रविवार, 3 अगस्त 2008

दोस्ती जहाज दिवस यानि फ्रैंड शिप डे

एक तो हमारे जैसे भैया लोगों की सबसे बड़ी मुसीबत यही है की चाहे दिल्ली हो या अमरीका , हम लोगों से अपना ई भैयापन नहीं छूट पाता है, अरे महाराज कोशिशे नहीं न करते हैं, और काम धाम के साथ दिमाग भी एक दम पकिया जाता है भैया टाईप। आज सुबह सुबह ही एक परिचित जी का फोन आ गया , जो थे तो हम लोगन में से ही एक मुदा दिल्ली में आकर एकदम से ग्लोब्लाईज हो हो गए, कहने लगे और झाजी आज तो फ्रैंडशिप डे है, क्या ख़ास प्रोग्राम है भी, वैसे तो आप लोग अभी तक पता नहीं काहे गांधीजी के देश में ही रहना चाहते हैं, अरे भाई अब ई देश सोनिया जी टाईप हो गया है, एकदम इतालियन, समझे। हम कहे , नहीं समझे, का फ्रैंड शिप डे, दोस्ती जहाह दिवस, का मतलब।
अरे यार तुम हिन्दी इंग्लिश की बीच फंसे लोगों की हमेशा ही यही प्रॉब्लम रहती है जब देखो लगते हो त्रान्स्लैसन करने, भाई आ फ्रैंडशिप डे है, यानी दोस्तों का दिन , दोस्तों के बीच दोस्ताना बिताने का दिन। तुम बताओ है कोई दोस्त वोस्त की बस यूँ ही ,

हमने थोडा डरते डरते कहा यार दोस्त तो बहुत सारे थे , मगर आज कोई ऐसा नहीं जिसे मैं दोस्त कह सकूँ, सब के सब स्वार्थी हैं , जबसे मैंने इस बेचारगी के दौर में उनसे उधार मांगना शुरू किया है वे तो सब के सब निकल लिए , कुछ तो उधार वापस न कर पाने के कारण मेरे दुश्मन हो गए हैं, यार दोस्ती क्या आर्थिक आधार पर टूट और जुड़ सकती है। और रही मेरी पत्नी तो किसी ने सच ही कहा था की प्रेम तब तक ठीक रहता है जब तक आप उसी से प्रेम विवाह न कर लें। मगर मैंने कौन सा कोई अच्छी बात अब तक किसी की मानी थी जो ये माता, नतीजा सामने है प्रेम विवाह के बाद ना तो प्रेम रहा न रही प्रेमिका, बस जो है वो तो बिल्कुल वैसी है जैसे भारत और पाकिस्तान। और हम भी बिल्कुल हर सार्वजनिक स्थान पर भारत पाक की तरह अपने मजबूत रिश्तों की दुहाई देते रहते हैं। हमारी तो मज्बोरी ये है की भडास निकालने के लिए कारगिल वार भी नहीं कर सकते। अपना तो ये फ्रैंडशिप डे बेकार ही समझो।
उन्होंने समझाया, अरे नहीं यार , आजकल दिल्ली बम्बई जैसे शहरों में ये कौन सी कोई समस्या, लो मैं अभी नंबर देता हूँ फोन करो और और दोस्ती कर लो बस मेंबर बनना पडेगा, थोड़े से पैसे देकर ragistraisan करा लो।

हमने कहा की ठीक है, आनन् फानन में सारे काम करके हमने पूरी तैयारी कर ली अपना फ्रैंडशिप डे मनाने की।
मेंबर बनने के बाद हमें एक और नम्बर दिया गया और कहा गया की लो जी मिल गया आपको एक सुंदर सस्ता तिकौऊ दोस्त, हम थोडा चकराए तो सही मगर हिम्मत नहीं हारी।

फोन मिलाया तो दूसरी तरह से किसी महिला या युवती की आवाज आयी, और फ़िर होने लगी दोस्टी की बातें , मैंने जिज्ञासा में पूछा की मोहतरमा अपने ये दोस्ती क्या अगले फ्रिईन्द्शिप तक चलेगी या उसके लिए मुझे ये मेम्बरशिप रेनेवाल काराना पडेगा, जवाब मिला अजी आप चिंता क्यों करते हैं , अगले फ्रैंडशिप डे से पहले तो मैं आपको फाठेर्स डे और ख़ुद को मोठेर्स डे मनाने का मौका दे दूंगी , आप तो बस देखते जाइए।
मुझे तो एक ही पल में वो पाकिस्तान यानि मेरी पत्नी से अधिक खतरनाक , अमरीका नज़र आने लगी। तौबा तौबा माफ़ करो मुझे नहीं चढ़ना इस दोस्ती के जहाज में अपने तो घर की नाव ही ठीक है पार उतरने के लिए .

6 टिप्‍पणियां:

  1. झाजी, आप तो कमाल का लेख लिख दिया दोस्त जहाज दिवस पर. वधाई.

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  2. bhai bahut achcha jahaj diwas,train diwas velentine diwas jo man me aye vahi diwas mana lo. bahut badhiya post. mitr diwas ki apko badhai .

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  3. friendship day yani dost jahaj divas, yaar kya likha hai.vaisae baat sachhi hai. aaj kaa jamana to bas dost on call vala hi rah gaya hai.

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  4. प्रेम विवाह के बाद ना तो प्रेम रहा न रही प्रेमिका,...
    ...बस मतलब मैं इस जगह पर आपसे अच्छी स्थिति में हूँ :-)

    अच्छा आलेख था

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  5. lagtaa hai ki aap sab bhee usee jahaaj mein chade hue the, khair yahan aane ke liye dhanyavaad.

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला

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