देश का सबसे बड़ा टैलेंट शो होने जा रहा है, तैयार हैं न :-
मुनादी हो चुकी है। विश्व के बहुत मजबूत कहे , मने जाने वाले लोकतंत्र की पहरेदारी के लिए "इंडीयन लीडर की तलाश " , संख्या पता नहीं कौन सी, नामक टैलेंट हंट शुरू हो चुका है। जनता गली , मोहल्ले, कसबे-कूचे , गाँव शहर हर जगह औदीशन ले रही है। कोई नया चेहरा तलाश रहा है तो कोई पुराने का हे मेकओवर करवा रहा है। पहले से इस क्षेत्र में मौजूद गुरुघंतालों के घरानू से भी प्रतियोगी जो आजमाईश कर रहे हैं। लेकिन कहीं किसी भी कोने से किसी नयी सोच, नए चरित्र या नयी हिम्मत वाले किसी प्रतियोगी मिलने की आशा लगभग न के बराबर है। सबसे अहम् बात , अभी से लेकर चुनाव तक ये सभी कलाकार तरह तरह से वोट अपील करेंगे और फ़िर आम जनता एक ही दिन वोट करेगी । कोई दूसरा राउंड नहीं , कोई वाईल्ड कार्ड एंट्री नहीं । तो तैयार हैं न आप सब, नए टैलेंट सो चाहिए एक अच्छा नेता के लिए।
ध्यान से , यदि चूक गए तो पाँच साल तक हाथ मलेंगे।
मॉडर्न :-
रवि आज सुबह से ही काफी खुश लग रहा था, आख़िर इतने दिनों बाद उसके पुराने मित्र ने उसी घर पर मिलने को बुलाया था, वो भी अपनी आलीशान कोठी में, वरना आजकल कौन सम्बन्ध रखता है गरीबों से। उसने तो पहले ही तय कर लिया था, की चाहे जो भी हो आज वो अमित से अपने पुत्र के नए स्कूल अमें एड्मीसन के बारे में बात जरूर कर लेगा, चाहे उसे कर्ज ही क्यों न लेना पड़े, मगर वो अपने बेटे को कोंवैंत में जरूर पढाएगा,। रवि जानता था की अमित जैसा बड़ा उद्योगपति जब सिफारिश करेगा तो उसके बेटे को दाखिला जरूर मिल जायेगा।
अमित के बंगले पर पहुँचते ही , उसने देखा की अमित उसका लॉन में ही चाय पर इन्तजार कर रहा है। उसने बड़ी गर्मजोशी से उसका स्वागत किया। फ़िर इधर उधर की बातें होने लगी। तभी अमित का पुत्र किशोर बाहर जाने के लिए वहां से निकला,
अरे किशोर , यहाँ आओ बेटा , देखो रवि अंकल आए हैं, आओ यहाँ आकर इनके पाँव छो कर आशीर्वाद लो।
डैड , क्या आप भी पुरानी दकियानूसी आदतें न ख़ुद छोड़ते हैं और हमें भी ऐसा करने लिए कहते रहते हैं, हम लोग मॉडर्न हैं ये सब ठीक नहीं लगता।
जहाँ अमित के चेहरे पर खीज भरी मुस्कराहट थी , वहीँ रवि के चेहरे पर संतोष , की उसने अब तक अपने बेटे को मॉडर्न स्कूल में पढाने के लिए अमित से बात नहीं की थी.
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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला