शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2007

dusra panna agli baat

कहिये दोस्तों पहले पन्ने को लिखे इतने दिन तो बीत ही चुके हैं कि जिसने जो पढना है वो पढ़ चूका होगा और क्या पढ़ चूका होगा यह इतनी फुरसत किसे है कि नए नए मुझ जैसे ब्लॉगर को पढ़ कर इतनी जल्दी उसपर अपनी प्रतिक्रिया भेजना शुरू कर दे। चलो ये तो होना ही था क्योंकि कहते हैं कि शुरुआत तो धीमी ही हो तो अच्छा रहता है इससे घोडा लंबी रस में दौड़ता है।
आज सोच रह था कि आपको चिंता रेखा के बारे में बताऊ । नहीं नहीं परेशान मत होइए चिंता रेखा पर कोई गंभी टिप्पणी नहीं करने वाला हूँ । दरअसल मुझे पिछले दिनों ही अनुभव हुआ कि चिंता रेखा का कितना गहरा संबध है हमारे जीवन में और आप चाहें न चाहें ये ठीक आपके साथ साथ रहती हैं जैसे कि आपकी धर्मपत्नी। वैसे भी जिनकी शादी हो चुकी है वे भुक्तभोगी ही इस गहरे दर्शन को अधिक आसानी से समझ पाएंगे। चिंता , मेरे यानी मर्दों के लिए तो चिता समान ही होती है जैसा कि सबने पढ़ सुना होगा हाँ मगर हमी श्रीमातियों के लिए बिल्कुल "रेखा" कि तरह होती और दिखती है। आधा जीवन बीत जाने पर भी उतनी ही खूबसूरत और दिलकश । कहिये आप नहीं समझे , चलिए मैं समझाता हूँ।
मेरी चिंता होती है कि हे भवान सरकार सिर्फ घोषणा पर घोषणा किये जा रही है इतनी बडे बडे सपने दिखा रही है बोला अबकी बार बोनस खूब बढ़ा कर देंगे मगर चुपके से अकाउंट में वही पुराने २४२५ डलवा दिए। मेरी चिंता है कि पता नही ये कमबख्त पे कमीशन कि रिपोर्ट कब लागू होगी । इस बार नए स्केल में आने के बाद अपना घर खरीद पाऊंगा कि नहीं और बहुत सी ऐसी ही चिंताएँ जो सचमुच कुल मिलाकर इतनी बड़ी चिता बन जाती है कि अगले सात जन्मों तक मैं मर मर कर उनपर जलता रह सकता हूँ। अब मेरी पत्नी कि चिंता रेखा भी पढ़ कर देखिए । उन्हे चिंता रहती कि हे भगवान् आज भी कहीं उसी वक़्त केबल वाले कि लाइट ना चली जाये जब सात फेरे , सास भी बहु थी, बेटियाँ और इसी तरह कि नारी शक्ति को बढ़ने वाले शिक्षाप्रद सीरियल आते हैं। उन्हे चिंता रहती है कि इस बार भी करवा चौथ पर कहीं भाभी उनसे ज्यादा बढिया ड्रेस ना पहन ले।
ये तो मैंने थोडे थोडे उदाहरण दिए हैं आप चाहेंगे तो मैं और विस्तात से सप्रमाण आपको बताऊंगा कि ऐसा आपके साथ भी तो होता है । आप माने या न माने, मगर मैं तो कभी भी कुछ भी कहूँगा ।
आपका
झोल्तानमा

2 टिप्‍पणियां:

  1. झोल्तानमा

    क्या है यह
    समझाओ आओ
    झोल्तानमा

    दौलतनामा होता
    तो यूं न पूछा जाता
    खुद ही समझ आता

    कोशिश अच्छी
    सच्ची सच्ची
    मीठी सीठी

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  2. mere blog ko padhney key liye dhanyavaad isi rarah utsaah badhaatey rahein.


    jholtanma

    जवाब देंहटाएं

मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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