मंगलवार, 11 नवंबर 2008

इसका मतलब राहुल राज, अफज़ल से भी ज्यादा खतरनाक था !

आज सुबह ही ख़बरों में देखा , पढा और सुना कि, राहुल राज, उम्मीद है कि आप इस नव युवक की जिंदगी नहीं तो मौत की कहानी से वाकिफ जरूर होंगे, के माता पिता, और रिश्तेदार आज राष्ट्रपती से मुलाक़ात करेंगे। उनसे दरख्वास्त की जायेगी, कि उनके बेटे की मौत के पीछे के सच का पता लगाया जाए, ताकि उन्हें इन्साफ मिल सके।

बताइये, ये भला कोई बात हुई, राष्ट्रपति के पास फिलहाल इतना तो वक्त ही नहीं होगा, आख़िर उन्हें दूसरों को भी तो इन्साफ देना है, दूसरे कौन, भूल गए आप, राष्ट्रपति के पास अफजल , वही अफजल जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर संसद पर हमला बोल दिया था, देश की छोटी बड़ी, सभी अदालतों से फांसी की सजा के बाद अब उसकी माफी की याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित पडी है, और फ़िर संसद जैसी छोटी मोटी जगह पर हमला करना, वहां तैनात कुछ पुलिस वालों, जिनके सर पर खामख्वाह ही देशभक्ति का भूत चढा था, को जान से मार देने के बावजूद उसका गुनाह इतना बड़ा नहीं था जितना कि राहुल राज का था। बताइए तो एक खाली बस को हाईजैक करने का अभूतपुर्व गुनाह किया था उसने, शायद आज तक किसी भी गुंडे , डकैत, और आतंकी ने इतना शानदार हाईजैक नहीं किया होगा, सुना है कि उसने अंधाधुंध गोलियाँ भी चलायी, कमाल है कि एक भी किसी पुलिस वाले को नहीं लगी, या शायद उसने मारे नहीं।
जो भी हो, इस घटना से दो बातें तो तय हैं, पहली ये कि राष्ट्रपति के पास इन्साफ के लिए जाने से पहले जरूरी है कि अपराध , संसद पर हमले जैसा ही और सजा फांसी जैसी छोटी ही होनी चाहिए। दूसरी , ये कि किसी भी परिस्थिति में खाली बस को हाईजैक करना सबसे बड़ा अपराध है, जो बेचारे राहुल राज से हो गया। देखना ये है कि इन्साफ किसे मिलता है ?

सुना है कि इस बार टिकट बिके हैं :- अजी किसी और के मुंह से सुना होता तो शायाद यकीन नहीं होता, हालाँकि सच होता है हमेशा , मगर फ़िर भी यकीन नहीं होता मगर इतनी वरिष्ठ महिला राजनीतिज्ञ, वो भी संगठन के इतने महतवपूर्ण पद पर बैठी हुई जब कहें, और ऐसा कहने के लिए उन्हें उसके बाद इस्तीफा तक देना पड़ जाए तो यकीन नहीं करने का तो कोई कारण ही नहीं बचता है न।
मगर सबसे महत्वपूर्ण सवाल तो ये है कि , क्या चुनाव के लिए बिके हुए टिकटों की कीमत आलो प्याज और टमाटर के कुल कीमत से भी ज्यादा था, यदि कम थी तो भी और ज्यादा थी तो भी किसी भी सूरत में ये बिल्कुल ही अन्याय था, और हाँ जिन्हें आलू, प्याज और टमाटर वाली बात से ऐतराज होगा वे निश्चित रूप से घर की सब्जी श्रीमती जी से ही मंगवाते होंगे।

संस्कृति मंत्री के संस्कार :- लीजिये अभी तो चुनाव शुरू भी नहीं हुए और हमारे जनप्रतिनिधियों, समाज सेवकों का असली चरित्र हमारे सामने आने लगा है। सुना है कि मध्य प्रदेश के संस्कृति मंत्री ने हाल ही में चुनाव दफ्तर में एक महिला अधिकारी के साथ इतने शिष्ट, सुलभ, सु संस्कृत, तरीके से व्यवहार किया कि , उन बेचारी को इसकी बाकायदा शिकायत तक दर्ज करवानी पड़ गयी। इस चुनाव में जीतने के बाद तो हर हाल में उन्हें ही संस्कृति मानती बनाया जाना चाहिए, आखिरकार राजनेताओं की सच्ची संस्कृति को उन्होंने ही तो जीवित रखा है.

6 टिप्‍पणियां:

  1. मुझे नहीं लगता, राष्ट्रपति के पास जाने से कुछ होने वाला है. बेहतर होता अगर राज के माता-पिता उनके पास जाते जिन के पास राष्ट्रपति को मनोनीत करने का अधिकार है. उनकी रजामंदी हो जाय तो केन्द्र सरकार जांच का आदेश दे देगी.जांच ऐटीएस से कराई जाय. आज कल यह एजेंसी फुल फार्म में है.

    टिकट तो हमेशा से बिकते रहे हैं. इस बार उन्होंने कह दिया जो परिवार के बहुत नजदीक रही हैं.

    संस्कृति मंत्री का संस्कृति से तो कुछ लेना देना होता नहीं, जैसे ग्रह मंत्री का ग्रह से कुछ लेना देना नहीं है, और जैसे मानव संसाधन विकास का मानव संसाधन से कुछ लेना देना नहीं है.

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  2. क्या राज के मांबाप कांग्रेसी सरकार के लिये लाख दो लाख वोटों का इन्तजाम कर सकते हैं?

    राज के मरने से बिहारी और मराठी विवाद हुआ जिसके कारण बाल ठाकरे को मिलने वाले वोट राज ठाकरे को चले गये और फायदे में रही कांग्रेस-एनसीपी

    युति. इस सब के चलते लालू को भी फायदा हुआ. राज ठाकरे तो मोहरा है असल गेम तो लालू और कांग्रेस मिल कर खेल रहें है.

    अभी प्रग्या ठाकुर के नाम पर कांग्रेसी सरकार की एटीएस धमाल मचा रही है. चार चार बार नारको टेस्ट कराने पर भी कुछ नहीं मिला. अफजल और

    सारे इस्लामी आतंकवाद के समर्थन में भारत के सबसे बड़े दलाल तालियां फटाकरते खड़े हो जाते हैं, क्योंकि मुसलमान इनके लिये वोट हैं.

    शायद इनका इलाज रंग दे बसंती ही बचा है!

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  3. बेनामी टिप्पणीकारों को नापसन्द करने के बावजूद इस बेनामी टिप्पणी को मेरा भी वैचारिक समर्थन माना जाये…

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  4. aap teeno ka bahut bahut dhanyavaad. suresh bhai, bilkul sahmat hoon aapse, aur achha laga ki koi benamai tippnnikaar aisaa bhee hai jo achhee tippnni karta hai.

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  5. itna kutch ho gaya vote ke liye...aur kitna kutch hone baki hai...abhi to pura bharat baki hai torne ke liye..

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  6. bilkul sahee kaha aapne , aur haan aapka naam fighter jet kuchh anokhaa hai, padhne aur saraahne ke liye dhanyavaad.

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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