रविवार, 29 मार्च 2009

ई मेल अकाउंट है या लौटरी का टिकट (आप तो व्यंग्य ही समझेंगे )

इस आर्थिक मंदी के दौर में कोई भी अजूबा हो सकता है, और कहूँ की हो भी रहा है , मसलन अमेरिका का बैंक दिवालिया हो रहा है , और भारत में एक लाख की कार बन रही है। हमारा अन्तरिक्ष यान चाँद पर पहुँच गया और उसी दिन सुना की फिजा का चाँद खो गया, सत्यम ने तो सत्येमेव जयते को झुट्लाते हुए सारी रेकोर्ड ही तोड़ दिए। मगर यहाँ तक तो ठीक था लेकिन अब भैया गजब ही हो रहा है। पिछले कई दिनों से यही देख रह हूँ की मेरे ई मेल अकाउंट में रोज ही करोड़ों या पता नहीं अरबों रुपैये की लोटरी का वजेता बनाया जा रहा है मुझे। मैं ठहरा गरीब आदमी जब पार्टी का ज्यादा खाना ठीक से हजम नहीं होता तो कमबख्त लोटरी का जीतना कैसे पचा सकता हूँ सो बेहद परेशान हूँ। पहले तो मैंने सोचा की जरूर ही स्लम दोग से प्रेरित होकर कोई नयी योजना चलायी जा रही है, पूछने पर पता चला की अब उन्हें फ्लैट कैट करोड़पति चाहिए। दरअसल स्लम के दोग को तो वे देख और दिखा चुके हैं इसलिए किसी फ्लैट कैट को चुनना है , मैं इसके लिए कतई तैयार नहीं था सो मैंने कई प्रस्ताव भी उनके सामने रखे।

देखिये आपके इनामी मेल के साथ पिछले कई दिनों से एक और मेल भी मुझे बराबर आ रहा है न जाने कभी युगांडा से तो कभी तंजानियां से कोई अजीब नाम वाली महिला कहती हैं की अब उनके पति की मौत के बाद मैं इस दुनिया में वो अकेला शक्श हूँ जिस पर उनकी उम्मीद टिकी हुई है सो मैंने गुजारिश की की आप ये लोटरी का विजेता उन महिला को ही बना दें
दूसरा सुझाव था की अपने अमिताभ जी से टैक्स वसूलने के लिए इनकम टैक्स वालों को सर्वोच्च न्यायालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं सो आप इस लोटरी को उन्हें को दे दें ताकि उनका पीछा छोटी।

मैंने एक और प्रार्थना की की महाराज अपने जो मुझे अमीर बनने की ये अनोखी अनुकम्पा की है तो फ़िर ई मेल अकाउंट की जगह आप मेरे बैंक अकाउंट में ही सारी रकम दाल दीजिये ।

लडाई जारी है और लगता है की एक न एक दिन वे मुझे जरूर ही टाटा या म्बानी बना कर ही दम लेंगे, हाय इस गरीब ब्लॉगर का क्या होगा, उफ़ तब तो में इस तरह ब्लॉग्गिंग भी नहीं कर पाउँगा, नहीं नहीं मुझे ये बर्दाश्त नहीं है मैं नहीं बन सकता सेलीब्रिटी

4 टिप्‍पणियां:

  1. भाई जी हमने तो अपना सेविंग अकाउंट नम्बर दे दिया था कि भईया यति इतने ही उतावले हो तो पैसा इसमें डाल दो, और इसमें से आधा तुम्हारा… लेकिन कोई पलटकर ही नहीं आया…

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  2. Awwal to aapki tippaneeke behad shukrguzar hun..
    Doosara, aapke blogpe ( kuchh bhi kabhi bhi, is sheershak ke oopar) lagee tasveer dekh mai aur kuchbhi dekhna bhol gayee....ise kya mai apne blogpe leke, fiber art ke zariye,( Fiber Art ,ye ek aur blog hai mera) ek bhittee chitr banana sakti hun?....is tasveer me gazabkaa textural variation hai....

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  3. JHA SAB RAM RAM, AAPKE VICHARO SE AAPKO JANA HAIN, VAYANG HE VO SAHI MADHAYAM HAIN JO INSANO KO JALDI SIKHATA HAIN, MERA BHI PRACTIAL ROOM SE YAHIM MANNA HAIN, MERI HINDI LEKHNI THODI KAMJOR HAIN , KUCH KOISHS KAR RAHA HU, AB AAPKI SANGAT TO HO HE GAI HAIN, YEH BHIU HO JAYEGA. AUR RAHI BAAT LOTTERY KE TO 5-10 LOTTERY MERE KO BHI LAGI HAIN, AAP AUR MAIN DONO MILKAR (AUR BHI KOI AANA CHAYE TO SWAGAT HAIN) NETAGIRI MAIN INVESTMENT KARTE HAIN. ABHI YEH SABSE ACCHA BUSINESS HAIN, EK BAAR LAGAO AUR 5 SAAL TAK KHAO, ISKE BAAD TO DUNIYA HE APNI HAIN, KAHA NENO, KAHA AMITABH SAB APNE PAAS HE AAYENGAY...PAISA BOLTA HAI JANAB, HAME GARIBE KO NAHI GARIBO HE MAR DENA CHIYE,AUR RAHI BAAT VIKAS KE TO USE KAYA KKARNA HAIN, INSAN KO JAROOT HOGI TO SAYAM RASTA BANA LEGA, APNA PAISA TO APNE PAAS HE RAHEGA NA...BOLO JAI HO

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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