शनिवार, 1 अगस्त 2009

कल थोडा बिजी हूँ .

देखिये जी ..अब जबकि मैं एक ब्लॉगर हूँ ही तो ये मेरी ..मौलिक, नातिक , भौतिक , और बांकी सारी इक भी..टाईप की ड्यूटी बन जाती है ..की मैं जब भी बिजी हूँ ....आप सबको इसकी इत्तला एडवांस में दे दूं .....अरे एडवांस में क्यूँ ....कमाल है जब देश का वित्त मंत्री ....एडवांस में बता रहा है ....देश की जनता और भी महंगाई के लिए तैयार रहे .....तो फिर ..और रही बात कल बिजी रहने की...अब ये मत पूछियेगा की ..कल बिजी हैं..यानि बांकी दिन ..वेल्ले ही रहते हैं क्या..अरे नहीं भाई..ऐसा भी कुछ नहीं है..कहने का मतलब ये है की ...कल इत्ता बिजी रहूंगा की ....शायद पोस्ट ना लिख पाऊं ....हाँ मुझे पता है की ..आप कहेंगे कोई बात नहीं ..ओहो आप तो समझ ही नहीं रहे हैं ..यार टिप्प्न्नी भी नहीं कर पाउँगा कहीं भी.....हा..हां. हा ..देखा अब चुभा न ..मुझे पता था ..

चलिए छोडिये इस बात को...ये तो सुनिए की क्यूँ और कहाँ बिजी हूँ .....अरे कमाल है ..जब इत्ता पढ़ ही लिए हैं तो ये भी जान ही लीजिये ना.... दरअसल ..कल अचानक ही दो जरूरी काम निकल आये हैं ....एक है राखी सावंत की शादी करवाना और जैसे ही उससे निपटूंगा.....उसके फ़ौरन बाद इमरान हाशमी को एक किराए का ..या अपना ही..कोई मकान दिलवाना है ....अरे आप फिर मुस्कुरा रहे हैं...भैया ये बात आज देश का सबसे अहम् मुद्दा है...कोई भी न्यूज़ चैनेल खोल के देख लो....मेरी बात तो आप मानोगे नहीं.......हाँ तो मैं कह रहा था की ..कल पहले राखी सावंत की शादी करवानी है....

स्वयंवर पूरा होने वाला है..पता नहीं कित्ते जवान मर्द अपने अपने धनुष से मछली की आँख को निशाना बनाने की भरपूर कोशिश कर चुके हैं....अब तीन बच गए हैं....राखी पूछ रही थी ..आप तो ब्लॉगर हैं न ...दूसरों के फट्टे में अक्सर टांग अडाते हैं...आप ही बताइये न क्या करूँ ..लो सिंपल है ..एस ऍम एस ....तो करवा ही रही हो न ....अब जिसको सबसे कम वोट मिले ..तुम उससे शादी कर लेना ...बांकी दो को ..राखी बाँध देना....आखिर वे बेचारे भी तो खाली हाथ न जाएँ न ....आएं ....राखी चौंक कर बोली ..सबसे कम वोटिंग वाले से शादी करूँ ...मगर फॉर्मेट तो ये है की सबसे ज्यादा वोटिंग पाने वाले से .....अरे मारो गोली फॉर्मेट को ..एक ब्लॉगर के दिमाग से सोचो ...अक्सर वोटिंग में गलत वाला ही जीत जाता है ..यानि पक्का गड़बड़ होती है.....समझी.....अच्छा तुम बताओ तुम्हारा मन क्या कहता है.......मैं तो सोच रही हूँ ...तीनो को ही राखी के बंधन में बाँध लूं.....अरे मगर शादी तो एक से ही करनी है न ....ओहो ....तीनो को भाई तो बना ही सकती हूँ .....स्वयंवर के पार्ट टू में. शादी कर लूंगी ...आयें...अब चौंकने की बारी मेरी थी...अरे राखी तुमने तो मेरी एक दूसरी समस्या हल कर दी.....

हेल्लो ..भैया इमरान हाशमी ..हाँ हाँ..मुझे पता चला...सुना है कोई आपको मकान देने को राजी नहीं है..आप कह रहे हो ऐसा इसलिए है क्यूंकि आप मुसलमान हो..अरे कमाल है यार...हमने देश का राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति तक की गद्दी पर मुस्लिम सम्प्रदाय से महानुभावों को बिठाया आप फिर भी....खैर..छोडो ....सुनो एक स्टूडियो खाली हो रहा है..एक साल के लिए..नहीं नहीं अगले साल उसमें ..एक स्वयंवर की शूटिंग होनी है तब तक खाली है..चलेगा...क्या ..अरे नहीं जी ..वहाँ किस्सी विस्सी वाली कोई फैसिलिटी नहीं मिल सकती यार...आप समझ ही नहीं रहे हो..उस एपिसोड की शूटिंग तो बहुत पहले ही हो चुकी है...हाँ ..तो ठीक है ..फाईनल समझूँ...


लीजिये ..ये तो दोनों ही समस्याएं हल हो गयी..चलिए इसी ख़ुशी में..कल से चिट्ठाचर्चा शुरू..नए अंदाज और नए तेवर में ...

17 टिप्‍पणियां:

  1. ये तो होना ही था
    ये ही होना है
    ये होकर ही रहेगा

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  2. मजेदार, और करारा भी। अब तो निश्चित ही कल फिर आप की पोस्ट आ ही रही है।

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  3. हा-हा-हा-हाः;;;;;;;।।।।।।।।।।।।।।।मजेदार व्यगं।

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  4. हा..हा..मज़ा आ गया.व्यस्तता के कारण बडे सटीक हैं..

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  5. इतनी व्यस्तता के बीच भी पोस्ट आ रही! पक्के ब्लॉगर हैं भई आप!! :-)

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  6. हा हा!!


    एक ब्लॉगर होने भर से कित्ती सारी नैतिक जिम्मेदारी आन पड़ी है आप पर..देखकर ही दंग हूँ.

    उठा तो लोगे न?? :)

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  7. एक नई विधा का सृजन सा कर रहे हैं आप। इसे क्या नाम दें?

    'चर्चा' की तर्ज पर 'ब्ल्गा' कैसा रहेगा? वैसे भी संस्कृत की वल्गा का अर्थ पगहा होता है। आप पगहा तुड़ा कर लिखें या पगहा में बँधे हुए, 'बल्गा' किसी भी तरह की चर्चा पर भारी है।

    पगहा से मतलब यह नहीं कि आप को जानवर समझ रहे हैं ;)स्पष्टीकरण देना आवश्यक है क्यों कि ब्लॉग जगत में बात का बतंगड़ बहुत होता है।

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  8. अरे!!!!!! अपने तो दोनों समस्याओं का समधान चुटकी मे कर दिया......हा हा हा!!!!!

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  9. ब्लॉगर होना भी बड़ा दर्द समेटने का काम है। आप से सहानुभूति सी हो रही है। च्च च्च च्च च्च ...। :)

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  10. अरे वाह ...क्या बात है .....गिरिजेश जी की बात पर गौर फरमाइयेगा

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  11. चलो......एक दिन इस ब्लाग पर टिपियाने से हमें छुट्टी मिली:)

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  12. jhotho ke na log-baag etna deemag lagate hain..
    seedhe-seedhe aap ke paas kahe nahi aate hain..
    bataiye to bhala...

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला