अभी कुछ समय पहले जब सच का सामना ….पूरा देश कर रहा था …अजी वे नहीं जो सिर्फ़ टीवी पर बैठे थे …असली सच का सामना तो वे कर रहे थे जो उसे देख रहे थे ….हरेक आदमी अपनी बीवी को और हरेक बीवी अपने पति को यूं घूर रही थी मानो आंखों ही आंखों में कह रही हो कि ….तभी तक बचे हुए हो जब तक उस सीट पर उस मशीन के सामने नहीं गए वर्ना तो जाने कब के बेवफ़ा हो चुके थे तुम ॥ हम इतने खतरों के बाद भी सोच रहे थे कि …एक ब्लागर के तौर पर शायद हमारा नंबर लग ही जाए…….मगर न जी ..उन्होंने ऐसे ऐसे क्रेटेरिये रखे ….मसलन ….अनाम बनके टीपते/गलियाते हो कभी …..बिना पोस्ट पढे ही टीप दे मारी हो कभी …….अपने ही पोस्ट का खूबे तारीफ़ बजाए हो ……हम न में मुंडी हिलाते रहे और अपने नंबर कटवाते रहे …॥ अबे तुम हमसे ऐसे प्रश्न क्यों करोगे …..वो वाले क्यूं नहीं करते ……..उधर से जवाब मिला….चुप बे एक तो ब्लागर ..ऊपर से हिंदी का ….तुम्हारा क्या खाक चक्कर होगा ॥अपनी बीवी से छुप छुप कर तो ब्लोग्गिंग करते हो तुम …..? हमने सोचा यार इत्ती बेइज्जती खराब तो आज तक ब्लोग्गिंग में भी नहीं हुई ….॥ जाओ हम नहीं करते तुम्हारा बेकार सा शो .......
मगर कहते हैं न जहां चाह वहां ...टीवी शो की कौन कमी है ......एक खत्म तो दूसरा शुरू होईये जाता है ......फ़टाक से बिग बास का बुलावा आ गया .....हमने कहा यार जब वहां पर कमाल खान और राखी सावंत की मम्मी जैसी सुपर स्टार सब लोगन आएंगे तो ...ऊ शो तो ओएसे ही बास मारने लगेगा ...फ़िर बिग बास का और छोटा बास का ....न ई अपने लेवल का नहीं लगा । अचानके रवि भैय्या का बुलावा आ गया ....कहे लगे का कहें यार ...ऊ रखिया का स्वयंवर करा करा के तो हम एकदम से पक गए थे ...सो एक ठो डाकटरनी को ले के आ रहे हैं ....उ मार लिटा के तुम्हरा पिछले जन्म का सब राज जान जाएंगी और बता देंगी । हम कहे आयं ...ई कौन मेथड है ...लिटा के राज खोल देंगी ....ई काम तो पुलिस भी करती है ......मार मार के लिटा देती है ...बकिया पिछला का सात जनम का राज ( और राज क्या सिमरनी भी हो तो वो भी ) खुलते चले जाता है ।
अरे यार वो वाला राज नहीं .....वो भूत प्रेत टाईप वाला राज ॥चलो तैय्यार रहो ......जब बुलाएंगे तो आ जाना ....और हां एकाध ठो ...बढियां भावुक टाईप लोगों को भी लेते आना ....शो के लिए जरूरी होता है । हम भी तैयार हो गए ... ऊ का कहते हैं समय रथ पर बैठने के लिए ..........। पहुंचे .....आवाज आई ....चलिए देखा जाए कि आखिर क्या राज है आपके पिछले जन्म का .......हम भी धुकधुकाते दिल को ले के लंबलेट हो लिए ।
जाईये पीछे जाईये .....हम कहे जा रहे हैं ...लेटे लेटे ही जाएं न कि ...उठ के चल दें । कहा गया अरे नहीं नहीं ....लेटे लेटे ही चलते जाईये ...एक दम फ़्लैश बैक में ......आप तो खाली सोचते जाईये ,बकिया टीवी के लिए शूटिंग तो बाद में करवा लिया जाएगा ......। अच्छा बताईये आपको खुद का शक्ल दिख रहा है .......कैसा दिख रहा है ॥
हम कहे .....जी ई तो हम कौनो मंत्री आ शायद प्रधानमंत्री जैसा लग रहे हैं जी ।
आयं डा साहिबा चौंक कर अपना शीशा मॆं देखीं .........अरे धत तेरे कि ......ई सब कौन भर दिया इनके दिमाग में जी .......ई कौन बनाया है .....चलो बताओ ....हम कहे जी ई काम तो सदियों से एके कलाकार कर रहे हैं लियानार्डो दा तनेजा ....माने श्री राजीव तनेजा जी ॥
चलो लेटो चुपचाप और कंसेन्ट्रेट करो न जी ...एके घंटा में सब राज जानना होता है ......अरे ए रवि किशन किसको पकड के ले आया है रे .......अच्छा अब बताओ का दिख रहा है ........?
जी हम और एश्वर्वया ......एक ठो बढिया क्वालिटी का गधा पे बैठ के ..........सिर पे हैलमेट लगा के .........ओह रुको रुको ....तुम्हारा तो सारा नेटवर्क ही गडबड है .......ये भी लियानार्डो दा तनेजा ........जी जी ...सब उन्हीं की कलाकारी है ।
चुप एक दम चुप अब सीधे सीधे पंद्रह मिनट में बता दो ......कि क्या क्या दिख रहा है ...वर्ना शो का तो बेडा गर्क किया ही है तुमने ........तुम्हारा हम कर देंगे ........समझे ॥ जी दिख रहा है कि हम झोला लिए एक डाकखाने के पास खडे हैं ....खूब अंतरदेशीय पत्र, ढेर सारा लिफ़ाफ़ा , पोस्ट कार्ड खरीद रहे हैं , घर आ के पता नहीं किन किन को ढेर सारा बात लिख रहे हैं ....बस लिखे जा रहे हैं ....और शाम को डाक बाबू के इंतजार में बैठे हैं ॥नजरें बिछाए ......बार बार उनको पूछ रहे हैं ....आया डाक बाबू कौनो चिट्ठी का जवाब , कोई कुछ लिखा है का हमारे लिए .....बस बार बार यही कैसेट ,रिप्ले हो हो के चल रहा है ॥ई का क्या मतबल हुआ डा साहिबा .........?
अरे धत बुडबक तुम तो यार पिछले जनम में भी ब्लागरे था जी ......बस फ़र्क एतना था कि तुम्हरे पास ...तुम्हरे का किसी के पास भी कंप्यूटर नहीं था न ...इसलिए जो हरकत आज तुम ई डिब्बा पर बैठ कर करते हो न ....वही तुम पहले ....वहां ओईसे करते थे ....। जाओ जाओ खाली पीली इतना टाईम खराब किए ।
हम खुशी से दमकता चेहरा लिए निकल पडे ॥श्रीमती जी को बताने कि देखो ...जिसको तुम अपनी सौतन कहती हो न ....उसका रिश्ता तो हमारे साथ पता नहीं कितने जन्म जन्म से है ........?
अरे!...एक ठौ फोटो में अपुन ने आपको पाबला जी के साथ भी तो फिट किया था..ऊ जन्म-जन्मांतर वाले रिश्ते की बात कौन बताएगा?
जवाब देंहटाएंमज़ेदार पोस्ट
ई काम तो पुलिस भी करती है ......मार मार के लिटा देती है ...बकिया पिछला का सात जनम का राज खुलते चले जाता है
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया पढ़के। सच मानिए पढ़के टिपिया रहे हैं। इसीलिए कमे लिख रहे हैं।
सम्राट अकबर के पोशाक में बहुत नीक लग रहे है अजय भइया..कही नज़र ना लग जाए किसी की..
जवाब देंहटाएंअगला जनम मोहे ब्लागर में दीजौ।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
सादर वन्दे!
जवाब देंहटाएंव्यंग का सही रूप प्रस्तुत किया है आपने.
बहुत सुन्दर
रत्नेश त्रिपाठी
WAAH !
जवाब देंहटाएंBAHUT UMDA !
बहुत बढिया व्यंग्य है। अगले जन्म यही सारे ब्लागर भी मिलेंगे। लैपटपवा के साथ मे। हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंहा हा हा ये ब्लॉग्गिंग कहीं भी, कभी भी पीछा नहीं छोड़ने वाली ,मजा आ गया अजय जी! और अकबर की पोशाक बहुत जच रही है....
जवाब देंहटाएंअभी अभी समझ में आया आपको अकबरिया लिबास क्यूँ दिया है तनेजा जी ने - आपका नाम भी 'अ' से शुरू होता है.
जवाब देंहटाएंमजेदार पोस्ट
@ एम वर्मा
जवाब देंहटाएंनाम तो मेरा भी अ से शुरू होता है
तनेजा जी ब्लॉगिंग युग के
हुसैन साहब हैं।
आज तो आप कमाल के मुसकुरा रहे हैं जी।
जवाब देंहटाएंवाह!! कभी राजीव गांधी तो कभी ऋतिक रोशन? बढिया है बहुत बढिया.
जवाब देंहटाएंई फोटूवा शूटिंग के पहले का है न जी!!
जवाब देंहटाएंब्लॉगिंग से १४ जन्म में छूटते हैं..बीबी से सात जन्म का साथ.
"हम कहे आयं ...ई कौन मेथड है ...लिटा के राज खोल देंगी ....ई काम तो पुलिस भी करती है ......मार मार के लिटा देती है ..."
जवाब देंहटाएंहा हा हा.....बाकी टिप्पणी हँसी थमने पर की जाएगी :)
प्रोफाईल मे बड़ा चमकीला नया कमीज में फोटू हिंचवाये हैं..कौनो खास मौका है क्या?
जवाब देंहटाएंरोचक और मजेदार, वाह :)
जवाब देंहटाएंएक ताऊ कम था जो अजय भैया आप भी राज़ बताने को तुल गए हो...वैसे ब्लॉगरों
जवाब देंहटाएंके राज भी बड़े निर्मल होंगे...अपनी पोस्ट पर ही दस चटके लगाए...पुरानी पोस्ट को
किस तरह पाउडर-लिपिस्टिक लगाकर दोबारा रीठेला...अपनी पोस्ट पर टिप्पणी लेने
के लिए दिल खोल कर टिप्पणियों की बरसात की...
जय हिंद...
Bahut mazedaar...!
जवाब देंहटाएंअरे चमत्कार है ये तो अजय जी। कैसे हुआ ये ?
जवाब देंहटाएंहा! हा!
शंहशाहे आज़म को सलाम!
झा जी सचमुच के अकबर लग रहे हैं ऐश्वर्या के साथ मे. पढ पढ कर मजा अगया.
जवाब देंहटाएंरामराम.
जोधा मिले न मिले अकबर तो बन ही गए इस रिग्रेशन में:)
जवाब देंहटाएंअगले जनम में लेप टॉप फिट रहेगा खोपडिया में
जवाब देंहटाएंवाह! लाजवाब और मजेदार प्रस्तुति रही यह तो..
जवाब देंहटाएंहम्म्म !!
जवाब देंहटाएंतो कुल मिला के बात इ हुआ कि..
सौ साल पहले ब्लागगिंग से प्यार था आज भी और कल भी रहेगा....
और अब तो लग रहा है पूरा हिम्मत से एलान भी हो रहा है....
जब ब्लॉग्गिंग किया तो डरना क्या ..ब्लॉग्गिंग किया छेड़खानी नहीं की छुप-छुप लैपटॉप से भिड़ना क्या
आज छपेगा पोस्ट में फ़साना..चाहे कोई टिपण्णी मत दे जाना
टिपण्णी वही जो TRP दे जाए ..TRP बिना क्या टिपण्णी पाना
वैसे जिल्लेइलाही ब्लागिस्तान के अजीम शहंशाह अजय झाउद्दीन साहब बहुत ज़बरदस्त लिखाई हुई है.....
कनीज़ को आपकी फराकदिली से यही उम्मीद थी......
हम तो ये जानते है कि ब्लॉगर जन्म क्या मनुष्य जन्म भी एक बार ही मिलना है सो जो नेक काम करना है इसी जन्म में करें ।
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