मंगलवार, 30 जून 2009
राखी सावंत : हिंदी ब्लोग्गेर्स से नाराज और निराश
जी हाँ बिलकुल सच बात है ..सुना है...और आप तो जानते ही हैं मैं कभी झूठ सुनता हूँ भला..कसम पीपल वाले चमगादड़ की कई बार तो खुद चमगादड़ अपने सीक्रेट मुझसे शेयर करते हैं..कोई और सुन नहीं पाता न....खैर इस वाली काबिलियत की कहानी फिर कभी..तो जैसे ही मैंने ये सुना की राखी जी ..अपनी राखी जी..अरे वही देश की बेटी ..जिसने कलयुग में सतयुग का धर्म निभाते हुए स्वयाम्बर की परम्परा को दोबारा जीवित करने का सबसे बड़ा धार्मिक आवाहन किया है ..आज कल ब्लोग्गेर्स से ..वो भी हिंदी के ब्लोग्गेर्स से (वैसे हिंदी के ब्लोग्गेर्स से नाराज रहना एक बड़ा फैशन बनता जा रहा है ..और विद्वान्जानो का कहना है की ये बीमारी जल्दी ही न रुकी तो स्वाइन फ्लू का रूप ले सकती है ) खासी नाराज भी हैं और निराश भी..बस अपना नैतिक...भौतिक..आर्थिक..दैहिक...सात्विक..और भी जितने प्रकार के विक टाईप के कर्त्तव्य होते हैं...उन सभी के मद्देनज़र फ़ौरन से पेश्तर उनसे मुलाक़ात करने की सोची ....मगर हमारे सोचने से होता ..यदि सचमुच ही कुछ होता ..तो कमबख्त उस अनामी के लिए आजकल जितने पापड हमें बेलने पड़ रहे हैं....उसे कोई सी भी ..कोई सी भी ..स्वाइन फ्लू..मैड काऊ...दिमागी बुखार,, अरे छोडिये ..हैजा ही हो गया होता..न भी विदा होता तो थोड़े दिनों के लिए सही किसी डाक्टर के यहाँ तो बैठा होता...अरे चलिए इसे भी छोडिये.
.मिलने गए तो पता चला की उनसे अभी केवल वही मिल सकता है जो उनके लिए मछली ..घड़ियाल..गोद्जिला..एनाकोंडा..जो भी उन्होंने रखा होगा..उसकी अंक में तीर मारने के लिए उतावला होगा...हमने सोचा अजीब मुसीबत है भाई...दूसरा उपाय लगाया...देखिये हमने एक संगोष्ठी ( अरे जिसे आप लोग पार्टी कहते हैं न उसे हम ब्लोग्गेर्स संगोष्ठी कहते हैं ) का आयोजन किया है ..इसमें तो आ सकती हैं........नहीं नहीं जी पार्टी ....से जुडी कुछ विध्वंसकारी यादों के कारण वे इसमें या आपकी जो भी गोष्ठी..है वो ..उसमें नहीं आ सकती...अबे तो क्या नाराजगी कभी दूर ना होगी...कलयुग में ऐसी सतयुगी प्रवृत्ति नारी को यों दुखी छोड़ दें हम...अबे लानत है...और हम धक्का -मुक्की करके चल ही दिए मिलने...जैसे तैसे पहुँच ही गए...कमबख्त ये जैसे तैसे वाली प्रणाली तो हमारे जीवन का मूल मंत्र बन गैयी है...ब्लॉग्गिंग भी चल रही है..जैसे तैसे....
गे गे गे गे ....सामने से गुनगुनाती राखी चली आ रही थी..... हम हैरान...चकित ..अरे राखी जी आप भी ..तो फिर ये स्वयाम्बर ....अरे चुप रहो..तुम ब्लॉगर भी न बिलकुल टी वी वालों की तरह होते जा रहे हो ...पूरी बात सुनते ही नहीं....मैं तो गा रही थी...गे गे गे गे रे..गे रे सायबा......प्यार में सौदा नहीं....न मांगू सोना चांदी ..न मांगू हीरा मोती....अरे अपना पसंदीदा गीत...समझे......ओह हो.....अच्छा सुना है आप हिंदी ब्लोग्गेर्स से नाराज हैं........?
बस राखी जी आ गयी अपने सात्विक मूड में .........अरे छोडो...ये बात...तुम लोग पता नहीं क्या क्या बहस करते हो ....पता नहीं कौन कौन से मुद्दे पर चर्चा..करते हो.....और एक दुसरे को शाबाशी देते हो...तो क्या मैं ही बच गयी थी.....तुमने फिर एक नारी की अवहेलना की है........ये कोई आम पहल नहीं है......इत्ते सारे लोगों में से स्वयाम्बर करके ...एक जने को ...सिर्फ एक जने को चुनना ...कोई हेल्प लाइन नहीं..कोई एस एम् एस भी नहीं....इस बात की कहीं कोई चर्चा नहीं...और तो और ताऊ जी ने भी ..अरे राज जी ने भी नहीं ..इस पर कोई पहेली नहीं पूछे.....जब तुम लोगों ने ही चर्चा नहीं की तो ...शुकल जी से क्या शिकायत करूँ की उन्होंने..चिटठा चर्चा में ..मेरी चर्चा की चर्चा नहीं की...मैं कोई ब्लॉगर तो हूँ नहीं की सीधे सीधे शिकायत कर दूं ...अनाम बन कर इसलिए नहीं किया ...क्यूंकि पता चला है की..कोई जाल वाल ..कोई काँटा डाल रखा है ......बताओ भला आज इस देश में इससे बड़ा क्रांतिकारी कदम है और कोई महिलाओं के परिप्रेक्ष्य में .......मैंने न में मुण्डी हिलाई...जाओ जाओ मुझे अभी ..बहुत से टेस्ट लेने हैं...लड़कों के ....
चलते चलते...हिम्मत करके ..पूछ ही लिया...अच्छा राखी जी यदि आपको कोई भी लड़का पसंद नहीं आया तो ....
हें..हें..बेवकूफ हो क्या...अरे फिर स्वयाम्बर नंबर तू...स्वयाम्बर नंबर थ्री......और जब कुछ भी नहीं तो
गे..गे..गे..गे..गे........
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अजय जी अगली पहेली यही तो थी, लेकिन आप ने तो गे...गे.... गे.... सारे जबाब पहले ही दे दिये, अच्छा जी अब चलता हुं, सुना है कोई अनामिका आज कल मेरे पिछले हाथ धो कर पड गई है, ना बाबा ना मुझे नही कोई पंगा लेना इन गे...गे...गे...गे देखा मेरी तो बोलती ही बन्द कर दी इन अनामिका ने.
जवाब देंहटाएंराम राम जी की
भाई आप काहे हमारे पीछे इन बला/अबलाओं को लगा रहे हो? अब राखी को हमारा नाम बताने की क्या जरुरत थी? कोई स्वयंबर मे नही मिला तो हमारा तो कल्याण ना हो जायेगा.
जवाब देंहटाएंएक काम करो शाश्त्री जी, राज भाटियाजी, अरविंद मिश्राजी, और कौन कौन था? हां याद आया ताऊ सरदार की मंडली के सारे चेले चपाटीयो के नाम बतादो और उनमे से कोई ना जचे तो खुद ही चले जाओ.:) और ढूंढ कर आता हूं कौन कौन थे उस जगह. वैसे हम आजकल श्मशान साधना मे लगे हुये हैं.
रामराम.
वाह यार भारी कलेजे वाले हो? बिना मोडरेशन लगाये ही बैठे हो? एक आधा अनामी सत्संग मंडल वाला आगया तो क्या करोगे?:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
बस शुक्ल जी से प्रिय राखी जी की नाराजगी जायज है कि काहे चर्चा में नहीं लिए.
जवाब देंहटाएंबाकी आपकी काबिलियतों को तो लम्बी लिस्ट है, एक एक करके पढ़ते रहेंगे. चमगादड़ कथा जरुर सुनाना.
चलिए कुछ तो राखी की नाराजगी दूर हुई हिन्दी ब्लागरों से। फिर यह तो आगाज है। देखते हैं आगे आगे होता है क्या?
जवाब देंहटाएंएक आधा राखी सांवत का फोटो भी छाप देते यार तो कुछ बिगङता था क्या....ब्लोग लिखना नहीं आता आपकों....
जवाब देंहटाएंअरे रजा भोज जी काहे नाराज होते हैं भाई...ऊ पोस्ट के ऊपर ..उनका ही पास्पोर्त्वा साईज का फोटो है...और अभी ता आप इमेजिन कीजिये ..राखी अपने हाजिर हो जाती हैं...हम तो ठहरे गंगू तेली ..जतना आता उतना तो करिए रहे हैं...आप त्युशंवा दीजिये न कभी ...
जवाब देंहटाएंअच्छा हुआ उसके खिलाफ़ कुछ नही लिखा।सुना है वो बिना बैण्ड के बाजा बज़ा देती है।
जवाब देंहटाएंशाबाश झा जी ! आप सब झाओं में झा वन हो :)
जवाब देंहटाएंराखी सांवत, आर्थात शो रूम जहाँ दिखता सब है बिकता कुछ नही
जवाब देंहटाएंझाजी पड गयी ना राखी के चक्कर मे अरे ब्लोगिन्ग से भी जाओगे हम तो दुअ ही कर सकते हैं
जवाब देंहटाएंAjay ji,
जवाब देंहटाएं"nukkad" pe dee gayee aapki tippanee ke liye dhanyawad...!
Mai ye tippanee hanste hanste likh rahee hun...!
Ek sanjeeda yaad likh ke aayee aur aapke blog pe aake hansee chhoot rahee hai..!
Ab aap ye nahee poochhenege ki, hansee kyon aayee...?
Pehele to aapkee post padhke aur baad me khudkee nadanee pe..."Mahashakti" kee tippanee padhee to apnee bewaqoofee samajhe..mai "Rakhee Gulzaar" samajh baithee thee...aur yahan baat ho rahee thee, Rakhee Sawant ke...
Khair..link detee hun, shayad aapko padhke achha lage..:
http://shamasansmaran.blogspot.com
Waise man kar raha hai, aapke "comment box" me use post kar dun!
शायद उनके स्वयंवर में किसी ब्लॉगर के न जाने के कारण ऐसा हुआ हो।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
Maine bhi TV par Rakhi ka show dekha tha..ye show kam tamasha jyada lagta hai...Mere blog par meri bhi Picture dekhen.
जवाब देंहटाएंmain bhi yahi soch rahi thi.ek do maheene baad rakhi swabhar part 2 bhi ayega....
जवाब देंहटाएंएहो झा जी,
जवाब देंहटाएंसगरो दुनिया 'मल्लिका देवी' के चरण पखारन में लागल है औ आप राखी देवी का नाम भज रहे हैं, का उनका स्वयम्वर में आपहु प्रत्याशी हो ? उनकी नाराज़गी की चिंता में आप बहुते दुबराय रहे हो........
का... बात का है भाई ?
अपने ड्राइवर से ही शादी कर लो राखी!
जवाब देंहटाएंराखी सावंत का स्वयंवर एक महज मूर्खतापूर्ण मजाक है। 21 जुलाई को दिखाये गये एपिसोड में राखी सावंत ने मनमोहन तिवारी के घर जाकर परिवार के लोगों से मिलने के बाद सबके बारे में काफी भला-बुरा कहा। यहां तक कि राखी सावंत ने मनमोहन तिवारी से कहा कि तुमसे ज्यादा अच्छा तो मेरा ड्राइवर है।
अगर राखी सावंत का ड्राइवर वाकई मनमोहन तिवारी से ज्यादा अच्छा है तो वह अपने ड्राइवर से ही शादी क्यों नहीं कर लेती? उसे स्वयंवर करने की जरूरत ही क्या थी?
नेहा, रांची
अपने ड्राइवर से ही शादी कर लो राखी!
जवाब देंहटाएंराखी सावंत का स्वयंवर एक महज मूर्खतापूर्ण मजाक है। 21 जुलाई को दिखाये गये एपिसोड में राखी सावंत ने मनमोहन तिवारी के घर जाकर परिवार के लोगों से मिलने के बाद सबके बारे में काफी भला-बुरा कहा। यहां तक कि राखी सावंत ने मनमोहन तिवारी से कहा कि तुमसे ज्यादा अच्छा तो मेरा ड्राइवर है।
अगर राखी सावंत का ड्राइवर वाकई मनमोहन तिवारी से ज्यादा अच्छा है तो वह अपने ड्राइवर से ही शादी क्यों नहीं कर लेती? उसे स्वयंवर करने की जरूरत ही क्या थी?
नेहा, रांची