पिछले दिनों की लिखी हुई पोस्टों में ये जिक्र किया था कि ...जाने अनजाने लेखन और पठन से कुछ दूरियां सी बन गयी थी , इसका कारण तो ठीक ठीक मैं भी नहीं जानता , मगर शायद कुछ तो बात थी ही रही सही कसर, लैपटौप के बीमार होने ने पूरी कर दी .....काफी तीमारदारी के बाद भी ..जब कंप्यूटर के डॉक्टर भी उसे ठीक नहीं कर सके तो फिर नए बक्से के आने की योजना बनने लगी और इस बीच जो कुछ हुआ या पिछले दिनों तक होता रहा ..........उसने कुल मिला कर कुछ इस तरह की स्थिथि पैदा कर दी कि , बस ये दूरी निरंतर बढ़ती ही चली गयी यहाँ बताते चलूँ कि , इन पिछले पंद्रह दिनों में , कमोबेश , कुल पांच बार पंजाब का दौरा करना पड़ा कार से , रेल से , और बस से भी दास्ताँ लम्बी है , और फिर पिछले दिनों की कसर भी तो पूरी करनी है इसलिए , फ़िलहाल तो आप आने वाली पोस्टों का ये फोटो शूट ही देखिये , विस्तार से बहुत ही जल्दी .........किस्तों में हम आप तक पूरी दास्ताँ पंहुचाते हैं ....
जालंधर के अड्डा होशियारपुर चौक की रसमलाई
रसमलाई से नीचे खिसकने को मन ही नहीं कर रहा है भई! आगे क्या कहें :-)
जवाब देंहटाएंवाह रसमलाई खाकर अब हम भी ट्रेन की यात्रा करने जा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंras malaai !
जवाब देंहटाएंwaah waah eid mubaraq !
photos are very nice ajay and both your children look to be enjoying the ride
जवाब देंहटाएंआपका हमेशा इंतजार रहता है हर ब्लोगर को ... शानदार रसमलाई और मनमोहक चित्रों के लिए आपका आभार...अगले पोस्ट का इंतजार है ...
जवाब देंहटाएंअच्छा हुआ लौट के आ गए, और तस्वीरें दिखा के जला रहे हैं क्या...रुकिए रुकिए, जब हम भी जाएंगे न तब ऐसे ही फोटू दिखा के आपको जलाएंगे :)
जवाब देंहटाएंगोलू और बुलबुल बड़े क्यूट लग रहे हैं..
मैं भी ट्रेन में बैठकर रसमलाई और चिंटू को तलाशूंगा लेकिन अक्तूबर माह में।
जवाब देंहटाएंये बढिया किया आपने, कोई इतने दिन की गैरहाजिरी का हिसाब मांगे उसके ही उसे रसमलाई दिखा दी.:) बहुत बढिया. अब आगे के विवरण का इंतजार करते हैं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
चिंटू की कहानी का इंतज़ार रहेगा !
जवाब देंहटाएंफोटोशूट बढ़िया रहा !
लो जी आप पांजाब हम से ज्यादा घुम आये, चित्र बहुत सुंदर लगे, कुछ बाते भी बताते मेरे जन्म स्थान के बारे, मेरी जन्म भुमि के बारे
जवाब देंहटाएंएक कहानी व्यक्त करते आपके चित्र।
जवाब देंहटाएंबढिया रही आपकी यात्रा।
जवाब देंहटाएंबच्चों को ढेर सारा प्यार और शुभाशीष
गणेश चतुर्थी और ईद की शुभकामनाएं
रसमलाई O
जवाब देंहटाएंO
O
O
ये मेरे मुंह से पानी टपक गया है जी
माफ कर दीजियेगा, ब्लागपेज गीला करने के लिये।
ज्यादा ही लंबी छुट्टी ले लिये हैं, अब निरन्तरता बनाये रखियेगा।
प्रणाम
"विस्तार से बहुत ही जल्दी ........."
जवाब देंहटाएंतब तक सम्भवतः मूछ उग आए :)
अच्छा रहा सफर !
जवाब देंहटाएंवाह! खेतों में हरियाली देख मन हरा हो गया. आगे इन्तजार है, तब तक जरा रसमलाई का आनन्द लेता हूँ.
जवाब देंहटाएंवाह! खेतों में हरियाली देख मन हरा हो गया. आगे इन्तजार है, तब तक जरा रसमलाई का आनन्द लेता हूँ.
जवाब देंहटाएंवाह! खेतों में हरियाली देख मन हरा हो गया. आगे इन्तजार है, तब तक जरा रसमलाई का आनन्द लेता हूँ.
जवाब देंहटाएंवाह! खेतों में हरियाली देख मन हरा हो गया. आगे इन्तजार है, तब तक जरा रसमलाई का आनन्द लेता हूँ.
जवाब देंहटाएंवाह! खेतों में हरियाली देख मन हरा हो गया. आगे इन्तजार है, तब तक जरा रसमलाई का आनन्द लेता हूँ.
जवाब देंहटाएंवाह! खेतों में हरियाली देख मन हरा हो गया. आगे इन्तजार है, तब तक जरा रसमलाई का आनन्द लेता हूँ.
जवाब देंहटाएंवाह! खेतों में हरियाली देख मन हरा हो गया. आगे इन्तजार है, तब तक जरा रसमलाई का आनन्द लेता हूँ.
जवाब देंहटाएंbhaai ham ras malaai pe dhyaan de yaa hariyaalee pe. bachche bahut mast lag rahe hai
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