मंगलवार, 30 दिसंबर 2008

हसीना हसीन हुई , और बेगम हुई गमजदा

पड़ोसी देश बांग्लादेश में आम चुनाव सात साल के बाद हुए। इस बीच वहां क्या-क्या हुआ और होता रहा , कहने bataane kee जरूरत नहीं। इस बार भी चुनाव से ठीक पहले और बाद में भी दोनों प्रमुख दल अवामी लीग और बांग्लादेश नेस्नालिस्ट पार्टी, यही अंदेशा व्यक्त कर रहे थे की चुनाव परिणाम मनोनुकूल न रहे तो pooree चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह खडा कर देंगे। लेकिन लगता है की आम मतदाता ये नहीं चाहता था।

चुनाव परिणाम आए और ऐसे आए की शेख हसीना और भी हसीन होकर उभरी । दूसरी तरफ़ बेगम खालिदा जिया का जिया तोड़ते हुए आम लोगों ने उन्हें इस कदर हाशिये पर दाल दिया की वे बेगम न रह कर गमजदा बन कर रह गयी। अब जबकिशेख हसीना पूरे दमख़म और भारी जनमत से सरकार बनाएंगी तो उनसे यही अपेक्षा रहेगी की वे अपने वीजन २०२० (जिसमें युवाओं से २०२० तक देश में संचार क्रान्ति लाने का वादा किया गया था ) को पूरा करने के अलावा अपने पिता को पुनः बांग्लादेश का राष्ट्रपिता घोषित करना, गरीबी, बेरोजगारी आदि से निपटने के कारगर उपाय करेंगी। इन सब कामों के अलावा भारत के साथ पिछले दिनों आयी कड़वाहट भी घटेगी , हम तो यही उम्मीद करेंगे ।


हाँ, अंत में बेगम जिया के लिए भी एक सलाह हैआपका असली वोट बैंक तो हमारे यहाँ घुसपैठिया बन कर गया हैयहाँ पड़े पड़े ऐसे ऐसे कारनामों में लिप्त है कि क्या कहें. देखिये अब भी वक्त है आप इन्हें वापस ले जाएँ, वरना हमारी आदत आप नहीं जानतीहमारे किसी पारखी नेता ने इन्हें अपना वोट बैंक मान लिया तो बस कल से ही आन्दोलन शुरूइन्हें आरक्षण दो, नौकरी दो, घर दो, अल्पसंख्यक दर्जा दो, दोहरी नागरिकता दो, उफ़ हे भगवान्, नहीं नहीं आप तो अपना ये अनमोल खजाना वापस ही ले जाओ.

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया पोस्ट पढ़कर अच्छी लगी. धन्यवाद. नववर्ष की ढेरो शुभकामनाये और बधाइयाँ स्वीकार करे . आपके परिवार में सुख सम्रद्धि आये और आपका जीवन वैभवपूर्ण रहे . मंगल्कामानाओ के साथ .
    महेंद्र मिश्रा,जबलपुर.

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  2. नव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं....
    नीरज

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  3. बेगम के लोग यहां आकर क्या बेदम हो गये? नहीं ना, वो तो यहां की सरकार के हाथ मज़बूत करने में लगे हुए हैं और बचे समय में बम बना रहे हैं।
    नववर्ष की शुभकामनाएं।

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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