मुझे ये नहीं पता कि ब्लोग्गिंग करने वाले सरे मित्रगन मेरी तरह ही समय बचाकर स्य्बेर कैफे में जाकर ब्लोग्गिंग करते हैं या फिर कि अपने कंप्यूटर  पर लिखते हैं। क्य्बेर कैफे में जान मेरी मजबूरी है। न न ये नहीं है कि कंप्यूटर खरीद नहीं सकता बल्कि उसके बाद यदि किसी तरह कि कोइ तकनीकी खराबी आ गयी तो उससे डरता हूँ,
                               फिर सोचता हूँ कि यदि मेरे घर में कंप्यूटर होता तो शायद ब्लोग्गिंग जगत में पढ़ने वाले बहुत जल्दी यही सोचने लगते कि यात्र इस आदमी को लगता है कि कोइ काम नहीं है । पर मैं भी क्या करूं मन में इतनी साड़ी बातें एक साथ चलती रहती हैं कि लगता है जब तक आप लोगों से शेयर ना करूं मेरा मन नहीं भरेगा।
                      मगर पिछले कुछ दिनों से लगातार यही सोच रहा हूँ कि इस ब्लोग जगत पर हम जैसे कुछ लोगों के खूब लिखने या कुछ ना लिखने से क्या बहुत कुछ बदल जायेगा या कि उसकी सार्थकता कहाँ और कितनी होगी। हाँ मगर इतना तो जरूर है कि ये एक ऐसा मंच बन गया है जो शायद बहुत जल्दी ही एक शाशाक्त मुकाम हासिल कर लेगा। परन्तु फिर भी मन में बहुत सारी आशंकाएं हैं , क्या आप कुछ बता सकते हैं इस बारी में?
                     आपके अनुभवों का इंतज़ार है मुझे।
 
 
 
सभी आशंकाओं को दूर करिये और लिखते रहिये।
जवाब देंहटाएंकंम्प्यूटर...के बारे में हमे भी कोई तकनीकी जानकारी नही है...लेकिन बस लिख पढ़ लेते हैं...छोटी से छोटी खराबी भी परेशान कर देती है...लेकिन ब्लोग लिखना अच्छा लगता है सो...बिना परवाह किए चले जा रहे हैंं...आप भि लिखिए...कभी ना कभी कोई तो हमें ढूंढ ही लेगा..!!
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