बुधवार, 4 नवंबर 2009

ब्लोग्गिंग के वर्तमान हालातों पर बिलागर्स (ब्लोग्गर्स नहीं ) का थौरो चिंतन.



ब्लोग्गिंग बदल रही है , ब्लोग्गर्स भी बदल रहे हैं । नहीं ब्लोग्गर्स बदल रहे हैं तभी तो ब्लोग्गिंग बदल रही है।
अरे छोडिये सीधा सीधा ..झेलिये न ..कि दोनो बदल रहे हैं । ब्लाग्गिंग सम्मेलन ( देखिये ई भी अब तो शोध का विषय बन गया है कि ऊ ठीके में ब्लाग्गिंग सम्मेलन ही था न कि सब ठो ब्लाग्गर मजे मजे में संगम डुबकी लगाने के लिये गये थे ) हो रहा है , कहिये कि जोरदार हुआ । भूगोल , विज्ञान, और इतिहास सब एके साथ बन गया जी । इसके तुरंत बाद एक ठो और सम्मेलन करा दिये अपने ताऊ जी ने.....गधा सम्मेलन । गर्दभ सम्मेलन ...कि कहें कि गजब सम्मेलन ..। ई तो नहीं पता कि ई सम्मेलन भी ऊ सम्मेलन के समांतर था कि नहीं ..मगर सुने कि सुपर हिट रहा जी ...। मुदा एक तकलीफ़ तो होईये गया ..हमारे समेत बहुते गरीब गुरबा ब्लागर को .......न तो उहे वाला में बुलाया गया न इहे में ...। इससे इतना तो फ़ायदा होईये गया कि न घर के ( बिलाग्गर सम्मेलन ) रहे न घाट (गधा सम्मेलन ) के ...ई टाईप का मुहावरा का मतबल एक दमे समझ में आ गया ..।



मुदा ई बात तो चीन द्वारा भारत का कुछ भाग दिखाने से भी जादे इंपोर्टेंट हो गया था ....सो तत्काल तय हुआ ... ...बडका ब्रिगेड एकदम इम्मिडियेट मीटिंग काल किया ...अरे एके बार नहीं जी..खेपमखेप में तो देखिये ..पढिये और चिंतन किजीये..काहे से कि बिलागर्स पर पहली बार एतना थौरो ..चिंतन हुआ है ..।तो हम भी आपको उसक रपट एकदमे नहीं ठेलेंगे .....धीरे धीरे ...और हां ई चिंतन बैठकी का कौनो तस्वीर उपलब्ध नहीं है . ..लिया हे नहीं गया जानके ..दुई ठो कारण है इसका भी ..सुना गया है कि ऐसी रपटों मे अक्सर तस्वीरें लगने से ..सारा ध्यान तस्वीरों की तरफ़ ही चला जाता है ..और रपट पिट जाती है ..दूसरा कारण ई कि ..कई बार तस्वीर देख के ..अचानक बिलागर सब को धक्का पहुंचता है....कि अरे एतना रोमांटिक गज़ल ..ठेलने वाला ई बुढऊ टाईप जवान था ...धत तेरे की..। अरे मारिये गोली इ सब टौपिक को ..पहली बैठकी में ...ताऊ जी ...अरे वही बिल्लन माने रामप्यारी वाले ...चच्चा ..टिप्पू जी ....और लाला उडनतशतरी जी शामिल हुए....। रामप्यारे से खासमखास सिफ़ारिश ..( पोल खोलिये देते हैं ..उ से कहे हैं कि ऊ का खुल्लम खेल फ़र्रुखाबादी ..मे रोजे टीपेंगे ..और कभी नहीं जीतेंगे ) पर हमको भी ई बैठकी का ..एक मात्र औडिएंस के रूप में ....नीचे चटाई पर बैठा दिया गया ..हम चुपचाप लपेटते रहे । आखिर आप सबके लिये रपट भी तो लानी थी ।





ताऊ जी :- और भैया ...का चिंतन करना है ..हमरे हिसाब से तो एजेंडा खाली ई तय होना चाहिये कि ...उडन जी और हमारे ब्लाग पर ..रिकार्ड टिप्पणी आ गयी हैं ....और आने वाले समय में हम लोग तेंदुलकर का रिकार्ड भी तोड सकते हैं ....और इस हेतु का का नया पहेली पूछा जाए....।पिक्चर बना लिये....मैगजीन भी खूबे चला....लूप में बहुते योजना सब है ....सोच रहे हैं एक ठो रिएल्टी शो भी शुरू किया जाए......एक दम फ़ाईट क्लब टाईप....लट्ठ हम देंगे ....और कपार सब तो लोग अपने उपलब्ध करा देता है ....का कहते हैं .....?








उडन जी :- देखिये हम आप दुनो ( ताऊ और चच्चा ) के बीच में सिर्फ़ इसलिये बैठ्की किये हैं ..कि भले हम सेर और सायरी ..बीडी के खोली पर लिख कर हिट करा रहे हैं ....मुदा सबको पता है कि हमरा उमर तो लडक पने से निकल के ...आप चचा , ताउ जईसने हो गया है ..और पहेली उहेली का कहें ...आप लोग पूछ पूछ के थक जाईयेगा ...हम जीत जीत के नहीं थकेंगे ....टीपवा तो ...आईये जाता है ...धडाधड ...कुछ तो विल्स कंपनी वाले भी भेज रहे हैं ...आखिर उनका विल्स कार्ड हमई तो फ़ेमस किए हैं न..।



चचा कहे :- देखिये उडन जी , ई उमर का बात ऊत नहीं किया किजीये आप ...आप ठहर एलियन ...आपका उमर का ...और आपकी जवानी का ....आप तो एवर ग्रीन जवान हैं जी । आ रहबे किजीयेगा ...ई बिलागरवा सब ..बुढैती में थोडे जाने देगा आपको ...हां आप लोगन का टीप का रिकार्ड और ऊ का स्पीड देख देख के हम सोच रहे हैं कि ..हमको तो अपने भतीजा सब के साथ ..एक दिन में आठ आठ बार टीप चर्चा लगानी पडेगा...। ओईसे भी जौन स्पीड से चर्चा मंच का विस्तार हो रहा है ..बहुत जल्दीये ई समय आने वाला है जब कौनो ब्लोगर को ई सिकायत नहीं रहेगा कि ..ऊ की पोस्ट की चर्चा नहीं हुई ....।


ताऊ :- अरे भई हमने तो अपनी इस बिल्लन को भी बराबर टरेनिंग दे दी है ....हमारा कैमरा लेकर लिकड लेती है ..का फ़ोटू खींच लाती है ...और कमाल तो ई की ...फ़ोटू एतना काट पीट के लेती है कि ...खुद हमें ही नहीं पता चलता...सो पहेली में लगा देते हैं ..ईसी बिल्लन की पहेली में .....आखिर ई बिल्लन का टेंशन अकेले हमही काहे पालें ...। कह रही थी ..ताऊ ई गर्दभ सम्मेलन का सारा फ़ोटो शूट हमें ही करने दो ...कईसे तो रोके हैं ....हम कहे ..नहीं ..हम नहीं चाहते कि ..सम्मेलन सम्मेलन का कंफ़्यूजन होई जाए..।


बस जी आज एतने ...उडन जी इसके बाद ब्रेक में बीडी पीने और ऊ का खोली पर ..का कहते हैं ..बिल्स कार्डवा लिखे चल दिये....चच्चा कहे ..रोहित को कहते हैं ..टेम्पलेटवा पकडे के मशीन का ओवरवायलिंग करदे ..आगे जरूरत पडेगा ... ताऊ तो बिजी थईये थे ...सो ब्रेक के वास्ते हम भी उठे ...और अगला चौपाल पर पहुंचे ......लिजीये सब एपीसोड आजे ....तो कल का ....


14 टिप्‍पणियां:

  1. अजय भैया बतिया त सहिये कहत बाड गधा सम्मेलन और बिलागर सम्मेलन बरबरे बा !

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  2. हा...हा...हा...

    बहुते मजेदार रही आपकी 'कान में फेंक रस'...

    ऊप्स!...सॉरी... कांफ्रैंस

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  3. हा हा सहिये कहे हैं

    ओईसे भी जौन स्पीड से चर्चा मंच का विस्तार हो रहा है ..बहुत जल्दीये ई समय आने वाला है जब कौनो ब्लोगर को ई सिकायत नहीं रहेगा कि ..ऊ की पोस्ट की चर्चा नहीं हुई ....।


    -बीड़ी का कार्डवा तनि छोटा होता है न भई...कुछ समय से स्कॉच के डब्बा के अन्दर लिख रहे हैं...लम्बी लम्बी कविता...उ झेल जाईयेगा न!!

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  4. न घर के ( बिलाग्गर सम्मेलन ) रहे न घाट (गधा सम्मेलन ) के :-)

    बहुत खूब!

    वैसे 'स्कॉच अंदर-कविता बाहर' की घोषणा से भी कुछ-कुछ होता है।

    बी एस पाबला

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  5. वाह-वाह बहुत खुब................................

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  6. एक ठो ब्लागर सम्मेलन से इतनी उम्मीदें तो बेकार ही थी\ अभी और गधा सम्मेलन, उल्लू सम्मेलन और बंदर सम्मेलन की उम्मीदें बंधी हैं। फिर तय करेंगे की कौन सक्षम रहा और कौन अक्षम:)

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  7. हा हा हा।कान मे फ़ेंका हुआ रस भर गया है।

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  8. एक ठो ब्लागर सम्मेलन से इतनी उम्मीदें तो बेकार ही थी\ अभी और गधा सम्मेलन, उल्लू सम्मेलन और बंदर सम्मेलन की उम्मीदें बंधी हैं। फिर तय करेंगे की कौन सक्षम रहा और कौन अक्षम:)

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  9. अभी तक ये क्लीयर नहीं हुआ कि ताऊ के इस गदर्भ सम्मेलन की अध्यक्षता कौन करेगा । कहीं यहाँ भी किसी साहित्यकार को ही तो नहीं बुलाया जा रहा है :)

    तनिक पता तो कीजिए !

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  10. ..उडन जी और हमारे ब्लाग पर ..रिकार्ड टिप्पणी आ गयी हैं ....और आने वाले समय में हम लोग तेंदुलकर का रिकार्ड भी तोड सकते हैं ....और इस हेतु का का नया पहेली पूछा जाए....।पिक्चर बना लिये....मैगजीन भी खूबे चला....लूप में बहुते योजना सब है ....सोच रहे हैं एक ठो रिएल्टी शो भी शुरू किया जाए......एक दम फ़ाईट क्लब टाईप....लट्ठ हम देंगे ....और कपार सब तो लोग अपने उपलब्ध करा देता है

    गजब लिखते हो झा जी, आप जैसा लिक्खाड मैने नही देखा. नमन करता हूं आपको.

    रामराम.

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  11. लो भाई हम भी पहुंच गए राम-राम करके, संझा के बेरा मा, आपका भी मोहल्ला बहुत दुर पड़ता है, लेकिन का करे आदत से मजबुर, बढिया आयटम के लिए तो हम लदन चले जात है-बहुत बढिया लिखे है
    लगे रहिए और चलते रहिए-रास्ते मे हम भी मिलते रहेंगे-राम-राम

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  12. हमे तो सिर्फ़ अपने दिल्ली वाले कांफ्रैंस के ना हो पाने का दुःख है ! अगला मौका जाने ना देगे !

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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