई
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झा जी हम तो नहा धोकर लोटा कमण्ड्ल लेकर तैयार बैइठे हैं, लेकिन ताउ जी ने कहा है कि फ़्लाईट मे मच्छर ज्यादा हो गया है। सो हम डेंगु-मलेरिया को लेकर चिंतित हैं, बहुत बड़ा समस्या है, का करें?
जवाब देंहटाएंचलिए, दीपक जी मशाल जला रहे है नियमित ब्लागर दिल्ली-मीट की , तो शुभकामनाएं स्वीकारें:)
जवाब देंहटाएंसिलसिला ये प्यार का चलता रहे ...
जवाब देंहटाएंबी एस पाबला
अरे!...हम मियाँ-बीवी पूरे तीन ठौ बार बैस्ट कपल का अवार्ड जीत चुका हूँ...हमरा नाम फैस्न परेड के लिए काहे नाही लिखा रे?
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना। बधाई।
जवाब देंहटाएंअच्छा जी . शो के मेजबान .(राजीव भाई )ही परेड करेंगे तो बांकी लोग क्या करेंगे जी ..हां कपल ब्लोग्गर्स वाले में तो आपक भागीदारी और ईनाम पक्का है जी
जवाब देंहटाएंलेकिन इन सब बातों के बीच एक बात और तय हुई कि अब हम लोगों को कोई एक निश्चित स्थान ...तय करना चाहिये जहां समय समय पर सबसे मुलाकात और बात की जा सके ....तो आप तैयार हैं न .....उस समय और स्थान पर हमें गले लगाने और गले लगने को ॥
जवाब देंहटाएंसुंदर विचार है, दिल्ली को ब्लागर गोष्ठियों का केंद्र बनने दो। दो तो हो ही चुकी हैं। यदि कोई एक स्थान तय हो जाए जहाँ आना जाना सुविधाजनक हो तो यह सिलसिला अनवरत हो ले।
झा साब हम भी कम इशमार्ट नही हैं,एक चांस हमको भी दे कर देखिये,तहलका मचा देंगें हम भी।बुलाईये तो सही न आयें तो कहियेगा।
जवाब देंहटाएंये सिलसिला यूँ ही अनवरत चलता रहे. शो स्टौपर के रूप में उडन जी जल्दी ही पधारेंगे. :)
जवाब देंहटाएंयार यदि अपने ब्लोग्गर्स को लेकर एक फ़ैशन परेड कराई जाए तो हिट रहेगा ...महफ़ूज़ अली, दीपक मशाल, खुशदीप सहगल....एक से एक स्मार्ट छोरों की लाईन है अपने पास ........।
जवाब देंहटाएंआपके इन छोरों में अनिल पूसदकर का भी नाम शामिल किया जाये. और इनको लेकर हम एक फ़िल्म जल्दी बनाने वाला हूं...इनसे बात करके देखिये..कि काम करेंगे या नही?
रामराम.
बहुत सुंदर लगी आप की यह ब्लांग बैठकी आगे भी चलती रहे.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
बहुत सुन्दर एहसास हुआ इस बैठकी का हिस्सा बनकर.
जवाब देंहटाएंसार्थक रिपोर्ट सटीक शब्दो और चित्रो मे आपने प्रस्तुत किया है.
नाश्ता, पकोड़े, भोजन, चाय, काफी....पूरी लिस्ट नोट कर ली है...संजू भाभी पर अपना ये सब कुछ ड्यू रहा...क्या करूं आना तो मैं भी चाहता था...राजीव भाई का दो बार फोन भी आया...लेकिन 26/11 में फंसा होने की वजह से
जवाब देंहटाएंचाह कर भी नहीं आ सका...वैसे दीपक मशाल से फोन पर इस मुलाकात का सारा हाल जान लिया था...चलिए जो इस बार मिस किया, उसकी अगली बार भरपाई कर लूंगा...
जय हिंद...
ajay ji,
जवाब देंहटाएंmujhe us din dopahar me neend aa gayi thi, nahin to aapne hame bhi to bulaya tha. sorry!
अरे, बागी चाचा भी पहुँच गए। बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंदिल्ली ब्लोगर्स असोसिअशन तरक्की पर है।
शुभकामनाएं।
छब्बीस तारीख को मैं भी दिल्ली में था। एक बारात जो दिल्ली से जयपुर जा रही थी उसी के साथ। पता होता तो आपलोगों के दर्शन करता चलता। खैर आप सभी ब्लॉगर्स को बधाई।
जवाब देंहटाएंदीपक का वहाँ से निकलने के पहले फोन आया था .. मायूस सा लगा मैने कहा मायके आ रहे हो खुशी खुशी आओ .. अब एक हफ्ता वो घर की एक शादी मे बीज़ी रहेगा .. हो सकता है ..दिलवाले दुल्हनिया टाइप कुछ मामला जम जाये .. दुआ करो उसके भारत प्रवास का यह एक माह निरर्थक न जाये । भाई दीपक अपना प्रोग्राम ब्लॉग पर डाल देना ताकि ऐसे ही छोटे मोटे आयोजन हो सके । अजय ...फंटास्टिक रपोट है । हमारा फोटुआ देख कर के जरा हमारे बारे मे सोचना .. वैसे भी पाबला जी बहुत सारे स्मार्ट लोगों का लेटेस्ट फोटुआ छापते रहते हैं ।
जवाब देंहटाएंआपकी बैठकों का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो कभी न कभी हम भी शामिल हो जाएँगे .... अगली बार दिल्ली आने तक का इंतेज़ार है बस हमको ....
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