बुधवार, 31 मार्च 2010

ब्लोग्गिंग हो न हो मगर शायद ब्लोग्गर्स के फ़ेमस होने का समय आ रहा है

बस एक बार ये हुआ तो हो गए फ़ेमस

कल कार्यालय में एक मित्र जो एसीपी हैं अचानक आ पहुंचे । बातचीत के दौरान मुझे पता चला कि आजकल उनकी पोस्टिंग सायबर सेल में हो गई है । जब बात आगे बढी तो बताने  लगे कि चूंकि भारत में अभी सायबर कानून की शुरूआत है इसलिए सभी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है । मुझे याद आया कि कुछ समय पहले ऐसा ही एक प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी न्यायाधीशों के लिए भी आयोजित किया गया था । वे कहने लगे कि अब भारत में सायबर अपराध बहुत तेजी से बढ रहे हैं । सबसे अधिक है नकली प्रोफ़ाईल्स बना के कभी मेल कभी लौटरी , कभी किसी और तरीके से आर्थिक अपराध के लिए इनका प्रयोग और इसके बाद जानबूझ कर किसी को बदनाम करने के लिए कर रहे हैं ।

अभी पुलिस के सायबर विंग को जो आम शिकायतें मिली हैं वे इन्हीं दो अपराधों से संबंधित हैं । और चूंकि भारत में अभी सायबर कानूनों पर काम चल रहा है और अभी उनसे जुडे अपराधों की फ़ेहरिस्त भी उतनी लंबी नहीं हुई है इसलिए अभी बहुत मारामारी नहीं है । मुझसे जब उन्होंने पूछा कि और आपका लेखन कार्य कैसा चल रहा है । मैंने बताया कि आज कल ब्लोग्गिंग चल रही है ...चल रही है ..ऐसा मैंने उन्हें कहा , अब चल रही है या रुकी हुई ये ब्लोग्गर बाबा ही जानें । फ़िर अचानक जाने क्या सोच कर मैं उनसे पूछ बैठा कि एक बात बताईये कि यदि कोई अंतरजाल पर किसी दुभावना से , चाहे धर्म के नाम पर , राजनीति के नाम पर , या फ़िर अश्लीलता का आवरण ओढे कुछ गंदगी फ़ैला रहा है तो उसके लिए कुछ किया जा सकता है क्या । वे मुस्कुरा उठे और फ़िर गंभीर होकर बताया कि बिल्कुल हो सकता है , बस लिखित शिकायत करने वाला कोई सामने आना चाहिए । शिकायतकर्ता यदि सामने आ जाए तो फ़िर आगे की कार्यवाही करना हमारा काम है , इसके आगे जो कानून करेगा , वो आप खुद जानते हैं । क्यों कोई खास बात ..उन्होंने पूछा ॥

        मैंने कहा , " नहीं यार , पिछले कुछ समय से देख रहा हूं कि हिंदी ब्लोग्गिंग न सही कुछ ब्लोग्गर्स फ़ेमस होने को उतावले है , अब बताओ भला इससे बेहतर तरीका और कौन सा हो सकता है फ़ेमस होने का ....अगला ब्लोग्गिंग के कारण जेल जाने वाला शायद पहला हिंदी ब्लोग्गर होगा । जाते जाते उन्होंने मेरी उस शंका का भी निवारण भी कर दिया कि यदि कोई ढका छुपा ये सब करता है तो ...........कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं जी ....और उन हाथों को भी कंप्यूटर चलाना आता है जी । देखिए कब तक होता है कोई ब्लोग्गर फ़ेमस ?????????????

37 टिप्‍पणियां:

  1. सभी ब्लॉगर भाइयों को बधाई

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  2. उडी बाबा ! अब सब बंद करना ही पडेगा का ?

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  3. नेता ,फिल्मस्टार ..तो जेल जा कर प्रसिद्ध हुए अब कवि समुदाय की बारी है ..सबसे पहले किसे भेजे नोमिनेशन कीजिये

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  4. झा जी,
    ये कैसों कैसों से दोस्ती रखने लगे आप भी...कैसा दिव्य नज़ारा होगा...दिल्ली के तिहाड़ जेल में ब्लॉगर्स के लिए स्पेशल सेल और वहां इंटरनेशनल ब्लॉगर्स मीट...

    जय हिंद...

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  5. की झा जी ...
    की बोलछो बाबा..एमोन काज कोरो न....
    ऊ लोक रा भालो लोक तो...छेड़े दाव....जेल-टेल भेजबार दोरकार नेई ...

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  6. ऐ सी पी साहब से ज़रा हमारी सिफारिस कर देना भाई । आजकल तो जान पहचान जेल में भी चलती है ।

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  7. ख्‍याति या कुख्‍याति कहें

    पहला पायदान पहरे में

    पर वहां पर इंटरनेट और

    लैपटाप तो मिलेगा न ?

    इतना और पूछ लो

    बातों बातों में
    अपने मित्र से।

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  8. लगता है ब्लोगिंग के दिन लद गये. जेल जाने से डर जो लगता है.
    फेमस हम वैसे ही कम नहीं हैं, पत्नी (मेरी) तक हमारा नाम जानती है.

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  9. पुलिस वालों का पुलिसिया अंदाज नहीं बदलेगा . शायद एक नया उपजाऊ क्षेत्र दिख रहा है .

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  10. बेनामी को पकड़ने का कोई जुगाड़ हो तो मैं रपट लिखवाऊँ

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  11. डा. महेश जी , पुलिस वालों को अभी दिख नहीं रहा है ..जिस दिन दिखाया गया ..यकीन मानिए वही होगा जो मैं कह रहा हूं और हां रही बेनामी वाली बात ....आप एक बार आजमा सकते हैं ...समय आने दें ये काम अपने आप होगा । और हां ये पोस्ट मात्र हास्य के लिहाज़ से नहीं लिखी है मैंने ..जो कल हो सकता है बस आगाह किया है ....उन्हें जो शायद निरंकुश हो चले हैं इस मंच के दुरूपयोग के लिए ...अब क्या करें जी हमारी तो दोस्ती ही काले कोट और खाकी वर्दी वालों से लिखी है ....
    अजय कुमार झा

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  12. यह बहुत आवश्यक है , कुछ बेहद घटिया मानसिकता के लोग जिस तरह से जहर उगलते हुए वैमनस्यता फैला रहे हैं, इससे बड़ा अपराध और कुछ नहीं हो सकता ! अफ़सोस है कि ऐसे लोगों के आगे भी भीड़ लगते देर नहीं लगती ! आने वाली पीढ़ी को जहर पिलाने वालों को सिर्फ जेल ही होनी चाहिए !

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  13. सावधानी में ही भलाई है...अच्छी जानकारी के लिए आभार....

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  14. हा हा हा एलियन कब से डरने लगे उडन जी :) :) :) :) :) ..लीजीए हम भी ढेर सारा स्माईली लगा दिए हैं ..इटैलिक में बोल्ड करके
    अजय कुमार झा

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  15. झा जी, सच कहूं तो मुझे बहुत खुशी होगी जब कोई ऎसा ब्लागर पकडा गया, इन होने बहुत खुन पीया है हमारा, बहुत दिल दुखाया है.... काश ऎसा हो जाये,

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  16. मानना पडेगा कि अल्लाह के यहाँ देर है,अन्धेर नहीं:-) वैसे बहुत बढिया खबर सुनाई आपने...निकट भविष्य में यहां कईं लोगों के काम आने वाली है.

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  17. गुरू जी लोग ...अब गुड़ खा रहे हैं तो गुलगुले से परहेज नहीं करेंगे...आप लोग पीछे रहिये....आपका चेला सबसे पहले जायेगा जेल में...गुरू दक्षिणा देने...ओखली में सर डाल दिए हैं , मूस(ल)से काहे डरेंगे ?..
    ........
    .ब्लॉगिंग का दो महीना (34 वीं पोस्ट -- 725 पाठक-- 341 कमेंट---10 followers)....गुरू जी, क्या मैं दूसरी कक्षा में जा सकता हूँ ..?
    http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/34-725-341-10-followers.html

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  18. वाह वाह वाह
    का जोरदार खबर लाए झा बाबु
    वो भी क्या दिन होगें?
    सोच कर ही आनंद आ रहा है।

    बदनाम हुए तो क्या नाम न होगा?

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  19. भाई वर्दी वाले भी ब्लोगिंग कर रहे हैं
    कौनो फरक नहीं पड़ने वाला है
    इ हम सब सी सी एम बी हैं
    मगर पोस्ट आप चुन चुन के लिखते हैं.
    सी सी एम् बी का खुलासा करे का परी का???

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  20. क्या गज़ब करते हो जी
    पहले ब्लॉगरों की वसीयत
    और अब यह इंतज़ाम

    आप अकेले ही ब्लॉगिंग करोगे बाहर रह कर तो टिप्पणी देने कौन आएगा? :-)

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  21. सूर्यकांत जी का सीसीएमबी भी तसल्ली दे रहा :-)

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  22. .
    .
    .
    फ़िर अचानक जाने क्या सोच कर मैं उनसे पूछ बैठा कि एक बात बताईये कि यदि कोई अंतरजाल पर किसी दुभावना से , चाहे धर्म के नाम पर , राजनीति के नाम पर , या फ़िर अश्लीलता का आवरण ओढे कुछ गंदगी फ़ैला रहा है तो उसके लिए कुछ किया जा सकता है क्या । वे मुस्कुरा उठे और फ़िर गंभीर होकर बताया कि बिल्कुल हो सकता है , बस लिखित शिकायत करने वाला कोई सामने आना चाहिए । शिकायतकर्ता यदि सामने आ जाए तो फ़िर आगे की कार्यवाही करना हमारा काम है , इसके आगे जो कानून करेगा , वो आप खुद जानते हैं । क्यों कोई खास बात ..उन्होंने पूछा ॥

    मैंने कहा , " नहीं यार , पिछले कुछ समय से देख रहा हूं कि हिंदी ब्लोग्गिंग न सही कुछ ब्लोग्गर्स फ़ेमस होने को उतावले है , अब बताओ भला इससे बेहतर तरीका और कौन सा हो सकता है फ़ेमस होने का ....अगला ब्लोग्गिंग के कारण जेल जाने वाला शायद पहला हिंदी ब्लोग्गर होगा । जाते जाते उन्होंने मेरी उस शंका का भी निवारण भी कर दिया कि यदि कोई ढका छुपा ये सब करता है तो ...........कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं जी ....और उन हाथों को भी कंप्यूटर चलाना आता है जी । देखिए कब तक होता है कोई ब्लोग्गर फ़ेमस ?????????????


    आदरणीय अजय कुमार झा जी,

    क्षमा करियेगा परंतु यहाँ पर मैं अंग्रेजी में लिखे जा रहे ब्लॉगों का उदाहरण दूँ तो बहुत कुछ जिसे उत्तेजक, अश्लील, वीभत्स, वैमनस्य भरा और दुर्भावनापूर्ण कहा जा सकता है... वह सब लिखा जा रहा है वहाँ पर... परंतु कोई इस तरह जेल भेजने की धमकी देकर डराता नहीं वहाँ... दुख होता है जब हम हिन्दी वाले ब्लॉगिंग के चरित्र को ही नहीं समझ पाते...ब्लॉगिंग कोई प्रिन्ट मीडिया नहीं... यह एक व्यक्ति के द्वारा उपने भीतर उमड़ते विचारों और सवालों को एक मंच देता माध्यम है... यहाँ पर हर किसी से समझदारी दिखाने की अपेक्षा करना गलत होगा... यदि कोई कुछ गलत लिख रहा या कर रहा है तो उसके साथ संवाद करे , विरोध दर्ज करें या उसके ब्लॉग को नजरअंदाज कर दें... पर उसकी शिकायत कर जेल भिजवाना... यह तो अति हो जायेगी... याद करिये पुराने दिन... "पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है" कहने पर भी प्रताड़ित किये गये थे लोग... अंतिम सत्य न तो अभी तक किसी ने जाना नहीं... तो क्या आज के मानकों पर कल के विचारों को परखेगा हिन्दी ब्लॉगजगत ?... एक और बात जो मैंने देखी है कि विशेषकर इस्लाम का प्रचार करते मुस्लिम ब्लॉगरों से परेशान हैं कुछ लोग... माना कि उनमें से कुछ भाई अभी अपरिपक्व या धर्मांध हैं... कुछ नितांत अतार्किक बातें करते हैं... तो क्या उनके लिये ब्लॉगवुड में कोई जगह नहीं छोड़ी जायेगी... ऐसा होगा तो अल्पसंख्यक मानसिकता से बाहर कैसे आयेंगे लोग ?... कभी आप अपने दिल से पूछियेगा कि २२ साल के मिथिलेश को तो यहाँ हर दूसरा आदमी या औरत बेटा, छोटा भाई आदि-आदि कह कर उससे रिश्ते बनाता है और उसके ही हमउम्र सलीम से रिश्ता बनाना तो दूर लोग उसे लोग ब्लॉगवुड में देखना तक नहीं चाहते... जबकि दोनों ही धर्मांध ब्लॉगर हैं और महिलाओं के समाज में स्थान, पर्दा आदि पर एक से विचार रखते हैं ।

    मेरे विचार में यदि हर शख्स इस बात को जान व मान ले कि दुनिया में मेरे जैसे विचारों के अतिरिक्त भी अन्य अनेको विचार धारायें बहती थीं, हैं और रहेंगी तो कोई चीज गंदगी दिखने की बजाय मतांतर दिखेगी... और उस दिन से ही आदमी हकीकत में आदमी बनेगा!

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  23. आदरणीय प्रवीण शाह जी,
    अपनी बेबाक राय रखने के लिए शुक्रिया । मगर कुछ बातें मेरी भी सुनते जाईये । मैंने न ही किसी को कोई धमकी दी है न दिलवाई है , न कोई ईशारा किया है , बस आगाह किया है कि ऐसा हो सकता है । अब जब आपने बात अंग्रेजी ब्लोग्गिंग की की है तो यहां ये बताता चलूं कि अंग्रेजी में और बहुत अन्य भाषाओं में भी ब्लोग्गिंग को लेकर सरकार और प्रशासन का कैसा रवैया रहा है ये बात कोई छुपी नहीं है अब भारत की बात भी करें तो बार बार मैं इस बात को बताता रहा हूं कि पोस्ट तो पोस्ट सिर्फ़ एक टिप्पणी जिसमें किसी दूसरे के लिए अपमानभरा कुछ था उसे रखने वाले को माननीय सर्वोच्च न्यायालय तक ने राहत देने से मना कर दिया था और उसे भी जेल की हवा खानी पडी थी ।

    अब बात ब्लोग्गिंग की , इसमें कोई शक नहीं कि ब्लोग्गिंग का मूल चरित्र निरंकुश ही है , और होना भी चाहिए ,। लेकिन एक बात बताईये , आज मकबूल फ़िदा हुसैन का विरोध क्यों हो रहा है ....सिर्फ़ इसलिए कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर शायद उन्होंने न्याय नहीं किया अपनी ही कला के साथ । जबकि मुंह से वे एक शब्द भी कभी भी नहीं बोले । आप खुद ही बताईये यदि अभिव्यक्ति के नाम पर कल को कोई ब्लोग बना कर , प्रधानमंत्री,मंत्री, किसी अभिनेता, अभिनेत्री, या किसी आम पुरूष महिला को ..और ब्लोग बना कर ही क्यों किसी सोशल नेटवर्किंग साईट्स पर ...गाली गलौज , उसका अपमान करता है तो आप क्या करना चाहेंगे उसके साथ ????आखिर सडक की हाथापाई और गाली गलौज से ब्लोग के बौद्धिक विचारों के टकराव में फ़र्क तो रखना ही पडेगा न ।

    अब बात भाई मिथिलेश की या भाई सलीम खान की .....दोनों का अपना लेखन है , दोनों की अपनी शैली है । उसके लिए उन्हें कौन से रिश्ते से कौन बुलाता है ,और कौन नहीं बुलाता इससे फ़र्क क्या पडता है ? मैं अपनी बात करूं तो मुझे जानने वाले जानते हैं कि मैं इस विषय पर आधारित पोस्टों पर कितना जाता हूं ?

    आपने अंत में कहा है न कि उस दिन ही आदमी हकीकत में आदमी बनेगा ....तो मैं तो कह रहा हूं कि ये सब इसीलिए तो किया जाता है कि आदमी आदमी ही नहीं इंसान बन जाए ....। और हां ये गफ़लत न पालें कि मैं किसी को कुछ कह रहा हूं क्योंकि जिस दिन मुझे करना होगा उस दिन पोस्ट लिख कर एडवांस में नहीं बताऊंगा । आपका आना और अपनी बात का रखना अच्छा लगा । मेरा मकसद भी वही है जो आपका है ..यानि हिंदी ब्लोग्गिंग पटरी से न उतरे ...शुक्रिया आपका ।

    अजय कुमार झा

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  24. प्रवीण शाह जी की बात में दम है
    ब्लागिंग को सारे विश्व में अपनी अभिव्यक्ति को प्रदर्शित करने का एक सर्वोच्च मंच माना जा रहा है. कुछ लोग इसका दुरुपयोग भी कर सकते हैं . इस तरह के लोग अपने आप किनारे लग जायेंगे अगर इन्हे बढ़ावा नहीं दिया जाए या इनकी उपेक्षा की जाए .ब्लाग में भी वही लोग होंगे जो समाज में हैं . कई भावनाएँ तो शायद इसी माध्यम से बाहर आ रही हैं और हमें अपने आसपास रहने वालों की सोच भी पता चल रही है . कुछ लोग जरूर खाल पहनकर काम कर रहे होंगे लेकिन देर सबेर उनका भी चेहरा सामने आ जाएगा .

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  25. ek jagaane wala lekh.

    tippaniya bhi jagaane wali...


    dhanyawaad hai ji....

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  26. aapke laekh or tippniyon se ek sabak mil gayaa ki vivaadit blog ko najarandaaj kar diyaa jaae.sarthak blog sahaj hi apni jagah banaa letaa hai...chithaa jagat men or logo ke dil men bhi

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  27. वाह, एक विशेष सेल, साइबर सेल! जहाँ मिलकर ब्लॉगर्स मीट भी हुआ करेगी। वहाँ नेट व कम्प्यूटर्स का प्रबन्ध नहीं हो सकता क्या?
    एक धर्म फैलावन सेल भी होनी चाहिए। वहाँ मेरा धर्म तेरे धर्म से बेहतर कहकर सिर फुड़ावन हुआ करेगी।
    गंभीरता से लिया जाए तो भारतीय कानून के अन्तर्गत कौन सी साइबर कार्यवाहियाँ अपराध हैं यह बताना आवश्यक है। यदि कानून के जानकार यह बताएँगे तो शायद साइबर सेल ना जाना पड़े।
    घुघूती बासूती

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  28. वाह बहुत बढ़िया और जोरदार ख़बर सुनाया आपने! अच्छी जानकारी मिली !

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  29. सही कह रहे हैं अजय जी आप
    लगता है हमारा भी नम्बर आता ही होगा

    जो आपकी पोस्ट को मज़ाक समझ रहे हैं वे पिछले फरवरी 2009 की यह खबर (हैलो ब्लॉगर, आप पर मुकद्दमा चलाया जाने वाला है!) पढ़ लें, जिसके अंत में हिन्दी-अंग्रेजी की 10 पढ़ने योग्य लिंक्स दी गई हैं

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  30. ऐसे ही यह देश मुकदमो से त्रस्त है

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  31. मेरा मुकदमा झा जी के जिम्मे.
    अभिये से बचाए के उपाय कर लीजये, हंटर वाला कब आ जाये कुछ पता नहीं

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला