गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

अन्ना ने लगा दी आग ...और जनता गई अब जाग ...अभी नहीं तो कभी नहीं ..जंतर मंतर पर आज का दिन



अन्ना हज़ारे ......आज एक ऐसा नाम  जिसके साथ  पूरे देश का आम आदमी अपना साथ जोडने के लिए उद्धत है ..किस पार्टी का , किस धर्म का , किस क्षेत्र का ..इंसान है ये ..ये इंसान भी है या नहीं ...सवा अरब की जनसंख्या को सीधे सीधे धोखा दे कर पूरे देश को सरेआम बेशर्मी से लूटने वाले वो सवा पांच सौ लोग ..जो दिल्ली में बनाए गए एक गोल से घर में बैठ कर बेइमानी और चोरी से पूरे देश को खा रहे हैं ..उनको सिर्फ़ एक अल्टीमेटम भर दे दिया है ..वो भी खुद ही अनशन पर बैठ कर और वे बुरी तरह बौखलाए से फ़िर रहे हैं । आज जंतर मंतर पर खडा हर एक व्यक्ति ..यही सोच और कह रहा था कि अब बस बहुत हुआ ...अब तो कुछ न कुछ ऐसा किया ही जाना चाहिए कि ..इन तमाम जनप्रतिनिधि कहलाने वालों को उनकी असली जगह दिखा देनी चाहिए ।


स्वामी अग्निवेश और अरविंद केजरीवाल जी

अन्ना की आवाज़ , बनी देश की आवाज़

अरविंद केजरीवाल और अन्ना हज़ारे जी

अन्ना ने कहा कि , ब्रिटिश सरकार ने औफ़िशियल सीक्रेट एक्ट की आड में डेढ सौ बरसों तक देश को लूट के खा लिया और अब वर्तमान सरकार भी यही कर रही है तो फ़िर क्या फ़र्क है उनमें और इस सरकार में । अन्ना ने कहा कि जनता ने जब आजादी पाई थी तो चूंकि देश के सभी लोग एक साथ देश चलाने के लिए योजना नहीं बना सकते , देश के विकास के लिए एक साथ नियम नहीं बना सकते इसलिए उन्होंने कुछ लोगों को देश की बागडोर थमा दी और साथ ही देश की तिजोरी भी ताकि वे चुने हुए लोग देश की सेवा कर सकें । लेकिन उन्हीं लोगों ने देश के खजाने को लूटना शुरू कर दिया वे भूल गए कि वे जनता के सेवक हैं और उन्हें सेवा करने के लिए भेजा गया है । अगर सेवा ठीक से नहीं की तो उन्हें बाहर बिठा देना चाहिए । उन्हें जेल के भीतर ठूंस देना चाहिए और सज़ा देनी चाहिए हो सके तो फ़ांसी दे देनी चाहिए । आप सोचेंगे कि मैं ,अन्ना हज़ारे अहिंसा का सेवक होकर भी ऐसी बात कर रहा हूं लेकिन मैं आपको और उनको भी बता दूं कि अब गांधी जी के साथ साथ शिवाजी बनने का समय आ गया है । देश के गद्दारों को अब सिरे से निकाल के बाहर फ़ेंकना होगा । जनता को ये पूरा हक है कि वो अपने पैसों का हिसाब मांगे और जब वो मांगती है तो आप कहते हैं कि बाहर के हैं ..वे मालिक हैं आपके और आप सेवक हैं । अन्ना ने आम लोगों को बता दिया है कि उनकी ताकत इन मुट्ठी भर नेताओं की ताकत से कहीं ज्यादा है ।


एक सवाल आया कि सरकार तो कह रही है कि मांग मान ली गई है अन्ना का जवाब था कि सरकार ठीक वैसा ही आचरण कर रही है जैसे कोई कह रहा हो कि मैं पति्व्रता स्त्री तो हूं लेकिन माथे पर  टीका नहीं लगाना चाहती । अरविंद केजरीवाल जी ने कहा कि सरकार नोटिफ़िकेशन ज़ारी करे तो ही ये आंदोलन  खत्म होगा उससे कम कुछ भी नहीं ..किसी मानसून सत्र का इंतज़ार नहीं और कोई बात नहीं ।
सूचना के अधिकार के लिए लड के जीत हासिल करने वाले अरविंद केजरीवाल जी


स्वामी अग्निवेश ने कहा कि जंतर मंतर तो उनके लिए घर जैसा है ।


मीडिया के लगभग अडतालीस ओवी वैन और जाने कितने ही पत्रकारों की टीम जैसे पत्ता पत्ता बूटा बूटा समेट लेने को तत्पर , मगर वही समस्या कि किसे कवर करें किसे नहीं कैसे कवर करें कैसे नहीं , दो पल के लिए वहां पहुंचे फ़िल्म डायरेक्टर मधुर भंडारकर के पीछे मीडिया के हुजूम ने उमड के ये जता और बता दिया कि खबर के लिए ही मारामारी है , । इन सबसे अलग मैं मिला बहुत से अलग अलग लोगों से । डॉक्टरों से , विद्यार्थियों से ..देखिए

दिल्ली के सीमांत इलाके से आए कृष्ण कुमार जी 



 क्यों आए हैं यहां : क्या करें सर , अब रहा नहीं जाता , लगता है कि बस बहुत हो गया अब तो खत्म होना ही चाहिए ये सब


कमल कुमार जी 


आपको क्या लगता है कि , समस्या खत्म हो जाएगी इससे ?
सर न भी हो तो भी , अब जनता जाग तो गई ही है इसलिए कुछ न कुछ तो होकर ही रहेगा , (बहुत ही सकारात्मक और जोश में कहा )

शायद नाम  विनय कुमर , पत्रकारिता के छात्र

 जनता अपने आप सडकों पर आई है बिना किसी बात की परवाह किए , पत्रकारिता के अनुभव के लिए भी

डॉ अमित तिवारी 
 कुछ दिनों बाद पीजी की परीक्षा थी , घर पर अकेला था सोचा चल कर यहीं पर इस आंदोलन में सहभागिता की जाए ..अब वापस जाने का मन ही नहीं कर रहा है

कृष्णा जी , दिल्ली से ही ,

इनमें सबसे बाएं से बैठे हुए बागी चाचा प्रसिद्ध कवि और ब्लॉगर राजीव तनेजा जी के पडोसी , मुझे शायद देख न पाए मगर मैंने देख भी लिया और पहचान भी लिया

डॉ एसोसिएशन की सहभागिता ...
 हां हमें पूरा विश्वास है कि इस बार कुछ न कुछ होकर रहेगा , जनता यूं ही सडकों पर नहीं आ गई है ...लगभग पच्चीस से तीस डॉक्टर्स का समूह
और ये हमारे देश के अवकाश प्राप्त सैनिक , अलग खडे बहस में लगे हुए आंदोलन के स्वरूप पर चर्चा करते हुए

ये दिल्ली के किसी वैली स्कूल के बच्चे , 


क्यों आए हैं आप लोग ..सर के साथ आए हैं ..करप्शन के खिलाफ़ अन्ना हज़ारे का साथ देने के लिए

दो दोस्त , जिनका नाम भूल गया 

 किसने कहा था यहां आने के लिए

किसी ने भी नहीं खुद आए हैं क्योंकि यदि अभी नहीं तो कभी नहीं , सर अब तो आर या पार होना चाहिए

अन्ना के एक आवाज पर उठ गए हजारों मुट्ठियां

वही जोश , वही जुनून

गांधी को चित्रिति करते एक कलाकार (नीचे )

अपनी कूची से काम में तल्लीन

ये एक और बैनर एक और मुहिम


भूतपूर्व सैनिकों का सहयोग

और जाबांज सिपाही बेशक फ़ौज से रिटायर लेकिन फ़र्ज से नहीं
 सर आप लोगों को क्या लगता है सरकार झुक जाएगी
नहीं  झुकी तो टूट जाएगी ..अब जनता खुद तय करेगी सरकार की तकदीर
मुस्तैद कैमराकर्मी , बदस्तूर खबरें पहुंचाते हुए


बहस यहां भी जारी है

आकाश सौरभ हाथों मे तिरंगा लिए हुए

सुरेंद्र मोहन पाठक

जोश और जज़्बा , अब कम नहीं होगा

राकेश अग्रवाल

बहुत ही तीखी बहस चल रही है यहां कि पूरी सरकार ,. हरेक मंत्री चोर है




इंडिया अगेंस्ट करप्शन  अभियान के कार्यकर्ता


आप लोग इस नंबर ( 02261550789) पर मिस्ड कॉल करने के लिए क्यों कह रहे हैं ?

इस नंबर पर मिस्ड कॉल करने से आप सीधे सीधे हमसे जुड जाएंगे और आपको पल पल की खबर पहुंचती रहेगी ..

तो ये थी आज की कच्ची पक्की सी रि्पोर्ट ...शायद कल भी मैं वहां पहुंचुंगा और जब तक अनशन जारी रहेगा पहुंचता रहूंगा कुछ और अपनों से मिलने के लिए ...आप मिस्ड कॉल करिए ..और जुड जाईये इस आंदोलन से ...मैं आपको अपने भीतर लिए जा रहा हूं ..कुछ कहना हो तो बताइएगा .जरूर ।


जय भारत ।

18 टिप्‍पणियां:

  1. जब ज़ुल्म-ओ-सितम के कोहेगरां.. रुई की तरह उड़ जायेंगे... हम देखेंगे....

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  2. आग लग चुकी है...आप यूं ही खबर पहुँचाते रहें...

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  3. ham bhi pichhava me khade hain.....camera ki nazar na dekhe apni nazar to dekh hi rahi hai!

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  4. सबके मन का पक्ष सुनहरा जाग रहा,
    कालापन अब पूँछ दबाये भाग रहा है।

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  5. हम भी टीवी के माध्‍यम से हर पल जुड़े हुए हैं। वहाँ कितने हजार लोग हैं?

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  6. इस महायज्ञ में शामिल होने के लिए हार्दिक बधाई अजय !

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  7. अभी नहीं तो कभी नहीं
    जय अन्ना हाजरे

    प्रणाम

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  8. मैं समझ चुका हूँ की अब दूर से यह कहने से काम नहीं चलेगा की अन्ना तुम संघर्ष करो हुम तुम्हारे साथ हैं, दुनिया भर के समाचार पत्र पढ़ कर ऐसा लग जरूर रहा है की अन्ना बस लड़ाई जीत गए, सभी बुद्धीमान लोग अच्छी तरह समझ रहे होंगे की जिनके सामने सत्याग्रह किया जा रहा है वे अधिकतर बेहद घाघ एवं धूर्त हैं, आसानी से नहीं मानेंगे, सबको उलझाए रखेंगे, तमाम सारे नियमों का हवाला देंगे, हाँ अगर वे डर रहे हैं तो अन्ना के जिद्दी स्वभाव से की यह वृद्ध व्यक्ति अनशन के कारण कहीं स्वर्गवासी हो गया तो तो हमारे लेने के देने पड़ जायेंगे और बस यही एक कारण दिखता है सफलता का, अन्ना किसी की बात ना सुने, अपनी उचित बात मनवा कर ही दम लें. मैं तो आज ही निकल रहा हूँ दिल्ली के लिए हालांकि मै बहुत शर्मिन्दा हूँ की मैंने यह कदम इतनी देर से क्यों उठाया मैं इसके लिए सारे देशवासियों से अंतरात्मा से क्षमा माँगता हूँ. बस अभी दो ढाई घंटे में दिल्ली पहुँच जाउंगा चाहे कारोबार कितना भी प्रभावित हो.

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  9. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (09.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

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  10. Anna k sath sabki dua hai... ab to janta ki manmaani ho k rahegi :)

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  11. जोरदार, ऐतिहासिक रिपोर्ट.

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  12. इसे कहते हैं एक्स्क्लूसिव रपट ।

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  13. बहुत ही सुन्दर एवं सार्थक लेखन ......

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  14. भ्रष्टाचारियों के मुंह पर तमाचा, जन लोकपाल बिल पास हुआ हमारा.

    बजा दिया क्रांति बिगुल, दे दी अपनी आहुति अब देश और श्री अन्ना हजारे की जीत पर योगदान करें आज बगैर ध्रूमपान और शराब का सेवन करें ही हर घर में खुशियाँ मनाये, अपने-अपने घर में तेल,घी का दीपक जलाकर या एक मोमबती जलाकर जीत का जश्न मनाये. जो भी व्यक्ति समर्थ हो वो कम से कम 11 व्यक्तिओं को भोजन करवाएं या कुछ व्यक्ति एकत्रित होकर देश की जीत में योगदान करने के उद्देश्य से प्रसाद रूपी अन्न का वितरण करें.

    महत्वपूर्ण सूचना:-अब भी समाजसेवी श्री अन्ना हजारे का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना हैं ज़ोर कितना बाजू-ऐ-कातिल में है.

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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