
जी हाँ बिलकुल सच बात है ..सुना है...और आप तो जानते ही हैं मैं कभी झूठ सुनता हूँ भला..कसम पीपल वाले चमगादड़ की कई बार तो खुद चमगादड़ अपने सीक्रेट मुझसे शेयर करते हैं..कोई और सुन नहीं पाता न....खैर इस वाली काबिलियत की कहानी फिर कभी..तो जैसे ही मैंने ये सुना की राखी जी ..अपनी राखी जी..अरे वही देश की बेटी ..जिसने कलयुग में सतयुग का धर्म निभाते हुए स्वयाम्बर की परम्परा को दोबारा जीवित करने का सबसे बड़ा धार्मिक आवाहन किया है ..आज कल ब्लोग्गेर्स से ..वो भी हिंदी के ब्लोग्गेर्स से (वैसे हिंदी के ब्लोग्गेर्स से नाराज रहना एक बड़ा फैशन बनता जा रहा है ..और विद्वान्जानो का कहना है की ये बीमारी जल्दी ही न रुकी तो स्वाइन फ्लू का रूप ले सकती है ) खासी नाराज भी हैं और निराश भी..बस अपना नैतिक...भौतिक..आर्थिक..दैहिक...सात्विक..और भी जितने प्रकार के विक टाईप के कर्त्तव्य होते हैं...उन सभी के मद्देनज़र फ़ौरन से पेश्तर उनसे मुलाक़ात करने की सोची ....मगर हमारे सोचने से होता ..यदि सचमुच ही कुछ होता ..तो कमबख्त उस अनामी के लिए आजकल जितने पापड हमें बेलने पड़ रहे हैं....उसे कोई सी भी ..कोई सी भी ..स्वाइन फ्लू..मैड काऊ...दिमागी बुखार,, अरे छोडिये ..हैजा ही हो गया होता..न भी विदा होता तो थोड़े दिनों के लिए सही किसी डाक्टर के यहाँ तो बैठा होता...अरे चलिए इसे भी छोडिये.
.मिलने गए तो पता चला की उनसे अभी केवल वही मिल सकता है जो उनके लिए मछली ..घड़ियाल..गोद्जिला..एनाकोंडा..जो भी उन्होंने रखा होगा..उसकी अंक में तीर मारने के लिए उतावला होगा...हमने सोचा अजीब मुसीबत है भाई...दूसरा उपाय लगाया...देखिये हमने एक संगोष्ठी ( अरे जिसे आप लोग पार्टी कहते हैं न उसे हम ब्लोग्गेर्स संगोष्ठी कहते हैं ) का आयोजन किया है ..इसमें तो आ सकती हैं........नहीं नहीं जी पार्टी ....से जुडी कुछ विध्वंसकारी यादों के कारण वे इसमें या आपकी जो भी गोष्ठी..है वो ..उसमें नहीं आ सकती...अबे तो क्या नाराजगी कभी दूर ना होगी...कलयुग में ऐसी सतयुगी प्रवृत्ति नारी को यों दुखी छोड़ दें हम...अबे लानत है...और हम धक्का -मुक्की करके चल ही दिए मिलने...जैसे तैसे पहुँच ही गए...कमबख्त ये जैसे तैसे वाली प्रणाली तो हमारे जीवन का मूल मंत्र बन गैयी है...ब्लॉग्गिंग भी चल रही है..जैसे तैसे....
गे गे गे गे ....सामने से गुनगुनाती राखी चली आ रही थी..... हम हैरान...चकित ..अरे राखी जी आप भी ..तो फिर ये स्वयाम्बर ....अरे चुप रहो..तुम ब्लॉगर भी न बिलकुल टी वी वालों की तरह होते जा रहे हो ...पूरी बात सुनते ही नहीं....मैं तो गा रही थी...गे गे गे गे रे..गे रे सायबा......प्यार में सौदा नहीं....न मांगू सोना चांदी ..न मांगू हीरा मोती....अरे अपना पसंदीदा गीत...समझे......ओह हो.....अच्छा सुना है आप हिंदी ब्लोग्गेर्स से नाराज हैं........?
बस राखी जी आ गयी अपने सात्विक मूड में .........अरे छोडो...ये बात...तुम लोग पता नहीं क्या क्या बहस करते हो ....पता नहीं कौन कौन से मुद्दे पर चर्चा..करते हो.....और एक दुसरे को शाबाशी देते हो...तो क्या मैं ही बच गयी थी.....तुमने फिर एक नारी की अवहेलना की है........ये कोई आम पहल नहीं है......इत्ते सारे लोगों में से स्वयाम्बर करके ...एक जने को ...सिर्फ एक जने को चुनना ...कोई हेल्प लाइन नहीं..कोई एस एम् एस भी नहीं....इस बात की कहीं कोई चर्चा नहीं...और तो और ताऊ जी ने भी ..अरे राज जी ने भी नहीं ..इस पर कोई पहेली नहीं पूछे.....जब तुम लोगों ने ही चर्चा नहीं की तो ...शुकल जी से क्या शिकायत करूँ की उन्होंने..चिटठा चर्चा में ..मेरी चर्चा की चर्चा नहीं की...मैं कोई ब्लॉगर तो हूँ नहीं की सीधे सीधे शिकायत कर दूं ...अनाम बन कर इसलिए नहीं किया ...क्यूंकि पता चला है की..कोई जाल वाल ..कोई काँटा डाल रखा है ......बताओ भला आज इस देश में इससे बड़ा क्रांतिकारी कदम है और कोई महिलाओं के परिप्रेक्ष्य में .......मैंने न में मुण्डी हिलाई...जाओ जाओ मुझे अभी ..बहुत से टेस्ट लेने हैं...लड़कों के ....
चलते चलते...हिम्मत करके ..पूछ ही लिया...अच्छा राखी जी यदि आपको कोई भी लड़का पसंद नहीं आया तो ....
हें..हें..बेवकूफ हो क्या...अरे फिर स्वयाम्बर नंबर तू...स्वयाम्बर नंबर थ्री......और जब कुछ भी नहीं तो
गे..गे..गे..गे..गे........