सोमवार, 21 जून 2010

ऐसे मोड पर संकंलकों की कुछ बातें, ब्लोग्स पढने के कुछ उपाय





इत्तेफ़ाक की बात है कि अभी कुछ दिनों पहले ही एक साथी ब्लोग्गर ने अपनी जिज्ञासा ज़ाहिर करते हुए पूछा था कि फ़ौलोवर बनने और बनाए जाने के पीछे का औचित्य क्या है ? और जैसा मुझे याद है कि मेरे द्वारा दी गई टिप्पणी में ये भी लिखा गया था कि , इससे आपको अपने डैशबोर्ड पर उन सभी ब्लोग्स की सारी ताज़ी पोस्टें दिखती रहती हैं और दूसरा इत्तेफ़ाक ये देखिए कि अब जबकि आज की तारीख में निर्विवाद रूप से सबसे लोकप्रिय एग्रीगेटर पोस्ट के लिखे जाने तक , किन्हीं अज्ञात कारणों से एक जगह पर थम सा गया है , पोस्टें पढने के लिए मेरे द्वारा अपनाए गए बहुत सारे विकल्पों में एक कारगर विकल्प ये भी है

इसी मोड पर मुझे अपनी वो बात भी बार बार याद आ रही है जिसकी वकालत मैं बार बार करता आ रहा हूं कि , आज जब लगातार ब्लोग्स की संख्या , नियमित रूप से लिखने पढने वालो की संख्या भी बढती जा रही है तो फ़िर ऐसे में क्यों ये जरूरी नहीं लगता कि , और भी अन्य विकल्प आएं । नए नए कलेवर और नए नए तेवरों के साथ , नई नई सुविधाओं के साथ , और बहुत सारे नए प्रयोगों के साथ । सोचिए कोई ऐसा एग्रीगेटर होत जो सिर्फ़ सबसे कम पढी गई पोस्टों , सबसे कम टिप्पणी की गई पोस्टों को दिखाए और जैसे ही पढने /टीपने वालों की संख्या में वृद्धि होते ही उसका स्थान अपने आप नई पोस्ट ले लिया करे , सोचिए क्या हो यदि कोई ऐसा एग्रीगेटर हो जो सिर्फ़ और सिर्फ़ टीप्पणियां दिखाए ,और इस तरह की बानगी लिए बहुत सारे एग्रीगेटर्स । मगर अफ़सोस की बात तो ये है कि विकल्प बढने की बजाय घटते ही जा रहे हैं । नारद , हिंदी ब्लोग्स ,ब्लोग प्रहरी , और अब ब्लोगवाणी के स्वास्थ्य में नियमित अनियमित गिरावट । चलिए हम तो फ़िलहाल यही शुक्र मना सकते हैं कि ये सब जल्दी ही ठीक हो जाए और इंड्ली जैसे नए नए खिलाडी भी मैदान में उतरे ।

चलिए इसी बहाने आपको अपने वो उपाय बताता चलूं जिनसे ऐसी स्थितियों में मैं पोस्टें पढने का जुगाड करता हूं । हालांकि ये भी समय खाने वाला ही होता है मगर वो कहते हैं न कि नहीं से कुछ भला । पहला तरीका होता है ब्लोग पोस्टें । जी हां बहुत सारी ब्लोग पोस्टों पर पसंद सूची लगी होती है जिनपर ताजी अपडेटेड पोस्टें दिखती रहती हैं , तो बस वहीं से शुरू हो जाईए , एक से दूसरे , दूसरे से तीसरे ।दूसरा है ब्लोग्गर प्रोफ़ाईल ...जी ये भी बडे काम की चीज़ है । अरे भाई यहां भी कमाल है , हरेक ब्लोग्गर की प्रोफ़ाईल में आपको उन ब्लोग्स की सूची मिल जाएगी जिन्हें वो फ़ौलो कर रहे हैं तो उसे क्लिक करते ही आपको जाहिर तौर पर उस ब्लोग की ताजी पोस्टें मिल जाएंगी । अब कुछ और मजेदार जुगाड , जितनी भी चर्चाओं वाले ब्लोगस हैं उनमें घुस जाईये , बस ढेर सारे ब्लोग लिंक्स । ब्लोग औन प्रिंट , भी ऐसा ही एक ब्लोग है जिस पर आपको कम से कम एक हजार ब्लोग्स के लिंक्स तो मिल ही जाएंगे ।

चलिए अब चलते हैं एग्रीगेटर्स की ओर । इन दिनों आप इडली तो जोर शोर से खा ही रहे हैं । इसके अलावा रफ़्तार भी आपकी पोस्ट पढने के रफ़्तार को बढा सकता है । इनके साथ ही फ़ीडक्ल्सटर पर बने हुए दर्जन भर निजि एग्रीगेटर्स भी हैं जिनमें सभी में आपको बहुत सारी पोस्टों की ताजी झलकियां मिल जाएंगी । इस बीच तफ़रीह के लिए , बीबीसी ब्लोग्स, जागरण जंक्शन ब्लोग्स , नवभारतटाईम्स ब्लोग्स , हिंदुस्तान ब्लोग्स आदि को भी चर सकते। अब जाहिर सी बात है कि चिट्ठाजगत पर तो आप ये पोस्ट पढ ही रहे हैं ।कुछ और भी हैं

क्लिप्प्ड इन


दैट्स हिंदी

हिंदी ब्लोगकुट

हिंदी ब्लोगजगत



चलिए अब कुछ समय तक के लिए तो आपके पास पोस्टों की खुराक पूरी करने लायक जुगाड हो ह

17 टिप्‍पणियां:

  1. आभार इन जुगाड़ों की जानकारी देने के लिए.

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  2. बढ़िया जानकारी दी आपने, अजय भाई ! बहुत बहुत धन्यवाद और आभार |

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  3. अरे वाह...बहुत बढ़िया जुगाड दे दिए आपने तो

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  4. अच्‍छी जानकारी। अभी तो खोज-खोजकर पढ़ ही रहे हैं।

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  5. चिट्ठा जगत के बाद कहीं जाने की जरूरत है क्या?

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  6. अच्छी जानकारी दी आपने। वैसे इसका नशा ही ऐसा है कि पढ़ने वाले खोज निकालते हैं कहीं से भी। शुक्रिया।

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  7. अच्छी जानकारी....बहुत मदद मिलेगी इस पोस्ट से...आभार

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  8. कई दिनों बाद आप सक्रिय हुये हैं जी, बहुत अच्छा लगा।
    बहुत-बहुत धन्यवाद आपका इन जुगाडों के लिये
    मैं तो गूगल रीडर का ज्यादा प्रयोग करता हूं। मेरे पसन्दीदा ब्लाग तो मिल जाते हैं, मगर नये चिट्ठों का पता नहीं चल पा रहा।

    प्रणाम स्वीकार करें

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  9. भाई हम तो जिन्हें फोलो करते हैं , उनको तो पढ़ते ही हैं । बाकि रूंगे में पढ़ लिए जाते हैं । इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ा ।

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  10. Jinki follower hun,unke posts kee bhee ittela aajkal nahi mil rahi hai..na jane kyion?

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  11. अजय जी बहुत बडिया जानकारी है। जब तक ब्लागवाणी नही आती इन्हें भी आजमा लेते हैं बुकमार्क कर ली है आपकी ये पोस्ट। आगे भी सुझाव देते रहें धन्यवाद।

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  12. इसी लिए बडे बुजुर्गों ने कहा है कि कभी भी किसी एक चीज पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
    ---------
    क्या आप बता सकते हैं कि इंसान और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
    अगर हाँ, तो फिर चले आइए रहस्य और रोमाँच से भरी एक नवीन दुनिया में आपका स्वागत है।

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  13. एक और अच्छा तरीका है कि गूगल रीडर पर आप अपने पसन्द के ब्लॉग्स सब्स्क्राइब कर लें इसमें जैसे ही नई पोस्ट आयेगी एक संख्या बढ़ जायेगी उसे क्लिक करके पढ़ लें ।

    जवाब देंहटाएं
  14. एक और अच्छा तरीका है कि गूगल रीडर पर आप अपने पसन्द के ब्लॉग्स सब्स्क्राइब कर लें इसमें जैसे ही नई पोस्ट आयेगी एक संख्या बढ़ जायेगी उसे क्लिक करके पढ़ लें ।

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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