गुरुवार, 7 अगस्त 2008

अरे आप लोगन को कुछ खबर है कि नहीं ?

जानते हैं, जबसे ई ब्लोगीयाने का नशा लग गया है तभी से जैसे खबर सबको सूंघने का आदत सा लग गया है महाराज। मित्र बंधू सब कहने लगे हैं का सर ई आदमी का जनम लेकर एक दम से आप तो कुत्तापन पर उतर आए हैं, जब देखो तो एगो नयी खबर एगो नया एंगल ढूंढते रहते हैं। का इरादा कहीं आप सबसे तेज़ से भी ज्यादा तेज़ बन्ने के चक्कर में तो नहीं हैं। हम कहे कि नहीं भैया , का करें यार ई अपना ब्लॉगजगत पर कौनो चिट्ठाकार एस्कीलुसिव काम करिए नहीं रहा है हमको छोड़कर .ऊ बहुत चकित हुए , देखिये आप खुदे देख लीजिये, ई घटना सबको कौनो बछा ई एंगल से देख रहा है.....

बहुत परेशानी में हैं बाबा लोग :-
लगता है कि पिछले दिनों जो सूर्य ग्रहण लगा और चंद्र ग्रहण लगने वाला है उसका सबसे ज्यादा असर बेचारे उन्ही बाबा लोगन पर पड़ गया जाऊँ लोग सबको ई का फल प्रतिफल बता रहे थे। देखिये न सबसे पहिले अपने बाबा आसा राम जी । ना जाने कौन जीव आत्मा के प्रकोप से पहिले उनके आश्रम में लगातार एक के बाद एक मौतें वो भी मासूम बच्चों की, होती रही, लोगों की नाराजगी झेलनी पडी, उसके बाद जब वो मामला शांत हुआ तो एक नया संपत्ति विवाद शुरू हो गया है, देखें चंद्रग्रहण की बाद का का होता है। दुसरे बाबा हैं अपने बाबा अमरनाथ जी, अरे हाँ वही बर्फानी बाबा जम्मू वाले, काल्हे मिले अत एक टाप रहे थे , हम कहे का बाबा ई का हाल बना लिए हैं। कहने लगे यार तुम लोग हमको भी नहीं छोड जब से चुपचाप हम बर्फ जमा कर कर के अपना बोड़ी बनाते थे ठीक थे, ई ससुर मीडिया वाला सब जब से घुसा है सब सत्यानाश कर के रख दिया है भाई। कभी सब हाथ लगा लगा कर deepfrost कर देता है तो
कभी हमारे नाम पर प्लाट की मारामारी करके सब आग लगा रहा है तो हम तापेंगे कि नहीं। हम कहे ता का फैसला किए हैं। बाबा निराश हो के कहे कि भैया अब ता कुछ दिन शांती चाहते हैं सो जा रहे हैं लादेन के पास किसी गुफा में रहेंगे।

लीजिये एक रेकोर्ड तो हमारा बन ही रहा है :-
ओलम्पिक को लेकर पहले से ही अपने देश पर छीताकंशी का दौर शुरू हो चुका है सब कह रहे हैं ई बार भी आप लोग चीन से खाली चाउमीन खाकर चले आओगे, खाली उद्घाटन समारोह और समापन समारोह में ही झंडा उत्ता कर चलते दिखाई दोगे कोई रेकोर्ड नहीं बन्ने वाला। हमने कहा अबे जा रेकोर्ड बनाए के लिए हम पूरी दुनिया की तरह चार साल इंतज़ार नहीं करते। देखो हम रोज़ नए रेकोर्ड बना रहे हैं। अमा अब भी नहीं समझे, मंहगाई का यार, रोज़ ही तो खबर आती है आज मंहगाई ने फ़िर एक नया रेकोर्ड बनाया..........

मौसम का मज़ा :-
कल जैसे ही बारिश की बूँदें पड़ने लगी तो मुझे पहले ही पता था कि मित्र तल्ली सिंग का फोन आ जायेगा और यकीन मानिए बूँदें के बौछार बन्ने से पहले ही फोन आ भी गया। मैं पीता वीता नहीं हूँ मगर यार दोसोतों की महफिल में बैठ कर उनकी बातों और वहां पड़े चखने का मज़ा जरूर लेता हूँ इसलिए चला जाता हूँ। धर्मपत्नी जी भी मेरी ये आदत जानती हैं इसलिए अनुमती मिलने में देर नहीं लगती। सो अपन चल दिए। वहां जब महफिल सजी तो पकोडों के बीच सबसे पहले तो मौसम का धन्यवाद दिया गया। सबने तर गले से वर्षा रानी को ही असली साकी ठहराते हुए उसकी तारीफों के पुल बाँध दिए। अन्तिम बारी मेरी आने वाली थी क्योंकि मैं होश में जो था, मैं कुछ बोलता इससे पहले फोन आ गया
"बेटा पिछले चार दिनों से घनघोर बारिश ने सब कुछ डूबा दिया है घर की कच्चे दिवार बस गिरने वाली है हो सके तो आ जा "
मैं बारिश पर कुछ बोल नहीं पाया .

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही बढ़िया ! आनंद आ गया, आपकी लेखनी ने दिल खुश कर दिया !

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  2. आप का लेखन मुझे सदा ही सशक्त लगता है......यह भी अच्छा लगा

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  3. अरे ई लोगन (साधुवा सब )को क्या देख रहे हैं .बाकी आप लिखते बड़े धासुं हैं

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  4. vo to sab theek hai par ek baat samajh nahi aati ki sivay pramod ji ke sari mahila blogars ko hi aap padhte hai?kyu bhai kya doosre purush bloggars achha nahi likhte kya ?

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  5. aap sabkaa bahut bahut dhanyavaad. aadarniya anaam jee, yadi aapkaa ishaaraa meri pasand suchi kee taraf hai to shaayad aapne meraa doosraa blog nahin dekhaa, aur yadi main aapkaa aarop maan bhee loon to aapko koi aapatti nahin honee chaahiye kyonki aap to mujh par pehle hee mahilaa virodhee hone kaa ilzaam laga chuke hain, sirf ek gujaarish kee jude rahein. dhanyavaad.

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला