रविवार, 20 जुलाई 2014

ठेठ गर्मी और गुलाबी नगरी ----जयपुर यात्रा (संस्मरण I )


गुलाबी नगरी


शहर की जब रुख किया था तब ये सोचा नहीं था कि एक समय ऐसा आ जाएगा जब वास्तविक संसार पर  आभासी दुनिया की छाया इतनी प्रबल हो उठेगी कि सब कुछ उसके पार्श्व में चला जाएगा , हालांकि इसमें बहुत हद तक बदलती हुई परिस्थितियां और लगाता संकीर्ण होता दायरा बहुत हद तक जिम्मेदा रहा । लेकिन कहते हैं न "हर बात का इक दौर होता है " , अनेक कारणों से आभासी दुनिया से अनियमित हुए तो वास्तविक दुनिया में वापसी ज्यादा सुखद और सार्थक लगने लगी ।

स्वाभाविक पारस्पारिकता में अभाव होने से रिश्ते ठंडे होने लगते हैं और उनपर बर्फ़ जमने लगती है , लेकिन समय की धूप अक्सर ऐसे बर्फ़ की परत को पिघलने का अवसर देती है .................छोडिए ये दार्शनिक फ़लसफ़ा ।तो लब्बो लुआब ये कि पिछले दिनों अचानक ही अनुज के बरसों पुराने आग्रह का संयोग कुछ ऐसा बना कि अचानक ही जयपुर प्रवास की तैयारी हो गई , सिर्फ़ बहत्तर घंटों का ये सफ़र और उससे जुडा हर पल यूं गुज़रा कि अब ताउम्र ये सफ़र याद रहेगा और बच्चों ने मिलकर फ़ायनल कर लिया कि अब सारी छुट्टियां एक साथ ही बितानी है ...जयपुर की गुलाबी नगरी की सैर तो मैं खैर आपको बाद में करवाऊंगा मगर वहां खींची गई लगभग पांच सौ तस्वीरों में से कुछ का आनंद आप इस चित्रावली में लें .....




दिल्ली से जयपुर -डबल डैकर , बेहद आरामदायक अच्छी रेल

बिडला मंदिर जयपुर

मोती डूंगरी वाले गणेश जी मंदिर , जयपुर

शानदर सिनेमा थिएटर -राज मंदिर

एलबर्ट हॉल संग्रहालय

बिडला तारामंडल व अंतरिक्ष शोधशाला

अक्षरधाम मंदिर ,जयपुर 

हवामहल , जयपुर

जलमहल ,जयपुर

आमेर का किला ,जयपुर

जयगढ का किला , जयपुर

 शाही भोजनालय -राजगढ किला

कनक घाटी-जयपुर

पारंपरिक वस्तु एवं वस्त्र विक्रय केंद्र -जयपुर
अगली पोस्टों में विस्तार से एक एक जगह घुमाने ले चलेंगे आपको ...
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