Ji Ji Kuchh kuchh maine bhi suna hai...iske baare mein....aur ye bhi pata chala khiladi rahenge bhi mere hi pados mein... Bt khelengi serious ispar shaq hai....
सादर वन्दे ! हम तो कह रहे हैं जब साईकिल दौड़ हो, पैदल दौड़ हो तो सारी जनता सड़क पर निकल आवे, फिर देखिये कौन मुआ जीतता हैं, दिल्ली की भीड़ में और ट्रेफिक जाम में ही फसे राह जायेंगे ससुरे और कम से कम एक पदक हमारी झोली में, क्योंकि हमें तो रोज की आदत है कही ना खाई से तो निकल ही लेंगे ! कैसी लगी .........अभी आपका पोस्ट पढ़कर ताजा ताजा आईडिया आयाहै
चलिए माना कि आपके पास ये सब करने की फ़ुर्सत नहीं है ...........तो क्या हुआ ..आप फ़िर भी सक्रिय भागीदारी कर सकते हैं जी .............लो इसमें कौन सी बडी मुश्किल है ...........आपको करना सिर्फ़ ये है कि राष्ट्रमंडल खेलों तक ..इस तरह से रहना , खाना ,पीना और जीना है ..........मानो राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन की खुशी के मारे आप पगला गए हैं
बहुत ही उम्दा विचार ,दिल्ली के लोग तो पहले से ही पगलाए हुए हैं क्योकि खाना तो शरद पवार खा गये और जीना शिला जी के इस भ्रष्टाचार के गेम ने हराम कर दिया है ...
मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला
हाँ भैय्या सुना है आ रहा है .... हम भी गिल्ली डंडा लेके तैयार है हम ...... रोचक पोस्ट....
जवाब देंहटाएंJi Ji Kuchh kuchh maine bhi suna hai...iske baare mein....aur ye bhi pata chala khiladi rahenge bhi mere hi pados mein... Bt khelengi serious ispar shaq hai....
जवाब देंहटाएंकभी धूम मचाये था कमंडल
जवाब देंहटाएंआज चहु ओर राष्ट्रमंडल
अरे ये तो कविता हो गयी
हो गया न योगदान
सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंहम तो कह रहे हैं जब साईकिल दौड़ हो, पैदल दौड़ हो तो सारी जनता सड़क पर निकल आवे, फिर देखिये कौन मुआ जीतता हैं, दिल्ली की भीड़ में और ट्रेफिक जाम में ही फसे राह जायेंगे ससुरे और कम से कम एक पदक हमारी झोली में, क्योंकि हमें तो रोज की आदत है कही ना खाई से तो निकल ही लेंगे ! कैसी लगी .........अभी आपका पोस्ट पढ़कर ताजा ताजा आईडिया आयाहै
गज़ब का व्यंग्य।
जवाब देंहटाएंकल (26/7/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
जय हो राष्ट्र मंडल खेलों की..बहुत सटीक!!
जवाब देंहटाएंसीरियसली!!
जय हो राष्ट्र मंडल खेलों की..बहुत सटीक!!
जवाब देंहटाएंसीरियसली!!
मेरा योगदान यही है कि ,पूरी तत्परता से सारी रिपोर्टों को पढ़ुंगा ,बस आप लिखते रहिये ।
जवाब देंहटाएंचलिए माना कि आपके पास ये सब करने की फ़ुर्सत नहीं है ...........तो क्या हुआ ..आप फ़िर भी सक्रिय भागीदारी कर सकते हैं जी .............लो इसमें कौन सी बडी मुश्किल है ...........आपको करना सिर्फ़ ये है कि राष्ट्रमंडल खेलों तक ..इस तरह से रहना , खाना ,पीना और जीना है ..........मानो राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन की खुशी के मारे आप पगला गए हैं
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा विचार ,दिल्ली के लोग तो पहले से ही पगलाए हुए हैं क्योकि खाना तो शरद पवार खा गये और जीना शिला जी के इस भ्रष्टाचार के गेम ने हराम कर दिया है ...
बहुत बढ़िया... बस अब तो खेल आने वाले ही हैं ...
जवाब देंहटाएंअच्छा कटाक्ष है । हम त्6ओ तैयार हैं बस आपके पीछे पीछे । शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंमैं तो यही अपनी टिपण्णी दे कर श्रद्धांजिली दे रही हूँ.
जवाब देंहटाएंबढ़िया कटाक्ष.