जी हां, चाहे अनचाहे अब तो जब भी ऐसा लगता है कि कुछ दिनों के लिए ब्लोग्गिंग से दूर जाना होगा तो अनायास ही एक उदासी सी छा जाती है मन में । कारण तो पता नहीं मगर मुझे लगता है कि हर उस ब्लोग्गर के साथ जो नियमित है या शायद अनियमित भी , ऐसा ही होता है । तो अपनी तो तैयारी हो चुकी है एक बार फ़िर आप सबसे एक सप्ताह तक दूर रहने की । आप कहेंगे लो एक सप्ताह कौन बडी बात है जी ,,,,,,,अजी जिसके लिए आठ घंटे औफ़िस में काटना मुश्किल होता है ब्लोग्गिंग के बारे में सोच के ..उसके लिए आठ दिन कितने भारी होंगे ..इसका तो अंदाजा आप ही लगाईये । आप कहेंगे कि मैं तो एकदम सेंटी हो गया हूं ब्लोग्गिंग को ले के । अब हो गया हूं तो हो गया हूं ।
दरअसल ,कल से अपना एक सप्ताह का ग्राम प्रवास प्रस्तावित है । यानि कल की रवानगी है , माता जी की पहली बरसी ही मुख्य काम है जिसके लिए मैं जा रहा हूं । वापसी एक सप्ताह बाद होगी । लेकिन जब भी गांव जाता हूं तो जिस एक काम के लिए मुख्य रूप से यात्रा का संयोग बनता है उसके अलावा बहुत से ऐसे काम भी हो जाते हैं जो दिल को सुकून पहुंचाते हैं ।पहला तो होता है महानगरीय जीवन की भागमभाग से दूर गांव की शांति में जाना ऐसा होता है जैसे सुबह सुबह किसी पहाडी के ऊपर बने किसी सुंदर मंदिर में शांति से आप आंख मूंद के बैठे हों और मन तक शांति ही शांति । अपने लगाए पौधों /पेडों से बातचीत होगी । गांव के पुस्तकालय में रखी किताबों से पूछूंगा कि उन्हें कौन कौन निहारने /पढने आता है । मा साब को जो चिट्ठी लिखी थी उसकी भी अंतिम रूपरेखा तय करनी है । और इसके बाद जो समय बचेगा उसमें हमेशा की तरह आपसी मनमुटाव/झगडों /और छोटे छोटेइ मतभेदों को निपटाने की कोशिशें, जिसके लिए हमेशा ही मेरी प्रतीक्षा की जाती है ......यानि कुल मिला के बहुत कुछ॥
जब वापस लौटूंगा तो यादों का ऐसा खजाना होगा साथ में कि बस .....मेरी यादों के मेले में.....फ़ोटो वाला मोबाईल साथ रहेगा ......तो चित्र कहानियां भी मिलेंगी ......और साल का अंत कुछ इन्हीं यादों से किया जाएगा ॥ ये तो हुई यादों की बात ......अब अगली बात भी हो जाए साथ साथ ....।
बहुत से मित्र ब्लोग्गर ......फ़िर से एक नई बैठकी की तैयारी में हैं......हालांकि इसकी रूपरेखा अभी नहीं बनी है मगर इतना तय है कि ....जनवरी का कोई रविवार होगा ।और हां इस बैठकी में हम करने क्या वाले हैं इसकी एक बानगी बताए दे रहा हूं :- पहली और जरूरी कोशिश ये होगी कि हमारी महिला ब्लोग्गर मित्र इसमें अपनी भागीदारी दें , ताकि बहुत सी बातें आमने सामने हो सकें , वैसे भी अब उनकी उपस्थिति के बिना कोई मुहिम/ कोई योजना अधूरी सी ही रहेगी...॥ दूसरी बात ये कि हमारी कोशिश होगी कि हम एक ऐसी टीम तैयार करें जो कुछ खास योजनाओं पर काम करे ......जैसे ...ब्लोग पर इनामी प्रतियोगिता का आयोजन ,,,जिसके ईनाम स्वरूप जीतने वाले ब्लोग्गर को हम किसी भी खास शहर भेजेंगे ......उस शहर के ब्लोग्गर्स से मुलाकात के लिए ॥।एक ऐसी मुहिम चलाए जाने की योजना है जिसके तहत अलग अलग माध्यमों द्वारा गूगल बाबा तक ये बात पहुंचाई जाएगी ........कि बाबा अब हिंदी में एड सेंस सेवा शुरू की जाए । विचार इस बात पर भी होगा कि क्या अब समय आ गया है हम इस दिन पर दिन ताकतवर हो रहे मंच का कुछ बहुत सार्थक/ कुछ संजीदा / कुछ बहुत गंभीर ... उपयोग कर सकें ......? मसलन हर ब्लोग्गर कम से कम सप्ताह में एक पोस्ट ऐसी लिखेगा जो .......सच में सोचने पर मजबूर कर सके ।
और भी बहुत सी बातें हैं जो हम प्रयास करेंगे कि आपस में बांट सकें ।ये सब अभी इसलिए कह रहा हूं क्योंकि अगले एक सप्ताह तक ..........................................................तो बस फ़िलहाल इतना ही ।अपना ख्याल रखियेगा और .......अपने इस ब्लोग परिवार का भी
सादर वन्दे
जवाब देंहटाएंसार्थक सोच के साथ सार्थक पहल होना भी जरुरी है, आपके विचार कर्म योग्य हैं.
रत्नेश त्रिपाठी
इंतज़ार रहेगा
जवाब देंहटाएंनई पहल का स्वागत है....
जवाब देंहटाएंआपकी यात्रा मँगलमय हो
सच्ची में भाई जब थोडा भी अनियमित होते है ब्लॉगिंग में तो बड़ी तकलीफ़ होने लगती है पर क्या करे बहुत ही ज़िम्मेदारियाँ आ जाती है जिनका निर्वाह बहुत ज़रूरी होता है...भाई हम आपका इंतज़ार करेंगे...
जवाब देंहटाएंयात्रा सफल हो
जवाब देंहटाएंबाकी बातों के लिए "तथास्तु"
Yatra mangalmay ho ....wapsi kaa intezaar karenge yahi muhane pe bethe.
जवाब देंहटाएं(Roman me likhne ke liye mafi, computer ne virus hamle me dum thod diya hai, do boond aansu usi ke naam)
माता जी की बरसी अच्छी तरह से करे, ओर कुछ रोशनी इस बारे हमे भी डाले,शेष काम भी निपटा ले आप की यात्रा शुभ हो
जवाब देंहटाएंजाईए आप कहाँ जाएंगे
जवाब देंहटाएंनज़र लौट कर यहीं आएगी
बी एस पाबला
चलिए गाँव घूम कर आइए। मैं भी आज ही निकल रहा हूँ दो दिनों की यात्रा पर। हो सका तो वर्षांत में मिलते हैं दिल्ली या उस के आसपास।
जवाब देंहटाएंभाई आपके घर जाने की खबर पढ़कर ईर्ष्या हो रही है :), यही सोचकर कि बच्चों की पढ़ाई के चलते हमें तो यहीं खटना है
जवाब देंहटाएंआप गांव से हो आइए।
जवाब देंहटाएंआपके विचारों और योजनाओं का स्वागत है।
इंतज़ार रहेगा.
जवाब देंहटाएंसमीर जी के पीछे कतार में कहीं मुंडी निकाले हम भी मिल जाएंगे झा जी आपके इंतज़ार में...गांव के टंटे सुलझा आइए...तब तक ब्लॉगिंग में भी आपकी कचहरी के लिए कुछ मुकदमे आ जाएंगे...
जवाब देंहटाएंरही बात, ब्लॉगिंग की आपकी निष्ठा की तो उसका कोई जवाब हो ही नहीं सकता...आपने महिला ब्लॉगर्स की भागीदारी बढ़ाने वाले मेरे सुझाव पर गौर किया, उसके लिए आपको साधुवाद...ब्लॉगिंग को सही दिशा में ले जाने के लिए आपके सभी सुझाव अनमोल हैं...आमीन
जय हिंद...
अजय अपने विचारों में होंगे विजय।
जवाब देंहटाएंमाता जी की बरसी मे दो फ़ुल श्रध्दा के हमारी तरफ़ से भी चढाईयेगा, भुलियेगा नहीं। फ़िर वापस आने पर मु्लाकात होगी।
जवाब देंहटाएंब्लोगिंग के लिए आपके विचार उत्तम लगे।
जवाब देंहटाएंइंतज़ार रहेगा, ब्लोगर्स बैठक का।
शुभकामनाएं।
यात्रा मंगलमय हो. आपकी वापसी का इंतजार रहेगा.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत अच्छी बात सोच रहे हैं ब्लागजगत के लिये। यात्रा सफल हो माता जी की अत्मा की शान्ति के लिये कामना और विन्म्र शरद्धाँजली। आपका इन्तज़ार रहेगा धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंजाइये आप कहाँ जायेंगे
जवाब देंहटाएंये कदम लौट के फिर आयेंगे
आपकी पोस्ट पढ़ के सोच रहा हूं कि मुझे कब किसी ब्लौगर-मीट में आने का सौभाग्य मिलेगा।
Anek shubhkamnayen..aur lautne ka baad yadonka khazana!
जवाब देंहटाएंAapka aalekh padha to mujhe bhi apna gaanv yaad aa gaya...aaj janewali thi,lekin kharab tabiyat ke karan nahi nikal payi!
जवाब देंहटाएंआपकी यात्रा सुखद हो। मां की आत्मा को शांति मिले। प्रतीक्षा रहेगी लौटने पर ताज़ा समाचार की॥
जवाब देंहटाएंइंतज़ार....
जवाब देंहटाएंयादो के मेले मे भला कौन नही खोना चाहे गा
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