हाँ हाँ, पता है ऊपर चढ़ गए हो मगर इतराओ मत झाड़ पर चदेय हो कभी भी नीचे आ जाओगे॥
तुम कौन हो भाई, कहाँ रहते हो , कहाँ से बस बस ?
बस ,बस इतना से ही घबडा गए , देखो मुझे गौर से में हूँ गरीब दास , यानी इस देश का सबसे गरीब आदमी, और तुम्हारा तो रेकोर्ड आज बना है मगर मैं ना जाने कब से इसी पोजीशन पर खडा हूँ । कितनी ही तुम्हारे जैसे धन्ना सेठ , कितनी ही सरकारें और कितनी ही गरीबी हटाओ योजनाएं आई और चली गयी । मगर मेरी जगह कोइ नहीं बदल सका।
लेकिन गरीब दास जी मैं जो ये कारोबार फैला रहा हूँ उससे इस देश को इस समाज को और सबको फायदा ही फायदा हो रह है । और फिर आपको भी तो इसका लाभ पचुन्चेगा ही।
abey छोड़ छोड़ सूना है कि तुने बड़ी बड़ी दुकाने लगा कर अब सब्जी भाजी बेचनी शुरू कर दी है। तुझे क्या लगता इस तरह गरीबों के पेट पे लात मार कर तू और अमीर बन जायेगा , सुन बे जिस दिन किसी गरीब का दिमाग फिर गया ना तो ये जो तो कर लो दुनिया मुट्ठी में करता रहता है ना वो ना तो तेरी मुट्ठी रहेगी ना ये अमीरी.
तीखे...करारे एवं मसालेदार व्यंग्य के लिए बहुत-
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई ...
bahut bahut shukriyaa sarkaar,
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