जैसा कि आपको मैं पहले भी बता चुका हूं कि इन दिनों शायद , मेरे पांव में पहिए लग गए हैं , एक सफ़र से आकर , थकान अभी उतरान पर ही होती है कि बस यकायक एक नए सफ़र की शुरूआत । इस बार के सफ़र बहुत ही मायनों में खास रहे । एक शहर अमृतसर जिसे लगभग तीस साल पहले देखा था ,बहुत ही बचपने में अपनी धुंधली यादों में सहेजा हुआ था , उसे अब दोबारा देखने का मौका मिला । और अब इसके बाद मेरे बचपन का शहर , लगभग बाईस साल पहले उसे पीछे छोड आया था , अपना वो स्कूल जिसमें से पढ के निकलने के बाद फ़िर जा ही नहीं पाया । और तो और पटना का रूट भी छूटे हुए कमोबेश दस साल तो हो ही गए थे , इस बार उन्हें देखने का मौका मिल रहा था तो क्यों गंवाता । इस पोस्ट में सिर्फ़ कुछ तस्वीरें पोस्ट कर रहा हूं ..हर तस्वीर के आसपास जाने कितनी ही कहानियां इंतज़ार कर रही हैं आपका , मुझसे कह रही हैं कि कब मैं उन्हें आपके हवाले करूंगा ..मगर फ़िलहाल तो आप ..ट्रेलर ही देखिए
सफ़र की शुरूआत नई दिल्ली के परिवर्तित आधुनिक लुक वाले स्टेशन और प्लेटफ़ॉर्म से
रास्ते में ट्रेन की अस्सी किलोमीटर की स्पीड में खिडकी से खींची गई तस्वीर
ये भी देखिए
और ये भी
मशहूर सारनाथ् का स्टेशन
और फ़िर शुरू हुई पटना की सैर , सडकों ,गलियों, रास्तों की फ़ोटुएं
विकास जारी है जी ,पटना की सडकों पर भी
"पन्त भवन" याद है न कि भूल गए
कदमकुंआं , सालिमपुर अहरा , उमा सिनेमा
पटना का हनुमान मंदिर
पटना रेलवे स्टेशन का नयका लुक
दानापुर बस स्टैंड में खडी ये मूर्ति
आहाहा ,,,मेरा स्कूल और उसके वर्तमान प्रिंसपल श्री वरूण मित्रा जी
पटना का वीणा सिनेमा में लगा हुआ है भोजपुरिया डॉन .....
बस फ़िलहाल तो आप इन फ़ोटुओं को देख कर कहानियों और अफ़सानों का अंदाज़ा लगाईये .....कहानी तो मैं आगे सुनाऊंगा ही
आज तो सारा बिहार घुमा दिया अजय सर ! धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंपटना स्टेशन का नयका लुक देख कर अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंदानपुर बस स्टैंड में ये बुत कब से खड़ा है?
ट्रेलर देख लिए अब फ़िलिम का इंतजार है।
बचपन की यादें ताज़ा कीजिए और अमृतसर की अमृत बरसाती चित्रकारी प्रस्तुत कीजिए:)
जवाब देंहटाएंबढ़िया तस्वीरें, ट्रेलरनुमा
जवाब देंहटाएंअपनी सेहत का ध्यान भी रखे महाराज ... जल्दी इस बुखार को भगाइए और आगे की कहानी सुनाइए ! फिलहाल हम इस ट्रेलर से काम चलते है !
जवाब देंहटाएंई पटना का लुक तो भैया दिल्ली से ज्यादा साफ़ दिख रहा ।
जवाब देंहटाएंचकाचक फोटुएं हैं भाई ।
दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से लेकर पटना के स्टेशन रोड के वीणा सिनेमा तक .. चित्रों के माध्यम से पूरा घूमा दिया .. सारे चित्र बहुत अच्छे लग रहे हैं !!
जवाब देंहटाएंयह पैर में चक्कर किस कारण से हैं यह भी लिख दीजिएगा। चित्र तो अच्छे हैं अब मजमून कैसा होगा? यह नेपथ्य में है।
जवाब देंहटाएंपिक्चर दिखा कर भी पिक्चर अभी बाकी है ....पटना का स्टेशन तो बहुत बढ़िया लगा ...और आप केन्द्रीय विद्यालय के पढ़े हुए हैं यह जान कर बहुत अच्छा लगा ...आखिर मैं भी तो केन्द्रीय विद्यालय में ही शिक्षिका रह चुकी हूँ :) ...
जवाब देंहटाएंचित्रों में वर्णित एक पूर्ण कथा।
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