शनिवार, 30 मई 2009

ब्लॉग्गिंग में ये कौन करेगा....?

अक्सर जब मैं नए ब्लोग्स पर कोई टिप्प्न्नी करता हूँ तो मेरे मेल पर धन्यवाद के साथ साथ कई प्रश्न होते हैं जिनमें से एक अहम् प्रश्न होता है कि आपको कैसे पता चला मेरे ब्लॉग का और ये भी अन्य ब्लॉग को कैसे पढ़ा और देखा जा सकता है. ये कोई अचंभित करने वाली बात भी नहीं है. दरअसल ब्लॉग्गिंग करना तो कई लोगों को कई माध्यमों से पता चल जाता है मगर उनकी जानकारी सिर्फ यही तक सिमित रह जाती है. इसके आगे उन्हें कुछ भी नहीं पता ये तक नहीं कि चिट्ठाजगत और ब्लोग्वानी जैसी कोई साईट हैं जहां उनके और अन्य लोगों के ब्लॉग पढ़े और पढ़वाए जाते हैं. तो फिर इसका हल क्या है..........

जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूँ कि उन सभी सेवाओं को, जो हिंदी में ब्लॉग्गिंग की सुविधा प्रदान करते हैं , कुछ बातें स्वचालित रूप से टिप्प्न्नी के रूप में उनकी पोस्ट में पन्हुचानी चाहिए . पहली उनको प्रोत्साहित करने के लिए कुछ पंक्तियाँ फिर उन अग्ग्रीगेतार्स का नाम और पता जहां उनकी अपनी पोस्ट और औरों की पोस्ट देखी जा सकती है. इसके बाद उन साईट्स का पता जो ब्लॉग्गिंग की तकनीकी जानकारी देते हैं...जैसे हिंदी ब्लॉग टिप्स, कंट्रोल पैनेल आदि....

मेरे कहने का मतलब है कि जैसे किसी अनाडी को खेल शुरू करने से पहले खेल के सभी नियम और कानून बताये समझाए जाते हैं ठीक वैसे ही नए ब्लोग्गेर्स की मुश्किलों के कम करने की जिम्मेदारी इन अग्ग्रेगेतोर्स को ही उठानी चाहिए .

मैंने जो भी कुछ सुझाव दिए हैं वो मेरे चाँद दिनों की ब्लॉग्गिंग के अनुभव पर आधारित हैं इसलिए यदि आपको इससे इतर कुछ कहना है तो जरूर कहें.......

ब्लॉग्गिंग में ये कौन करेगा....?
--
ajay kumar jha
9871205767

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सही अनुभव बतलाया,
    मेरा भी उत्साह बढ़ाया,
    कभी मिले जो समय आपको,
    मेरे ब्लॉग पे भी ,आएँ
    थोड़ा ज्ञान हमे भी देकर,
    ब्लॉगिंग के कुछ गुर सिखलाएँ.

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  2. बिल्कुल , यह जिम्मा एग्रीगेटरों को उठाना ही चाहिए

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  3. मै तो खैर ब्लॉगवाणी से आपके ब्लॉग पर पहुंचा,अन्य लोग भी यहाँ-वहाँ करते हुए एक दूसरे के ब्लॉग पर पहुंच ही जाते हैं लेकिन इसका कोई सिस्टम तो होना चाहिये.

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  4. अच्छे सुझाव हैं भाई। सवाल बिल्ली के गले में घंटी बांधने का है:)

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  5. aap sabkaa dhanyavaad. magar mujhe nahin lagtaa ki ismein ghanti baandhne waalee koi baat hai...kar to ye main bhee saktaa hoon...magar sabke post par tippinni swaroop ek hee baat copy paste karna mujhe nahin bhaataa..isliye yadi aggregetors khud kuchh vyavasthaa karein to achha ho.

    जवाब देंहटाएं

मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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