शुक्रवार, 23 मई 2008

जो सक्षम हैं आगे आयें, ( सभी ब्लोग्गेर्स से विनम्र अपील )

मैं पहले भी बता चुका हूँ कि ब्लॉग लेखन में मेरी शुरुआत एक इत्तेफाक था। वो टू शुक्र है कादम्बिनी पत्रिका के एक अंक का और सभी बड़े ब्लोग्गेर्स का जिन्होंने विस्तारपूर्वक बताया हुआ था कि कैसे अपना ब्लॉग बनाया जाए । इसके बाद एक मित्र के पीछे पड़कर पहला ब्लॉग बना। धीरे-धीरे सिलसिला चलता गया और आज हिन्दी अंग्रेज़ी के आठ ब्लोग्स पर निरंतर लेखनी चल रही है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ब्लॉग लेखन, उसका प्रकाशन आदि बहुत कठिन या क्लिष्ट काम है मगर इतना तो यकीनन है कि मुझ जैसे अनादियों को यदि मार्गदर्शन देने के लिए कोई मिल पाटा तो बहुत सी कठिनाइयां या ऐसी बातें जो समझ ही नहीं आयी, का हल निकल सकता था। इससे अलग टी ये कि हम भी फोट-शोट, गाने-वने, और ततू-शतू लगवाकर अपने ब्लॉग को वैसा ही खूबसूरत बना पते।

ब्लोग्गिंग करते रहने के बावजूद मुझे ये नहीं पता था कि इसमें अपनी फोटो कैसे लगा सकता हूँ, दूसरे दृश्य चित्रों का क्या कहूँ वो तो अब तक नहीं आते मुझे लगाने। ऐसा ही कुछ कुछ तिप्न्नी के साथ भी हुआ। तिप्न्नी करते करते महक जी ने एक रोज़ बताया कि मुझे वर्ड वेरीफिकेशन हटाना चाहिए, मैंने सोचा ये क्या बाला है और हटेगी कैसे। जैसे तैसे कोशिश की तो तिप्न्नी मोद्रित करें टाईप की कोई दूसरी बाला गले पड़ गयी। बस यूं समझिए कि किसी तरह इनसे पीछा छोटा । मगर सबसे बड़ा अफ़सोस कि हाय रे आज तक एक भी तिप्न्नी हिन्दी में नहीं कर पाया अजी लानत है मुझ पर, मगर क्या करूं अब तक पता ही नहीं है कि ये मैं कैसे कर सकता हूँ। हालांकि अनवरत वाले द्विवेदी जी ने भरसक प्रयत्न किया मुझे सिखाने का मगर हम जैसे नालायक तो बस समझिए कि युगों में पैदा होते हैं, खैर।

तो अंत में अपनी इस पोस्ट में जो कि इत्तेफाकन इस चिट्ठे की शतकीय पोस्ट है , में aअप तमाम जानकार , विद्वान् ब्लोग्गेर्स से आग्रह करता हूँ कि कोई बंधुगन ऐसा ब्लॉग भी बनायें जो हमारे जैसे अनाड़ियों के प्रश्नों, शंकाओं , का हल हमें बता सके। यदि पहले से ही ऐसा कोई ब्लॉग मौजूद है तो उसकी जानकारी मुझे और अन्य सभी को देने की कृपा करें। आप लोग ही बताइये क्या आप लोगों को ये अच्छा लगेगा कि आप जैसे विद्वान् लोगों के बीच हम जैसे भैन्सालोटन भी मौजूद रहे , आगे आपकी मर्जी.

6 टिप्‍पणियां:

  1. पहले तो शतक की बधाई. टिप्पणी हिन्दी में करने में क्या परेशानी आ रही है. पोस्ट हिन्दी में लिखने के लिए क्या टूल इस्तेमाल करते हैं? बताईयेगा.

    अनेकों शुभकामनाऐं.

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  2. शुरू में सब के साथ यही होता है. धीरे-धीरे सारी शंकाए दूर हो जाएँगी. बैसे आपका सुझाब बहुत अच्छा है. जो सक्षम हैं उन्हें आगे आकर नए चिट्ठाकारों की मदद करनी चाहिए.

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  3. शतक की बधाई और ब्लॉग और इंटरनेट सम्बन्धी कोई दिक्कत हो तो संचिका से तो पुच ही सकते हैं. मैंने आपको G Talk में Invite किया है आप उसे accept करे उसके बाद आप मुझसे भी कुछ पूछ सकते हैं. मैं पुरी कोशिश करूँगा की आपकी मदद कर पाऊ

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  4. लगे रहिये, धीरे धीरे जानकारी होती चली जायेगी।

    करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान।
    रसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान॥

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  5. sujhav aur salah ke liye aap sabkaa dhanyavad. aur haan lovely jee upyogee jaankaaree liye shukriya. rajesh jee apke g talk par aa kar mujhe khushi hogee.

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  6. अजय जी
    थोड़ी बहुत सहायता आप मेरे ब्लॉग से भी ले सकते हैं, और फिर भी कुछ परेशनी हो तो मेल कर सकते हैं।
    तकनीकी दस्तक
    sagarnahar @ gmail.com

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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