मंगलवार, 2 जून 2009

ब्लॉग्गिंग का भूत.....



अभी पिछले दिनों जब एक ब्लॉग पोस्ट पढी ...कि आईये भूत मारें....तो मैंने सोचा कि जूट तो सबने खूब मारे ...फिलहाल तो फुर्सत ही फुर्सत है..सो चलो यही सही...चलिए भूत मारें.....मगर भूत मारने के लिए भूत का होना भी तो जरूरी है.....यहाँ तो पडोसी तक नहीं मिलते ठीक से...रिश्तेदार और सम्बन्धी खुद हमें ही भूत समझते हैं...ऐसे में उनसे भी कोई उम्मीद बेकार थी......गाँव जाकर भूत पकड़ने की सोचने लगा...पता लगाया तो पता चला कि जब वहाँ आदमी ही नहीं रहे तो भूत भला अपना टाईम क्यूँ खोटी करेंगे गाँव में रह कर ....कहीं पढ़ा था कि ये भूत प्रेत विधेशों में भी कई देशों में पाए जाते हैं.....मगर यार वहां फेले ही बड़ी मार कुटाई चल रही है.....लोग मुझे ही मार मार कर भूत बना देंगे.....उफ़ क्या करूँ....परेशानी बढ़ती जा रही थी.....

मगर लानत है हम पर जो चीज सोच ली वो ढूंढे से न मिले ऐसा भला हो सकता है....घर में आँखें बंद कर अनुलोम विलोम करने लगे.......धीरे धीरे मन में दिव्या ज्ञान की प्राप्ति हुई ...अचानक ही एक दिव्यवानी...ऐसे प्रकट हुई जैसे उड़नतश्तरी किसी भी पोस्ट पर अवतरित हो जाती है......अरे मूर्ख तो जिस भूत को ढूंढ रहा है.... वो तो खुद तेरे पीछे पड़ा है...नालायक अब भी नहीं समझा ....ब्लॉग्गिंग का भूत.......तू खुद सोच ब्लॉग्गिंग किसी भूत की तरह तेरे पीछे नहीं पड़ा......मगर प्रभु मुझे तो कभी कभी इसके दौरे ही पड़ते हैं और मैं तो चाह कर भी अब तक नियमित नहीं हो पाया हूँ.....अबे तो क्या रोज लिखने से ही ऐसा होता है क्या...अच्छा अब मैं कुछ पूछने जा रहा हूँ तो सोच कर बता ..क्या ये सब सच नहीं है.......

अबे घामद जबसे तुने अपना कंप्यूटर लिया है..दिन रात इसी पर बैठा नहीं रहता...घर वालों से छुप कर ...बच्चों को किसी और काम में और बीवी को किसी सीरियल में बिजी करके तू नहीं लगा रहता इसी पर.....सोते जागते तेरे दिमाग में ब्लॉग्गिंग ही ब्लॉग्गिंग नहीं घोम्ती.....यही सोचता रहता है न.....कल क्या लिखना है......यार ये ताऊ ने अगली पहेली में क्या पूछा होगा...डॉ अनुराग के हॉस्टल में क्या हुआ होगा....द्विवेदी जी ने कौन सी कानूनी धारा पर लिखा होगा...डॉ पूजा अबकी बार दिल्ली की किन गलियों में घूमेंगी....महेंद्र भाई ने अबकी चिट्ठी चर्चा में तेरी चर्चा की होगी या नहीं...तू इसी चक्कर में तो उनके यहाँ पहुचंह कर खूब टिपियाता है बेटे...तुझे पता है कि फ़ुरसतिया जी को कभी भी इतनी फुर्सत तो होगी नहीं कि वो तेरा जिक्र करें...ब्लॉग टिप्स पर कौन सा नया गजेट आया होगा...नारी ने कौन सी नयी बहस शुरू की..भडास में कैसी भडास निकल रही है....अनिल अपने जहां से न जाने कौन सी बात कह रहा होगा....अविनाश भाई ,,मोहल्ले वाले की नै साईट पर क्या होने वाला है..दुसरे अविनाश भाई...तेताला गा रहे होंगे या कि बगीची में घूम रहे होंगे...सुना है ब्लोग्गेर्स मीत भी करने वाले हैं उसकी तैयारी में क्या क्या करूँ......अबे जा जा...तू नहीं सोचता अकी पाबला जी को अपनी वो कत्तिंग भेज दे जिसमें तेरे ब्लॉग पोस्ट छपे हैं समाचारपत्रों में....और तो और तू तो इसी में लगा रहता है कि यार कल उसके ब्लॉग पर टिप्प्न्नी नहीं कर पाया ...गया तो था...पढा भी मगर टिप्प्न्नी बक्सा नहीं खुल रहा था....शास्त्री जी कौन सी नै बहस शुरू करने वाले है....मीत जी आजकल कवाली सुनवा रहे हैं........अदालत पर ख्होब खबरें आ रही हैं ..मगर उस्कापन्ना थोडी देर से खुलता है...........दों दिनों से नए ब्लॉगर के ब्लॉग भी नहीं देखे....घोंचू तुझे इतना तो आता नहीं कि टिप्प्न्नी भी ठीक से हिंदी में कर सके ....मगर लम्बी लम्बी तिप्प्न्नियाँ मारता रहता है.........बेटा तू तो मारा जा रहा है कि हाय कोई तेरे ऊपर भी पहेली पूछे........

बस ...बस...बस करो भगवन...अब क्या पूरा चीर हर लोगे मुझ अबला का....अब इसमें मेरा क्या कुसूर.....ये भूत है कोई इंसान तो नहीं कि पीछा छुडा लूं.....और फिर ये जो आपने ऊपर मेरे ऊपर घोर लांछन लगाए हैं......प्रभु ये तो मुझ जैसे सभी बेचारे चाहते हैं.........आप जाइए ....मुझे कुछ नहीं पूछना आपसे...और कुछ सुनना भी नहीं है.......

मैं और मेरा भूत (ब्लॉग्गिंग का ) अक्सर ये बातें करते हैं..........

14 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही खराब मर्ज़ है। कुछ करते क्यों नहीं!

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  2. इस भूत से छुटकारा मूश्किल लगता है:)

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  3. यह भूत होता तो कोई परवाह नहीं थी। यह तो वर्तमान है।

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  4. पहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ कि आपको मेरी शायरी पसंद आई!
    बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई! भूत कुछ भी नहीं होता! मैं तो बिल्कुल भी विश्वास नहीं करती कि भूत होता भी है!

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  5. अरे डरिये मत, यह भूत आपका कोई नुक्सान नहीं करेगा....बल्कि यह मित्र बनकर आपकी सहायता ही करेगा....इसे अपना दोस्त समझिये....और कभी फुर्सत मिले तो हमारी भी मित्रता करवाइए इस भूत से.....

    साभार
    हमसफ़र यादों का.......

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  6. आप भूतों मे रह कर बहुत डर गये लगते हैं मै डराना नहीं चाहती इस लिये शाबाश दे रही हूँ कि बहुत अच्छी पोस्ट् है डरिये मत आगे बढ्त जाईये अपने सभी भाईयों को साथ ले कर शुभकामनायें

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  7. तो फिर, ब्लागिंग के भूतनाथ से मिल लीजिए:)

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  8. post to boht achhi hai..sabko aap le aye magar hindi me comment karna to hume bhi nahi aata to kya hum bhi...?

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  9. यह पोस्ट पढकर पक्का हो गया कि ब्लागिंग का भूत आपको लग चुका है.:)

    रामराम.

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  10. mujhe kya pata tha ki ye bhoot pret bhee aapko apne se lagenge...blogging kaa bhoot to sir chadh kar bolegaa ek din.....mujhe aisaa lagtaa hai..aap sab bhoot se mil kar khush hue .....kamaal hai....

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  11. आप किसी औझा से क्यू नही मिलते....भूत-प्रेत,किया-कराया,ओपरी कसर सब उतर जाएगी....24 घण्टे मे समाधान(गारण्टी से).:)

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  12. are sir mila thaa ...kambakht kehne laga ....gurudev aap mujhe hee blogging sikhaa do....dekho na kisi taantrik kaa blog bheenahin hai......main to bhaag liya....

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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