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मंगलवार, 2 फ़रवरी 2010

अब दिल्ली ब्लोग्गर बैठक नहीं होगी मगर ब्लोग्गर्स तो बैठेंगे ही ,वो भी इसी रविवार , यानि सात फ़रवरी को ही



जी हां बिल्कुल ठीक पढ रहे हैं आप लोग , मेरे कहने का मतलब बिल्कुल स्पष्ट है कि, इस रविवार यानि सात फ़रवरी को प्रस्तावित दिल्ली ब्लोग्गर बैठक अब नहीं होगी । ब्लोग्गर बैठक नहीं होगी इसके कई कारण हैं जो मैं आगे बताऊंगा , मगर इससे पहले ये बताता चलूं कि राज भाटिया जी जर्मनी से भारत (दिल्ली ) पहुंच चुके हैं और उनसे किए वादे के अनुसार ....उसी जगह उसी समय और उसी दिन ..ब्लोग्गर मित्र मिल के बैठेंगे ...और राज भाटिया जी से मुलाकात और बात करेंगे । मगर मैं फ़िर कह रहा हूं कि कोई ब्लोग्गर मीट/ बैठक/सम्मेलन नहीं होने जा रहा है । इसलिए किसी भी मुगालते में न रहें .........न किसी तरह की उम्मीद ........और न ही कोई नाउम्मीदी पालें । सिर्फ़ अपना दिल ले कर आएं ताकि गले लगें और लगाएं तो दिल मिल जाए .........यही सार्थकता होगी उस दिन की ....मेरे लिए तो जरूर ही ।

अब बात इसकी कि आखिर ब्लोगगर बैठक क्यों नहीं होगी ...........आज कल हिंदी ब्लोगजगत के जो हालात देख सुन पढ रहा हूं ........उससे मन खिन्न है , न सिर्फ़ खिन्न बल्कि उससे भी ज्यादा कुछ कहूं तो भी कम ही होगा । साफ़ दिख रहा है कि ........अपने निजी जीवन के घटियापन, मक्कारी, दोहरे चरित्र को हम लाद कर हिंदी ब्लोग्गिंग में भी ले आए हैं और अब तो ये इतना ज्यादा लद चुका है कि ....हम सब उसीके बोझ तले दबते जा रहे हैं । कौन पुराना , कौन नया, कौन बडा कौन छोटा, कौन आर कौन पार ........कुल मिला के एक वृत सा बन गया है जिसमें फ़ंसे हम सब गोल गोल घूमते जा रहे हैं । और इसमें गोल गोल घूमने की तीव्रता इतनी अधिक होती जा रही है कि साफ़ दिख रहा है हम एक भंवर तैयार कर रहे हैं ..........जाहिर है कि डूबने और डूबाने के लिए । तो ऐसी परिस्थितियों में ब्लोग्गर्स मीट करके किसी को खुश/नाखुश करने का कोई अवसर मैं आने देना नहीं चाहता ।

ये पहले भी कह चुका हूं और आज फ़िर स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि राज भाई से मिलने के लिए रखी जा रहे इस समय के छोटे टुकडे का ...आयोजक भी मैं हूं .....प्रायोजक भी मैं ही हूं ......संयोजक भी मैं ही हूं .............यानि कि इसके अलावा जितने भी " जक " .वो मैं और सिर्फ़ मैं हूं । और सभी आमंत्रित हैं जो भी राज भाटिया जी से मिलना चाहते हैं ...मुझ से मिलना चाहते हैं ....कौन आ रहा है .....कौन कौन उपस्थित रहेगा ........ये मुझे खुद नहीं पता .....हां आप सबका इंतजार रहेगा ..समय , स्थान और दिवस पुन: नोट कर लें

DAY :- 7th FEBRUARY ,2010

TIME :- 11 A.M. TO ..4.00 P.M.

PLACE :-
GGS CAFETERIA AND RESTAURANT
NEAR LAKSHMI NAGAR ,PSK
LAKSHMI NAGAR COMMERCIAL CENTRE

इसके साथ ही एक बार फ़िर से अपना फ़ोन नं इस पोस्ट के साथ लिख रहा हूं ताकि किसी जानकारी के लिए/ किसी कठिनाई, असुविधा से बचने के लिए आप सीधे सीधे मुझसे संपर्क साध सकें

09871205767

शुक्रवार, 27 नवंबर 2009

दिल्ली ब्लॉग बैठकी का सिलसिला आगे बढ़ा , एक और बैठक हुई

अभी तो दिल्ली ब्लोग बैठकी की खुमारी तो पूरी तरह उतरी भी नहीं थी कि ये सिलसिला और आगे बढता सा जान पडा .....। आप सोच रहे होंगे यार ये झाजी तो अपनी ब्लोग्गर मिलन की अमर चित्र कथा पढा -दिखा कर ॥बिल्कुल पका देने पर तुले हुए हैं ...अब क्या करें जी जब हम बिलागर्स आपस में मिल बैठ के बतियाएंगे .....और जाहिर है कि ब्लोग्गिंग पर ही बतियाएंगे ....तो फ़िर उसे आप तक पहुंचाना भी तो हमारी ड्यूटी बन ही जाती है ...तो लिजीये हाजिर हैं ..।

दरअसल हुआ ये भाई दीपक मशाल ने सूचित किया कि उनकी स्वदेश वापसी हो रही है ...और उनका हवाई जहाज दिल्ली में ही उतरेगा सो सबसे मुलाकात हो जाए.....।तय कार्यक्रम के अनुसार वे पहुंचे और सबसे पहले खुशदीप भाई से उनकी मुलाकात हुई ॥वहीं से फ़ोनियाते हुए ये तय करने का प्रयास हुआ कि मुलाकात कहां हो ...।अपने राजीव भाई जैसे पहले ही ताक में बैठे थे ....फ़ट से न्योता दे डाला कि कल यानि ..२६/११/०९ को दोपहर का भोजन उनके यहां पर किया जाए...। हमने भी हामी भर दी .....एक और बैठकी का बहाना ...भला हम कहां छोडने वाले थे ॥ मगर छब्बीस की सुबह जब राजीव भाई (श्री राजीव तनेजा जी , हंसते रहो वाले) का फ़ोन आया तो ...बुलबुल की तबियत और कुछ कार्यालयीय मजबूरियों के कारण मैं थोडी अनिश्चितता दिखाई .......मगर उन्होंने अगले ही पल भाभी जी यानि श्रीमती संजू तनेजा जी से रिक्वेस्ट डबल करा दी । धर्म संकट बढ गया था ॥


हमने भी बचपन में स्कूल बंक करके पिक्चर देखने के लिए अपनाई जाने वाली सफ़ल तकनीक का अचूक उपयोग किया ...किसी बहाने से निकले...रास्ते में स्कूटर में वर्दी उतार कर रखे कपडे पहने और ...चल दिये तनेजा निवास । रास्ते में ही सूचना मिल गई कि छोटे मियां भाई दीपक मशाल पहले ही पहुंच चुके हैं । उनके घर पहुंचे और दीपक को देखने के बाद मेरे मन में जो पहला ख्याल आया वो ये था कि ...यार यदि अपने ब्लोग्गर्स को लेकर एक फ़ैशन परेड कराई जाए तो हिट रहेगा ...महफ़ूज़ अली, दीपक मशाल, खुशदीप सहगल....एक से एक स्मार्ट छोरों की लाईन है अपने पास ........। शो स्टौपर के रूप में उडन जी को लपेट लेंगे .....। वहां पहुंचे तो राजीव भाई के पडोस में रहने वाली विख्यात हास्य कवि ...बागी चाचा भी पधारे ...और कुछ ही देर में श्री एम एल वर्मा जी भी पहुंच गये ॥बाद में पता चला कि वे भी हमारी तरह ही बीच से निकल आए हैं॥ बस फ़िर तो कवियों और हास्य की धारा ऐसी बही कि पता ही नहीं चला कि कब समय बीत गया ...चाय, नाश्ते ,पकौडे , भोजन, फ़िर चाय कौफ़ी का दौर खूब लंबा चला ...और क्यों न चलता ,श्री राजीव भाई जितनी लंबी पोस्ट लिखते हैं उतना ही लंबा आयोजन भाभी जी ने खाने पीने का बना दिया । इसी बीच फ़ोटो शूट हुई ॥सबको एक साथ एक ही फ़ोटो में समेट लेने की हमारी दुविधा को हल किया ...राजीव भाई के सुपुत्र ने ...जिसने हम सबके मोबाईल से सबकी फ़ोटो बारी बारी खींची ....देखिये न


( बैठे हुए बाएं श्री एम एल वर्मा , और बागी चाचा ,
बाएं से राजीव भाई, दीपक मशाल, अजय कुमार झा और श्रीमती संजू तनेजा )




बात ही बात में हम लोगों ने बागी चाचा , श्री एम एल वर्मा जी , राजीव भाई , और दीपक मशाल की रचनाओं के पाठ का आनंद भी लिया । हमारे आग्रह पर कि ,बागी चाचा जैसे साह्त्यकारों को भी हिंदी ब्लोग्गिंग में लाया जाए...और बागी चाचा तथा ,श्री एम एल वर्मा और खुद हमारी कई तकनीकी शंकाओं के निवारण हेतु राजीव भाई ने एक इंस्टेंट कंप्यूटर क्लास लगाई ....बांकी विद्यार्थी तो क्लास ले रहे थे ॥हम पोस्ट बनाने के चक्कर में फ़ोटिया रहे थे....ठीक कर रहे थे न ....।

लेकिन इन सब बातों के बीच एक बात और तय हुई कि अब हम लोगों को कोई एक निश्चित स्थान ...तय करना चाहिये जहां समय समय पर सबसे मुलाकात और बात की जा सके ....तो आप तैयार हैं न .....उस समय और स्थान पर हमें गले लगाने और गले लगने को ॥

दिल्ली ब्लोग बैठकी का सिलसिला आगे बढा ...
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