उस दिन जब मैंने बात बात में लिख दिया था तो भाई पद्म सिंह जी ने हैरानी से पूछा था इतने पेन। मैंने मुस्कुरा कर उन्हें कहा था की पेन के किस्से फिर कभी सुनाऊंगा। लिखने पढ़ने वाले और नहीं लिखने पढ़ने वालों के लिए भी पेन का साथ हमेशा से रहता आया है। मुझे बचपन से पेन से लिखना ,उन्हें संभाल कर सहेज कर रखना , कमीज की ऊपरी जेब में लगाए रखना उतना ही भाता था जितना कलाई घड़ी और ये आदत आज भी बदस्तूर जारी है।
उन दिनों भी पेन से लिखने की शुरुआत कक्षा छः से ही हुआ करती थी ,किन्तु पढ़ाई में बहुत ज्यादा भुसकोल होने के कारण लिखने का शौक तो तब तक नहीं हुआ था अलबत्ता कक्षा 7 से ही नीले और काले रंग के पेन जरूर रखने लगा था और चूँकि वो समय निब वाले पेन का हुआ करता था सो बड़ी कंजूसी से और बड़ी सावधानी से उसका उपयोग किया जाता था। जेब में रखने के कारण लीक होकर कमीज का कल्याण कर देने के महान काम को कई बार अंजाम देने का परिणाम माँ की झिकड़ी जरूर होती थी।
कक्षा आठ तक आते आते एक दिन एक शिक्षक ने मेरी कॉपी में देख कर ,उन दिनों हम भुसकोल विद्यार्थियों की कॉपियां देखने दिखाने लायक नहीं होती थीं , अचानक ही मेरी लिखावट को साफ़ बता दिया। बस वहीँ से हाथ से लिखने का जो जुनून जगा वो आज तक ख़त्म नहीं हुआ। आज भी मैं सुबह से शाम तक साथ आठ पेज लिख डालता हूँ , जब तक कुछ लिखता नहीं चैन नहीं आता।
लिखने की इस आदत से मेरी पेन से दोस्ती भी बढ़ती गयी और हम उस दौर के साक्षी रहे हैं जब रेनॉल्ड्स ,मोंटेक्स ,लिंक ,रोटोमैक आदि के बॉल पेनों ने धूम मचा दी थी। उन पेनों को खरीदना इस्तेमाल करना एक अलग ही आनंद देता था। धीरे धीर बॉल पेन की सुलभता ने इंक वाले पेन को आउट डेटेड कर दिया। मुझे याद है की अपने इंटर के दिनों में और उसके बाद बहुत समय तक परिक्षा के लिए मैं विशेष रूप से युनिबॉल का एक बॉल पेन इस्तेमाल करता था।
इसके बाद दौर आया जेल पेन का जिनमे एड जेल ने आते ही धूम मचा दी थी। इंक पेन वाली नज़ाकत और बॉल पेन वाली तेज़ी दोनों से युक्त ये पेन अपने अलग अलग कई रूपों मसलन रोलर पेन और इनके जैसे ही अन्य पेनों ने बहुत हद तक बॉल पेन के बाज़ार की बादशाहत खत्म कर दी । नए बच्चे तो आज भी जेल पेन रॉलर पेन के दीवाने हैं ।
नौकरी भी लिखने वाली मिल गई जहाँ लिखते लिखते सुबह से शाम हो जाती है मगर लिखने का काम खत्म नहीं होता । बस फिर क्या था पेनों का शौक जुनून बन गया ।
जिस भी शहर में जाऊँ वहाँ से पेन खरीदना , उपहार में पेन मिलना , पेन देना , पहचान के दुकानदारों द्वारा मुझे नए नए पेन जानबूझकर दिखाना , मेरे लिए विशेष पेन मँगवाना , कुल मिलाकर ये सिलसिला बढ़ता गया ।
आज भी पूरे अदालत परिसर में किसी अधिकारी कर्मचारी , को किसी विशेष पेन की जरूरत पड़ती है तो बेहिचक बेझिझक ले जाता है । मैं अदालत में अपने सहकर्मियों को भी ढेर ढेर पेन बाँटता हूँ । हाँ बहुत महँगे पेन मुझे उपहार में ही मिले । अपने पैसों से मैंने एक बार 1200 का पेन खरीदा था , वैसे मेरे पास दो रुपए से लेकर दो हज़ार तक के पेन हैं जिनकी संख्या हज़ारों , हाँ हज़ारों में है । आप मिलेंगे तो आपको भी स्नेह स्वरूप मिलेंगे ये पेन ।
शानदार शौक़ है पेन जमा करने का और इस्तेमाल करने का। मुझे तो सिर्फ़ इंक पेन अर्थात फ़ाउन्टेन पेन ही पसन्द हैं। वही इस्तेमाल करता हूँ और जमा भी वही करता हूँ। आपके पास कुछ अच्छे इंक पेन हों तो तस्वीर साझा किजिएगा। बहुत बहुत शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंमेरे पास इंक पेन ज्यादा तो नहीं हैं हैं 8 या 10 तो जरूर होंगे ।
हटाएंमाँ की झिड़की कम डांट ज्यादा खाई है, स्याही ना संभाल पाने वाली निगोड़ी कलमों के चलते
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा सच कहते हैं आप सर ।
हटाएंपेन इकट्ठा करने का शौक पतिदेव को है और लिखना कभी कभी । इकट्ठे होते जाते और फिर मैं नवरात्रि में कन्याओं को बाँट देती हूँ । मेरे को तो खरीदने की जरूरत ही नहीं पड़ती । मिल ही बहुत जाते हैं । डायरी जरूर मेरे पास ढेरों हैं । तुम्हारे पेन देखकर तो आँखें फैल गयीं ।
जवाब देंहटाएंस्नेह बनाए रखिएगा दीदी
हटाएंलेखन की आदत भी शुभ संकेत है।
जवाब देंहटाएंजी सर , बेटा भी खूब लिखता है । स्नेह बना रहे आपका
हटाएंये भी एक अच्छा शौंक है ... अच्छे पेन से लिखने जा मज़ा कुछ अलग ही होता है ... कई लोग तो जितने पेन इस्तेमाल कर लें ... साइन अपने पेन से ही करते हैं .।.
जवाब देंहटाएंमैं भी ऐसा ही हूँ सर । बहुत कम बार ही दूसरों से पेन लेने की जरूरत पड़ती है
हटाएंपेन, घड़ी, चश्मा ये शौक हैं। हजारों तो नहीं पर करीब होंगे। नशेबाजों जैसा हाल है पेन के लिए। फाउण्टेन पेन विशेष पसंद। कहीं गये तो कुछ और लिया जाए या नहीं पेन जरूर लिया जाता है।
जवाब देंहटाएंआज हम भी करते हैं पेन कांड ब्लॉग पर।
आप तो मेरे सहोदर हैं पता नहीं पिछले कई जन्मों से ।
हटाएंपेन रखने की आदत है तो फिर लिखने कि आदत होना तो स्वभविक है वैसे आप लिखते बहुत अच्छा है ऐसे ही लिखते रहिये
जवाब देंहटाएंhttps://yourszindgi.blogspot.com/?m=1
सब के अपने अपने शौक है ये भी एक अच्छा शौंक है
जवाब देंहटाएंBest School In Rudrapur Uttarakhand || Top 10 List Of School In Rudrapur 2020
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