रविवार, 15 जनवरी 2012

दिल्ली टू मधुबनी ..वाया मोबाइल






जब से जेब में मोबाइल आया है , और कुछ हो न हो , फ़ोटो खींचने की शौक एक आदत सी बन गई है , और जो फ़ोटुएं निकल कर आती हैं तो हम भी खुश हो लेते हैं कि चलो ससुरा नेगेटिव तो नहीं निकल के आया । आप शायद यकीन न करें मैं अपने मोबाइल से लगभग छ हज़ार फ़ोटो खींच चुका हूं और ....कहा न आदत से बाज़ नहीं आता । बहुत बार मुसीबत में फ़ंसने के बावजूद , फ़ोटो खींच कर सहेजना मुझे पसंद आता है । चलिए आज आपको अपने पिछले ग्राम प्रवास के दौरान की कुछ तस्वीरें दिखाता हूं



















































 









उम्मीद है आपको पसंद आई होंगी

20 टिप्‍पणियां:

  1. हाथ में मोबाइल ( कैमरा ) हो तो शिकारी बन ही जाते हैं । :)
    ई तो बहुते सानदार फोटुएं आई हैं ।
    चौथी और छठी विशेष रूप से बहुत अच्छी लगी ।

    जवाब देंहटाएं
  2. गजब फोटो है सब की सब ... जय हो महाराज !

    जवाब देंहटाएं
  3. कितने मेगापिक्सेल का है, फोटो तो गजबिया लग रहा है।

    जवाब देंहटाएं
  4. फोटोवाज लग रहें है आप, मोबाइल कौनसा है यह तो बताएं ?

    जवाब देंहटाएं
  5. जी मोबाइल नोकिया 5233 है , और एक जरूरी बात ये बताना भूल गया कि इनमें से अधिकांश चलती हुई रेलगाडी की खिडकी और दरवाज़े से खींची गई हैं । हां सच कहूं तो इससे खींची तस्वीरें मुझे भी पसंद आती है ।शुक्रिया आप सबका , आप सबको अच्छी लगी तो मुझे भी अच्छा लगा

    जवाब देंहटाएं
  6. Arey waah... Gazab fotu khiche hai bhayya... Aap to fotugraphy bhi mast kar lete hain... Kuchh chhodenge ki nahi???

    जवाब देंहटाएं
  7. बढि़या तस्‍वीरें, लेकिन पेज खुलने में समय लगा.

    जवाब देंहटाएं
  8. राहुल जी ,
    ऐसा शायद इसलिए हुआ क्योंकि तस्वीरें काफ़ी बडी हैं ।

    जवाब देंहटाएं
  9. पुनाईचक बेलीरोड लिखा देखे के मोन खुश हो गया भिया.. :)

    जवाब देंहटाएं
  10. छः हज़ार चित्र... हम्म्म. इनमें से आपके पसंदीदा चित्रों को अलग करना न भूलें. "बहुत बार मुसीबत में फ़ंसने के बावजूद , फ़ोटो खींच कर सहेजना मुझे पसंद आता है । " और अगली बार आपने जिन मुसीबतों का ज़िक्र किया है, उनके बारे में बताएं, उम्मीद हैं, वहां हास्य का पुट भी होगा. :)

    जवाब देंहटाएं
  11. मोबाइल से फोटो खींचना मेरा भी पसंदीदा शगल है...उसमें कुछ ऐसा कैप्चर हो जाता है जो वैसे बिसर जाता। जैसे स्टेशन पर बिकते कुछ बांस के खिलौने...या सूप फटकती कोई दादी अम्मा या पीले हरे खेत...बहुत कुछ ऐसा जो आपके ब्लॉग पर यहाँ सकेरा हुआ दिख रहा है।
    अच्छा लगा :) फोटो खींचना जारी रहे :)

    जवाब देंहटाएं
  12. यूँ ही आना हुआ आपके ब्लॉग पर...
    कहते हैं ना..its man behind the camera..
    सो मोबाइल कौन सा है क्या पूछें...

    बढ़िया फोटोग्राफी..
    सादर.

    जवाब देंहटाएं
  13. अच्छा लगता है अपनी दुनिया को फैलते देखते हुए। जब तक संबंध हैं,तभी तक संसार।

    जवाब देंहटाएं
  14. बड़ी बेहतरीन तस्वीरें हैंची हैं....

    जवाब देंहटाएं

मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला