ब्लोग्गर सम्मेलन की घोषणा जब की गयी थी .....तब कुछ भी तय नहीं था...सिवाय इसके ...कि बस अब बहुत हुआ दूर दूर से निहारना...अब तो यार कहीं मिल बैठो......हाथ से हाथ मिले , और दिल से मिले दिल,....एक बार उन्हें भी सीने से लगा के देखें...जिनसे जाने कब कैसे कितना गहरा रिशता बन गया....मगर स्थान, समय , दिन कुछ भी तय नहीं हो पा रहा था...मित्र ब्लोग्गर्स ....बिल्कुल इसी तरह उतावले थे....जिस तरह ..अपनी पोस्ट लिखने के बाद टिप्प्णी को देखने के लिये रह्ते हैं....
इसी बीच अविनाश भाई....जो जनसंपर्क में किसी भी हिसाब से अपने आप में ....चलते फ़िरते बी ऐस ऐन ऐल हैं.......उन्होंने खबर दी कि ...राजीव रंजन जी ..साहित्य शिल्पी की पहली वर्षगांठ ...का समारोह आयोजित करने जा रहे हैं....क्यों न इसी के साथ ब्लोग्गर्स मित्रों को भी आमंत्रित किया जाये....और कुछ न सही ..कम से कम दो बातें तो हो ही जायेंगी.....एक तो ये कि ..ये पता चल जायेगा...किसने किसने ...अपनी फ़ोटो ...खुद से ज्यादा सुंदर लगा रखी है...कौन अपनी लगी हुई फ़ोटो से ज्यादा स्मार्ट है...और कौन कौन ..हमारी तरह यानि..निगेटिव, फ़ोटो , और असलियत में(इसे थ्री डी इफ़्फ़ेक्ट कहते हैं) ...एक जैसे ही हैं....
जगह तय हुई फ़रीदाबाद......सभी ब्लोग्गर मित्रों को पोस्टों के माध्यम से...मेल से..और जिनके फ़ोन नम्बर उप्लब्ध थे ..उन्हें फ़ोन से भी सूचना दी गयी...अजी सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ...अविनाश भाई ने इसके बाद ...दिल्ली से फ़रीदाबाद तक के निर्धारित स्थान तक सभी ब्लोग्गर्स मित्रों के पहुंचने की व्यवस्था भी करनी शुरू कर दी...अब ये मुझे नहीं पता ....हो सकता है..उन्हें लगा हो ..कि पहुंचने का कह कर सब ठीक समय पर गोली न दे दें....सो सबकी सवारी भी पक्की कर दो...अब इसके आगे कुछ और कहें ....अपनी भी कहते चलें....जैसे ही श्रीमती जी को बताया कि फ़रीदाबाद जाना है...कुछ काम है....शर्त ये रही कि ...ठीक है चलो इसी बहाने ..कुछ रिशतेदारी भी निभा कर आना हो जायेगा...जो कि आप कभी भी नहीं निभाते...सो तय ये हुआ कि ..वहां जाने के लिये जबरिया हमें साले साहब की गाडी में ही जाना होगा.....जो सीधे हमें हमारे साढू के घर पर छोडेंगे...पहले हमें अपनी उपस्थिति वहां दर्ज़ करानी ही होगी फ़िर चाहे जहां जायें....नहीं मानने की कोइ गुंजाईश ही नहीं थी....इत्तला श्री पवन चंदन जी को दी गयी...जिसे उन्होंने फ़ौरन से पेशतर हमारी गोलीबाजी ही समझा....खैर....पूछा गया कि ..कहां..किस कार्यक्रम में जाना है....अरे कुछ नहीं...छोटा मोटा सा महा सम्मेलन है......क्या ....क्या कहा.....छोटा महा सम्मेलन........और थोडी देर का ...मुझे पता है......आप नहीं लौटने वाले कल...जब उनकी फ़ोटुओं...और उनकी पोस्टों के साथ सारा सारा दिन चिपके रहते हो...तो अब तो वे सब के सब सामने होंगे.......शर्त ये कि....चलो देर हो तो .....रुकना वहीं ......मेरी बहन के घर ....
इस सारे वाया- मिडीया को झेलते ..जैसे तैसे ..पहुंच ही गये ...और चुपके से जा के बैठ गये ....अविनाश भाई के पीछे......कारण ....एक तो ये कि बस एक उन्हीं को पहले से पहचानते थे.....दूसरा ये कि ...उन्हीं के आसपास ब्लोग्गर्स के संक्रमण का खतरा था....जिससे ग्रस्त होने हम वहां पहुंचे थे.......जैसा कि तय था....और तैयारी थी....शुरूआत राजीव जी ने अपने साहित्य शिल्पी की पहली वर्षगांठ को समर्पित करते हुए....इसके एक साल के सफ़र ....उप्लब्धियों...आगामी योजनाओं.....के बारे में बडे ही ओज पूर्ण स्वर और शानदार शैली में किया...साथ निभाया......श्री अजय यादव जी ने और अभिषेक सागर जी ने...अपने लैपटौप और स्लाईड शो के सहारे ....तस्वीरें यहां देखें....... इसके बाद शुरू हुआ सिलसिला..कवि सम्मेलन, संगोष्ठी का .....जब कवियों ने समां बांधा.....तो तिलस्म तब टूटा जब ...सबको याद दिलाया गया कि ....आप लोगों के भोजन की भी व्यवस्था है...समय इतनी जल्दी जल्दी बीत रहा था कि ..पहले ही कई कवियों....को कह दिया गया था कि रिसेशन का असर यहां भी शुरू हैं ....सो .....
अरे तो भैया हम ब्लोग्गर्स....अजी जब पोस्ट पढने के बाद बिना टीपे बाहर नहीं निकलते तो ....क्या सम्मेलन को बिना महा बनाये निकल जायें हो ही नहीं सकता...उपाय निकाला फ़िर से अविनश भाई, राजीव रंजन जी , और सुनीता जी ( जिनके सहयोग के कारण ही उनके विद्यालय में ये आयोजन संभव हो सका) ने....भोजन वहीं लगवाया गया.....और पिछली रिपोर्टों में देख रहा हूं कि ...किसी ने ये जिक्र नहीं किया कि ..सबने जम के छोले भटूरे....अचार...और गर्मागरम गुलाब जामुन ...को छक कर उडाया.....और इसी के साथ साथ ...चल रहा था ब्लोग्गर्स के विचारों का आदान प्रदान......
(अविनाश भाई...हमेशा की तरह व्यस्त)
ब्लोग्गर्स की पारी की शुरूआत की ..अविनाश वाचस्पति जी ने.....उन्होंने विस्तार से हिंदी ब्लोग्गिंग पर अपने विचार ...उसका भविष्य......मित्र ब्लोग्गर्स का आभार ...सब कुछ अपने वक्तव्य में कह दिया...
इसके बाद उनके संचालन और निर्देश - आदेश के अनुसार सभी ब्लोग्गर्स अपने अपने विचार रखते रहे.....हम सुनते रहे...
जहां ..गाहे-बेगाहे ...ब्लोग वाले विनीत कुमार ने ....जम कर ब्लोग्गिंग को सिर्फ़ टाईम पास कहने वालों की बखिया उधेड दीं....अपने कलम के तेवरों के अनुरूप उन्होंने बताया कि ..कैसे ब्लोग्गिंग ... मीडीया के अपने अंदर छुपी हुई सच्चाईयों को उसके सामने रख रहा है...यानि उसे आईना दिखा रहा है...और सभी ब्लोग्गर्स से आग्रह किया कि इसे संजीदगी से लें ...और वैसे ही प्रस्तुत करें....
मीडीया मंत्रा वाले पुष्कर जी ने भी अपनी बात ..इससे थोडा सहमत -असहमत होते हुए रखी....
हाल ही में ..ब्लोग्गिंग में आये देशनामा वाले खुशदीप सहगल जी का कहना था...कि आप यदि भाषण में ही अपनी बात रखेंगे...तो संभव है कि लोग आपको पढें न पढें....रोज़ रोज़ न पढें...तो जरूरी ये है कि पहले ये जाना जाये कि लोग किस बात को ..किस अंदाज़ में पढना पसंद करते हैं.....और उसे वैसे ही प्रस्तुत करने की कोशिश की जाये...
हास्य प्रिय मित्र ब्लोग्गर्स ..राजीव तनेजा जी ने..एक दम शर्मीले अंदाज़ में......अपनी एक हास्य रचना से परिचय करवाया...तो शेफ़ाली जी ने ..अपने अरहर नामा.....(अरहर दाल को समर्पित )....रचना पढी...भाई इरशाद अली.तन्हा सागर जी, सुनीता जी....पांडे जी...सुनीता शानू जी....और वरिष्ठ कवि..श्री योगेन्द्र मौदगिल जी , श्री पवन चंदन जी, श्री विकेश जी, ने भी अपनी अपनी रचनाओं का आशीर्वाद दिया.....
समय का पहिया भागता जा रहा था.....मगर मन था कि मान ही नहीं रहा था...सम्मेलन का समापन करते हुए आखिरकार ..पवन जी को कहना ही पडा कि ...जल्द ही ..एक सम्मेलन..दिल्ली में भी होगा...
अब कुछ दिलचस्प बातें जो मेरे साथ हुईं
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शेफ़ाली जी अपनी बहन के साथ आयी थीं.....दोनों की एक सी सूरत.....सो बीच में नमस्कार किया ...जो शेफ़ाली हों ..वे स्वीकार करें..और बहन जी को ...copy to ....कर दिया...
भाई राजीव जी के आने तक मैं....जिनके राजीव तनेजा होने का अनुमान लगाता रहा..वे योगेश समदर्शी निकले....
दैनिक जागरण के जिन मित्र से आग्रह किया कि वे कार्यक्रम को कवर करने के लिये किसी को भेज दें....जो आये वे थे.... श्री अनिल बेताब....खुद ही एक प्रतिष्ठित कवि....सो उन्होने न सिर्फ़ कवर किया बल्कि एक अलग ही समा बांध दिया...
चलते चलते ये बता दूं कि अब तक..हिंदुस्तान....दैनिक जागरण ..द्वारा इसे कवर करने ..और प्रकाशित करने की खबर मिल चुकी है...पेपर कटिंग भी मिल चुकी है...शायद कुछ और भी समाचार पत्रों द्वारा भी इसे खबर बनाया गया है....
तो मिलते हैं......अगले ब्लोग्गर सम्मेलन में....एक बार फ़िर ...
आपलोगों को बहुत बहुत बधाई .. आपने बहुत ही रोचक ढंग से रपट तैयार की है .. अगले ब्लागर सम्मेलन की घोषणा कुछ पहले हो जाए तो अधिक अच्छा हो .. कार्यक्रम बनाने में सबों को सुविधा हो सकेगी !!
जवाब देंहटाएंसफलता पूर्वक संपन्न करने के लिए बहुत बहुत बधाई। आपकी कवरेज भी अच्छी है
जवाब देंहटाएं।
बड़ा जोरदार ब्लागर सम्मलेन -आप भी पहुंचे ! सीधे श्रीमुख से हम सत्यनारायण कथा सुन धन्य हुए !
जवाब देंहटाएंलीजिये हम तो मन-मसोस कर रह गये हैं सब कुछ सुन-गुन कर...
जवाब देंहटाएंसब कुछ बढि़या है
जवाब देंहटाएंपन
अपुन
झा जी कहिन
इस्टाइल में भी
रिपोर्ट या रपट
मांगता है अपुन।
जिन्हें ऐसी दरकार हो
वे पसंद पर चटका
लगाए बिना न जाएं
और थोड़ी थोड़ी देर
यानी 5 - 5 घंटे में
दोबारा भी चटका जाएं।
अपनी मांग को
वजनदार बनाएं।
बहुत ही रोचक अंदाज में अजय जी आपनें इस कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की है। बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएं-राजीव रंजन प्रसाद
ख़त्म हुआ लम्बा इंतज़ार
जवाब देंहटाएंझा जी की रपट भी
आ ही गयी आखिरकार ......ise apnee post me laga deejie
mujhse post nahi ho रहा
शेफ़ाली पांडे..मेल से
जैसी आज्ञा अविनाश भाई....मैं तैयार हूं....काम शुरू करता हूं..
जवाब देंहटाएंब्लागर सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित होने पर ढेरो शुभकामना और बधाई . रपट बढ़िया रही ....
जवाब देंहटाएंआपको हिन्दी में लिखता देख गर्वित हूँ.
जवाब देंहटाएंभाषा की सेवा एवं उसके प्रसार के लिये आपके योगदान हेतु आपका हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ.
".ठीक है चलो इसी बहाने ..कुछ रिशतेदारी भी निभा कर आना हो जायेगा."
जवाब देंहटाएंइसे कहते हैं- आम के आम गुठलियों के दाम:)
सफलता पूर्वक संपन्न करने के लिए बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंकमाल कर दिया। पढ़ाते पढ़ाते हँफा दिया। थोड़ी सांस ले लूँ।.....
जवाब देंहटाएं...... अब बीच में एकाध पूर्ण विराम लगा देते तो क्या बिगड़ता। कम से कम साँस तो ले लेता।
सारी रपटें पढ़ लीं ब्लागर, महा-सम्मेलन में क्या कहा गया? पता नहीं लगा।
वो छोले भटूरे और गुलाबजामुन की फोटो नहीं दिखी। सुना है जल्द ही फोटो लगने वाले हैं, इंतजार में रहूँगा।
हमें भी फरीदाबाद घुमा लाने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंलिजीये ....आप ही कह रहे थे ..रिपोर्ट पेश किया जाये....हमने रिपोर्ट कार्ड ही थमा दिया....हां फ़ोटो तो जरूर पेश की जायेगी....मगर मुझे नहीं लगता कि उसमें भी आपको गुलाब जामुन दबाते ब्लोग्गर दिखेंगे...क्योंकि इस बात का पूरा ध्यान रखा गया था...कि ब्लोग्गर बेचारे छोडू और लपेटू तो पहले ही कहलाते हैं...मगर ्किसी भी हालत में ...पेटू न कहलाये...सांस भरिये...अभी झा जी कहिन पर एक रिपोर्ट और पढनी है आपको..जल्दी ही..
जवाब देंहटाएंबढिया सिलसिलेवार ब्यौरा पेश किया है आपने
जवाब देंहटाएंन खाता, न बही
जवाब देंहटाएंजो झा जी कहिन,
वही ठीक...
अभी तक की सबसे शानदार रपट।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अजय भाई....
अविनाशजी तो खैर बहुत खास हैं ही।
बहुत ही रोचक रपट ...सारा मंजर आँखों के सामने आ गया ...ब्लोगर्स मीट के सफल आयोजन की बहुत बधाई ..!!
जवाब देंहटाएंइसी बीच अविनाश भाई....जो जनसंपर्क में किसी भी हिसाब से अपने आप में ....चलते फ़िरते बी ऐस ऐन ऐल हैं......
जवाब देंहटाएंवाकई में सत्य है
मै भी इनकी सिम के चक्कर में हूं ।
रोचक रपट ।
अजय जी,अविनाश चाचा बी. एस. एन. एल. हैं तो आप भी एयरटेल से कम नही हो..इस कार्यक्रम में आप की भूमिका भी सराहनीय है.
जवाब देंहटाएंऔर एक कारण और भी है सराहना का की आप ब्लॉगर्स मीटिंग में तो गये ही और भाभी जी आज्ञा का भी पालन भलीभाँति किया..घर, बाहर दोनो ज़िमेदारियों का निर्वाह करना तो कोई आप से सीखे..
बहुत बढ़िया विवरण दिया आपने...सब के उपस्थिति के बेहतरीन विवरण...बहुत बधाई.....
वाह जी झाजी, आपने तो हमारे वहांनही पहुंच पाने का मलाल ही खत्म कर दिया. बिल्कुल ऐसी कमेंट्री की है जैसी जसदेवसिंह जी हाकी की किया करते थे.
जवाब देंहटाएंबडा आनंद आया जी इस महा सम्मेलन की रिपोर्ट पढकर. बहुत धन्यवाद.
रामराम.
बहुत अच्छी रिपोर्ट है... मुझे आप पहचान तो गये पर मैं क़्योंकि जल्दी में था. आफिस आना था इस लिये मैं अपना काम पूरा करते ही भाग लिया वरना मैं भी आपसे हाथ मिलाता और आपको पहचान भी जाता पर अगले अवसर पर पहला काम यही किया जायेग सबसे मेल मुलाकात का काम पहले निपटाया जायेगा...
जवाब देंहटाएंहिन्दी हर भारतीय का गौरव है
जवाब देंहटाएंउज्जवल भविष्य के लिए प्रयास जारी रहें
इसी तरह लिखते रहें
Good report
AJAY JI ...... AAPNE BHI APNE ANDAAJ MEIN LAJAWAAB KOVERAGE KARI HAI SAHITY SHILPI KI ... AANAND AA GAYA....
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