इन पोस्टों में एक , दो और तीन , में आप पहले पढ चुके हैं कि जयपुर प्रवास के दौरान अनुज के मित्र मिंटू जी पर हमें जयपुर घुमाने की जिम्मेदारी डाली गई और हवामहल , जलमहल होते हुए हम आमेर के किले से बाहर निकले तो अनुज भी अपनी फ़टफ़टिया पर बहुरिया को लिए हुए हमारे साथ आगे आ मिले , इसके आगे दोनों जेठानी देवरानी बा बच्चा पलटन गाडी में और हम दोनों भाई फ़टफ़टिया पे ...............
जयगढ किला , मुख्य द्वार |
और जयगढ किले के प्रवेश द्वार से एंट्री मारती हुई बुलबुल जी |
इस किले का और देश सहित पूरे विश्व का आकर्षण केंद्र |
जयवाण , विश्व की सबसे बडी तोप के बारे में बताता हुआ सूचना पट्ट |
और ये रहा सारे बोफ़ोर्स , पैंटन और इस जैसे तमाम टैंकों का परपितामह ..जयवाण। कहते हैं कि उस वक्त जिस दिशा में इस तोप का मुंह घुमा दिया जाता था उस राज्य का शासक खुद ही आत्मसमर्पण कर दिया करता था । |
जयगढ की मजबूत प्राचीर दीवार |
एक और विहंगम दृश्य |
बुर्ज़ के स्तंभ पर फ़हाराता तिरंगा |
चारों ओर फ़ैली हुई हरियाली |
दूर दिखता नाहर गढ का किला और उसके ऊपर स्थित सौर उर्ज़ा स्टेशन |
एक ग्रुप फ़ोटो हो जाए .........भईया जी ईश्श्श्श्माईईईल :) :) |
जयगढ के किले के शीर्ष पर बनी हुई पानी की विशाल टंकी जहां वर्षा जल का भी संचय किया जाता था/है ।ऐसा कहा जाता है कि जयपुर शहर में पेय जल की आपूर्ति के लिए भी इस जल का उपयोग किया जाता था |
टंकी का सूचना पट्ट |
जयगढ किले में स्थित जलेब चौक |
जयगढ किले में योद्धाओं के बैठने का स्थान (सुभट निवास ) |
सूचना पट्ट |
किले के भीतर रा्जघराने की महिलाओं के लिए भोजन कक्ष |
राजपुरूषों के लिए भोजनकक्ष |
किले में घूम घूम कर बच्चा पार्टी थक गई और भूख भी लगने लगी थी सो निर्णय किया गया , अब पास में ही स्थित , कनक घाटी की ओर कूच किया जाए । हमारा अगला पडा था कनक घाटी ......................
कनक घाटी ..............चलेंगे ...अगली पोस्ट में ...
जयपुर के किले की सैर कराने के लिए शुक्रिया ........बेहतरीन प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंमैंने जयगढ़ किला देखा है।किले से अधिक आकर्षक आपके द्वारा प्रस्तुत फोटोग्राफ लगे।साधुवाद!
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