गुरुवार, 19 नवंबर 2009

ब्लोग्गिंग में कमाई के लिये खुद को तैयार कर रहे हैं न .....नहीं तो ..करिये न...?

जैसा कि पिछली पोस्ट में बता चुका था कि पाबला जी के दिल्ली प्रवास के दौरान उनसे ब्लोग्गिंग से जुडे बहुत से विषयों, मुद्दों, समस्याओं पर विस्तार से बातें हुई ॥जाहिर है जब पाबला जी जैसे तकनीकी विशेषज्ञता हासिल व्यक्ति का सान्निध्य मिले तो और मेरे जैसा खुराफ़ाती शागिर्द ..तो बहुत सी बातें निकल कर सामने आती हैं । और आई भी...मैंने उनसे वो तमाम सवाल पूछ डाले जो ..मेरी तरह तकनीकी शून्य ब्लोग्गर उनसे पूछने की तमन्ना रखता था ॥

और मैंने बहुत से सवाल पूछे ..वैसे मुझे लगता है ..लगता क्या है ..महसूस हुआ कि पाबला जी जैसे तकनीक महारत और सहायता करने को उद्धत व्यक्ति को किसी भी ब्लोग संगोष्ठी, सम्मेलन, और बैठक में शामिल करना ..उस आयोजन की सफ़लता में चार चांद लगा सकती है । मुझे पता है कि हमारे बहुत से तकनीकी ज्ञान रखने वाले मित्र ब्लोग्गर सोच रहे होंगे कि मैं ऐसा सिर्फ़ पाबला जी के बारे में ही क्यों सोच रहा हूं ..दरअसल उसके पीछे जो एक विशेष कारण है वो ये कि एक तो उनका सतत किसी भी सहायता के लिये खुद को उपस्थित कर देना....दूसरा और ज्यादा महत्वपूर्ण ये कि ..किसी भी नयी तकनीक या और किसी बात को समझना बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि सामने वाला उसे किस तरह से समझाता है ..और जाहिर है कि पाबला जी को उस कला में भी दक्षता हासिल है । खैर अब सुनिए कि मुद्दे की बातें क्या क्या थीं :-


मेरा प्रश्न था कि आखिर हिंदी ब्लोग्गिंग और कमाई .....ये दूसरे कभी एक दूसरे से मिल पाएंगे । अंग्रेजी ब्लोग्गिंग या किसी अन्य भाषा के स्तर तक न सही मगर क्या ये संभव है कि .भविष्य में हिंदी ब्लोग्गिंग भी कमाई का पर्याय बन सके। इस बिंदु पर पाबला जी ने स्पष्ट किया कि ...देर सवेर ये तो होना ही है ..और होगा ही । मगर उससे पहले ये जानना जरूरी है कि ..क्या हम हिंदी के ब्लोग्गर्स इस कमाई के लिये खुद को , अपने ब्लोग को , अपनी पोस्टों को तैयार कर रहे हैं ......? मतलब हममें से कितने लोग ये जानते हैं कि हमारे पाठक हमें क्यों पढते हैं ..। जो सर्च इंजनों से ढूंढते हुए हम तक पहुंचते हैं ...वे आखिर क्या ढूंढते हुए आते हैं ...आखिर कौन किस सर्च इंजन का इस्तेमाल करते हुए हम तक पहुंचता है .....वे कौन कौन से उपाय हैं , वो कौन कौन सी बातें हैं जिनका ध्यान हमें पोस्ट लिखते हुए रखना चाहिये ..और ये सब उन शब्दों, उन विषयों, को ध्यान में रखते हुए करना चाहिये जो शब्द पाठकों को हमसे चाहिये....जी हां इसका विशलेषण भी किया जा सकता है ॥

अब बात इसकी कि आखिर इसकी जरूरत क्या है..तो पाबला जी के अनुसार.... है और बहुत ही ज्यादा जरूरत है ..जब ब्लोग्गिंग में कमाई के दरवाजे खुलेंगे तो ..यही वो पैमाने होंगे जो तय करेंगे कि आपकी कमाई का ग्राफ़ कितना ऊपर नीचे होगा । इसी संदर्भ में ब्लोग बैठक के दौरान खुशदीप जी ने ये जिज्ञासा जाहिर कि ..क्या ऐसा संभव नहीं है कि जो सेवाएं गूगल दे रहा है ..कमाई के संदर्भ मे...वो सेवा कोई अन्य / या भारतीय कंपनी दे ......? मुझे और सबको ये जानकर हैरानी हुई कि ...ऐसी सेवा तो अभी भी दी जा रही है ..जिसकी जानकारी पाबला जी पहले ही दे चुके हैं ..ये अलग बात है कि बहुत से ब्लोग्गर्स को इसकी जानकारी नहीं है ॥

इसके बाद हमारा विषय रहा..ब्लोग्गिंग का सबसे प्रिय विषय ....टिप्पणी ...उसका महत्व , उसका चरित्र , । दिनेश द्विवेदी जी का कहना था कि ..टिप्पणियों की संख्या और अधिकता से बेहतर है कि टिप्पणियां एकदम सटीक हों ..सबसे जरूरी ये कि टिप्पणियों को पढने पर पता चलना चाहिये कि...... हां लेखक जो कहना चाहता है पाठक उसे समझ रहा है ॥यहां ये बात बताना दिलचस्प रहेगा कि ..शायद लोगों को पता हो न हो ...मगर ये सच है कि टिप्पणियां भी सर्च इंजन में आपकी रफ़तार बढाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं ॥एक और बात पाठकों को पोस्ट पढने में मिलने वाली तकनीकी मदद, उसके लिये जरूरी विजेट्स, पाठकों का मनोविज्ञान , आदि जानने के लिये मैंने फ़िर से पाबला जी के मस्तिष्क कंप्यूटर को तंग किया । और मिली जानकारी से हैरत में था ॥न तो मेरी इतनी काबिलियत है कि मैं उन्हें आपके सामने रख सकूं न ही ये कि किसी भी तरह बता समझा सकूं । सो पाबला जी से आग्रह किया है कि इसे सबके लिये धीरे धीरे ही सही ..सामने रखें जरूर॥

चलिये आज के लिये इतना ही ..कल बात करेंगे ..ब्लोग्गिंग और मीडिया,हिंदी ब्लोग्गिंग को महत्व देता प्रिंट मीडिया , नकारात्मक और सकारात्मक लेखन आदि पर ..और सबसे अंत में ..इस बैठक से जुडी कुछ चुटीली यादें और फ़ोटूएं भी दिखाने की कोशिश होगी । मगर फ़ोटू की असली खुराक तो पाबला जी ही पूरी करेंगे आपकी ...हमारे पास तो जो है सो सामने है ......

16 टिप्‍पणियां:

  1. पाबला जी तो ज्ञान का सागर है...ये तो हम पर निर्भर है कि हम डुबकी लगा कर कितने मोती निकाल पाते हैं...अजय जी ये जानकारी का सिलसिला शुरू होना ही साबित करता है कि हिंदी ब्लॉगिंग का स्वर्णिम दौर जल्द
    ही आने वाला है....

    जय हिंद...

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  2. 'बिन गुरु ज्ञान कहाँ से पाऊ'
    गुरु दर्शन का पूरा लाभ लिया आपने !
    बहुत बढ़िया ........एसे ही हमे भी अपना ज्ञान देते रहे .........क्या कहे क्यों?
    भूल गए का ??
    स्कूल में भी तो हम गिल्ली डंडा खेलते थे और बाद में आप की कापी से टीपते थे सो यहाँ भी ....समझे की नहीं ??

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  3. हिन्दी ब्लागींग से जो मजा आता है वो कमाई मे नही आता है।

    मेरा पास वेबहोस्टिंग साईट है पर फिर भी मै हिन्दी ब्लाग बनाना चाहता हूं क्यों की हिन्दी मे वेबपेज,ब्लाग बनाने मे बहुत बहुत ज्यादा मजा आता है।

    बढीया पोस्ट। हिन्दी अब नेट पर धिरे धिरे बहुत ज्यादा फैलता जा रहा है लेकीन अफसोस सभी ब्लाग गुगल पर हैं जो कभी भी हटाए जा सकते हैं(जैसे जियोसीटीज,गुगलपेजेस हटा दिया गया)

    फिर भी ठिक ठाक है।

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  4. पहले ब्लागिंग की स्तरीयता पर ध्यान दें, फिर इनकम की सोंचेंगे :)

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  5. खुशदेप जी की बात से सहमत...उम्मीद पे दुनिया को कायम रखा जा सकता है

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  6. हम भी खुशदेप जी की बात से सहमत है, वेसे आप ने बहुत सुंदर लिखा.
    धन्यवाद

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  7. तब तो हम भी तैयार होजाते है कमाई कतने के लिये :)

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  8. बढ़िया रिपोर्टिंग. पाबला जी के तो क्या कहने.

    आप जारी रहिये.

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  9. अभिये फोनियाते हैं पाबला चचा को.. क्या क्या अंट-संट घुट्टी आपको पिला दिये हैं की आप तो पोस्ट लेकर हम सब पर पील पड़े हैं.. :)

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  10. रोचक और दिलचस्प जानकारियां अजय भाई...पिछली पोस्ट भी अभी पढ़ी फुरस्त से...मन मसोस कर रह गया कि काश मैं भी आ पाता आप सब से मिलने!

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  11. ओह! पिछले 24 घंटे से इंटरनेट बंद था।
    अभी देख पाया
    चने के झाड़ पर चढ़ाया जा रहा यहाँ तो :-)

    अजय जी, विशेषज्ञता/ महारत कुछ नहीं। मैं तो बस यूँ ही नई चीजों के लिए जिज्ञासु रहता हूँ। जो सीख पाता हूं उसे अपनी टूटी फूटी भाषा में आगे बढ़ा देता हूँ।

    हाँ, सहायता के लिए तो ज़रूर तत्पर रहता हूँ। वो क्या कहते है ना फटे में टाँग अड़ाना :-)

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  12. हो गए जी तैयार...बल्कि हमने तो बैंक में एक नया एकाऊँट भी खुलवा लिया है...धर में पैसे रखने में थोडा रिस्क तो रहता ही है कि कहीं कोई चोरी वोरी न हो जाए....बस अब तो ब्लाग से जो भी कमाई होगी, सीधे बैंक में जमा करवा दिया करेंगें :)

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  13. हिन्दी ब्लागरी भी परवान चढ़ेगी, उतनी जल्दी जितनी आवश्यक सूचनाएँ इस पर बढ़ती रहेंगी।

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला