शनिवार, 19 दिसंबर 2009
तो कब शुरू कर रहे हो ब्लोग्गिंग ...???
"और झा जी , ब्लोग्गिंग कब शुरू कर रहे हैं भाई ....???," चिट्ठासिंग जी ने आते ही डायनामाईट टाईप प्रश्न दाग दिया ॥
मैं थोडा हैरान परेशान , और ज्यादा झुंझलाते हुए पूरी तरह से बौखला गया ," आपका दिमाग तो ठीक है चिट्ठासिंग जी ,या, आज सुबह से कोई मिला नहीं आपको बतकुटौव्वल के लिए तो आ गए मेरा माथा चाटने । आपको तो बखूबी पता है कि मैं पहले से ही ब्लोग्गिंग कर रहा हूं । न सिर्फ़ कर रहा हूं बल्कि कहूं कि सिर्फ़ ब्लोग्गिंग ही कर रहा हूं ...इसके कारण तो पता नहीं कौन कौन सी आदतें भी छूट गईं । आप फ़िर भी पूछ रहे हो कि ब्लोग्गिंग कब शुरू करूंगा ??? "
"अच्छा अच्छा , वो जो आप कर रहे हो उसे कह रहे हो ब्लोग्गिंग ....अच्छा ये बताओ क्या करते हो ..चलो आप खुद ही बताओ पहले मैं फ़िर बोलूंगा कुछ भी " चिट्ठासिंग पूरी द्रढता से बोले ।
अब मैं हत्थे से उखड चुका था ," अरे छोडो यार बेकार की बकवास बात कर रहे हो....क्या करता हूं मतलब । दिन भर में आने वाली एक भी पोस्ट मेरी नज़र ने नहीं बचती ..लगभग हर पोस्ट को पढता भी हूं और अपनी समझ के अनुसार उस पर टिप्पणी भी करता हूं .....इसके साथ ही अपनी रद्दी की टोकरी में ....खबरों की खबर बना के कुछ भी कभी भी इस तरह डालता हूं कि वो आज का मुद्दा बन जाती है मगर ध्यान रखता हूं कि कोर्ट कचहरी की नौबत न आए और सब कहें वाह कुछ तो झा जी कहिन ॥ समझे कि नहीं और कुछ बतलाएं । तो और सुनिए ...हम लोग पूरी तैयारी में हैं कि आने वाले समय में हिंदी ब्लोग्गिंग को बहुत आगे तक ले जाएं , इसलिए मिलन/संगोष्ठी/ सम्मेलन और बैठकों का दौर भी जारी है । बताईये अब क्या कसर रह गई है ...? आप अब भी कहेंगे कि मैं ब्लोग्गिंग कब शुरू कर रहा हूं ॥"
चिट्ठासिंग जो अब तक धैर्यपूर्वक सुन रहे थे एक कुटिल मुस्कान के साथ बोले , " चलो हो गया कह लिया अब मेरी कुछ बातों का जवाब दो ,
"तुम्हारी किसी पोस्ट से ऐसा हुआ है कि सरकार को , शासन को, किसी अधिकारी को , किसी मंत्री को ..इतनी परेशानी हुई हो कि उसे जवाब देना मुश्किल हो गया हो, उसे मुंह छुपाना पडा हो ,या वो बौखला गया हो ?" "
अच्छा चलो एक बात बताओ क्या कभी ऐसा हुआ है कि तुम्हारी पोस्टों में समाचार माध्यमों/समाचार पत्रों को ऐसा कुछ मिला हो जो उन्हें लगा हो कि ये तो खबर है ...एक ऐसी खबर जो अब तक अनछुई मगर बहुत ही महत्वपूर्ण है ? उन्हें इस बात पर शर्म आ गई हो कि जो काम उन्हें करना चाहिए वे ब्लोग्स कर रहे हैं"
"चलो इसको भी छोडो, क्या तुमने अपनी संस्था में चल रहे भ्रष्टाचार को/बेइमानी को/गलत परंपराओं को बाहर दिखाने के लिए , आम लोगों को बताने के लिए ...कोई पोस्ट लिखी है .....?
"कभी किसी गरीब की , लाचार की , किसी मजबूर की कोई कहानी ऐसी सबके सामने रखी है जिससे कि उसका कुछ भला हुआ हो , और तुम्हें लगा हो कि लिखना सार्थक हुआ "
इससे पहले कि चिट्ठा सिंग और भी गोले दागते , मैं खुद ही बोल पडा, " मैं मानता हूं कि मैं इनमें से कुछ नहीं कर पाता , मगर यार ये सब करने के बाद क्या मेरे घर परिवार को तुम खिलाओगे पिलाओगे ।रही बात सरकार, मीडिया,शासन को प्रभावित करने की तो वो तो हो ही रहा है ,चाहे धीरे धीरे ही सही ।हां ,जिस दिन मुझे लग गया कि अब बस बहुत हो गया उस दिन आप यकीन मानो मैं ब्लोग्गिंग का वो अध्याय शुरू करूंगा कि तब आपको कहने की जरूरत नहीं रहेगी कि ...कब शुरू कर रहे हो ब्लोग्गिंग ..?"
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किसी के बहकावे में न आवें झा साहब. जो कर रहे हैं वह ब्लागिंग ही है.
जवाब देंहटाएंnot so easy. we are doing bloging
जवाब देंहटाएंand in future this will happen autometicaly..
आमीन
जवाब देंहटाएंचिट्ठा सिंह को मारिए गोली और जो कर रहें हैं वही करते रहिए। बहुते अच्छा कर रहें हैं, माने कि लिखे हैं।
जवाब देंहटाएंये चिट्ठासिंग किसी का भेजा आदमी लग रहा है..जरा संभल कर. हितैषी बन कर टेंटूआ न दबा दे.
जवाब देंहटाएंपिंजरे मे भी पर रखना
जवाब देंहटाएंऊंचा अपना सर रखना
ये जो अपने बनते हैं
इन पर खास नजर रखना
बकिया देखा जाएगा
are jo kar rahe hain bhaut sahi kar rahe hain....logon ka kya...logon ka kaam hai kehna [:)]
जवाब देंहटाएंचिट्ठासिंह कहाँ मिले आप को?
जवाब देंहटाएंबात तो पते की कह गए। असली ब्लागिंग तो तभी होगी जब उस से सिंहासन खतरा महसूस करने लगे।
वैसे असली ब्लॉगिंग तो वही है जो आपके चिट्ठा सिंह जी कह रहे थे याने के जो लेखन नेताओं के तख्त हिला दे...सरकार के कान खड़े कर दे...वही असली ब्लॉगिंग है... लेकिन हिन्दी ब्लॉगिंग के लिए अभी दिल्ली दूर है...क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता है...ऐसी स्तिथि तक पहुँचने के लिए पहले सभी चिट्ठाकारों को एक जुट हो एक मंच पर...एक छत के नीचे आना होगा...तभी हमारी बात को सीरियसली लिया जाएगा...
जवाब देंहटाएंबहुत विचारणीय बात कही है...
जवाब देंहटाएंचिट्ठा सिंह से बचके रहियेगा ये जो कीड़ा छोड़े जा रहे हैं वह खतरनाक किस्म का है। अगर इस सबमें पड़ गये तो रोटी तो रोटी ब्लॉग के भी लाले पड़ जायेंगे।
जवाब देंहटाएंअब तक तो ब्लागिंग ही कर रहे थे झा साहब और आगे भी करते ही रहेगें फिर ये बेफाल्तू का सवाल क्यूं ?
जवाब देंहटाएं"जिस दिन मुझे लग गया कि अब बस बहुत हो गया
जवाब देंहटाएंतो यह तो बताओ कि किस दिन ऐसा लगने वाला है और क्ब शुरू करेंगे ब्लागिंग :)
जी आप सब लोगों के विचार जानने के लिए ही ये पोस्ट लिखी थी ...मुझे खुशी है कि..आप सब खुल कर अपनी बात कह रहे हैं । नहीं जी मुझे कोई कीडा नहीं काटा है .....आप बेफ़िक्र रहें और ये ब्लोग्गिंग तो चलती रहेगी । मगर ....हां मगर जब मैंने ब्लोग्गिंग के बारे में पहली बार कुछ सुना था तो .....एक ब्लोग के बारे में सुना था ...जिसका नाम था शायद सलाम पैक्स ....उसकी पोस्ट ऐसी होती थी कि इराक युद्ध में बीबीसी जैसी संस्था को भी अपनी रिपोर्टिंग के लिए उसको फ़ौलो करना पडा था ....मन में ये बात थी कि ...क्या कभी हिंदी ब्लोग्गिंग को भी कोई सलाम पैक्स मिलेगा ...........मुझे यकीन है मिलेगा ...
जवाब देंहटाएंतो अजय भाई ब्रिगेडियर समीर का कथन में जान है सो "इस चिट्ठा सिंह का पता बताओ उसका टेंटुआ दबाने बवाल को भेजे देतें है !"
जवाब देंहटाएंवैसे अगर न चाहो तो राज़ को राज रहने दो
जवाब देंहटाएंजरूर मिलेगा पाँचवा खम्बा ही बाकी सारे खंबों को ठीक करेगा .तथास्तु
जवाब देंहटाएंवक्त आने पर बता देंगे ऐ आसमा
जवाब देंहटाएंहम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में हैं
अजय के लिए 3 चीयर्ष ... ... ......
जो दिल से कहा जाए, वही ब्लॉगिंग है...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
धीरे धीरे हिन्दी ब्लॉगिंग भी उसी तरफ जा रही है। चिट्ठासिंग के अलावा किसी के द्वारा नज़र ही न डाली जाए तो कोई क्या करे? :-(
जवाब देंहटाएंबी एस पाबला
कई मुद्दे उठाये तो जा रहें हैं,ब्लोगिंग के सहारे....पर सीमित पाठक होने की वजह से उसका असर नहीं हो रहा...पर वह दिन दूर नहीं है....एक सशक्त स्तम्भ के रूप में उभरेगा,ब्लॉग्गिंग
जवाब देंहटाएंअरे बाबा यह चिट्ठा सिंह अब कहां से आ गया? कही किसी नारी शक्ति करण का जासुस तो नही, आप इसे मत देखे ओर जनाब लिखते रहे
जवाब देंहटाएंवैसे छोडिये, बताईए कब शुरू कर रहे है ब्लोगिंग
जवाब देंहटाएंझा साहब, आप और कुछ करो ना करो, पर इस चिट्ठासिंह से बचके रहियेगा.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
Itnee tippaniyon ke baad alag se kya kahun?
जवाब देंहटाएंAapka lekhan hamsha hee behtareen hota hai..