१ मई , शादी की सालगिरह, मजदूर दिवस ....फ़्लैश बैक में कुछ पल
आप शायद ये यकीन करें न करें मगर ये सच है कि जन्मदिन , सालगिरह पर बधाई देने की जब बारी आती है तो अक्सर ही मैं भुलक्कड हो बैठता हूं । और इस बात की गवाही वो बखूबी जानते हैं जो मुझे थोडा बहुत जानते हैं , और ऐसे हादसों (अजी कभी अपनी श्रीमती जा का जन्मदिन भूल कर देखिए , कि वो किसी हादसे से कम साबित नहीं होगा आपके लिए ) के गवाह भी रहे हैं । मगर चूंकि मेरी वैवाहिक सालगिरह उस दिन होती है जिस दिन को दुनिया मजदूर दिवस के रूप में मनाती है इसलिए सभी certified मजदूरों की तरफ़ से मुझे ये याद हो ही आता है कि आज ही के दिन हमने ये स्वीकार किया था कि मजबूरी और मजदूरी का दूसरा नाम यानि पति बनकर पूरी तरह से इसके काबिल बन ही जाते हैं ।मगर क्या आप जानते हैं कि इस certified मजदूर बनने से पहले की दास्तान भी कम दिलचस्प नहीं थी ।अरे रे रे नहीं नहीं जी बिल्कुल नहीं आठ वर्षों की पूरी दास्तान सुनाने नहीं जा रहा हूं बस फ़्लैश बैक में प्रोमो दिखा रहा हूं ॥
दिल्ली आने से पहले यदि ये कहूं कि कम से कम दस बार रिश्ते तोडने और शायद उससे अधिक बार जाने अनजाने दिल को तोडने का आरोपी बन चुका था । इसलिए जब दिल्ली में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के दौरान भी जब मेरे यार दोस्त पींगे बढा रहे थे तो मैं अडिग इन सबसे दूर अपने लक्ष्य को हासिल करने में मशगूल था । मगर शायद होनी को कुछ और ही मंजूर था । नौकरी में आने के लगभग एक महीने बाद जब गर्मियों की छुट्टी के दौरान हम नए प्रशिक्षु कर्मचारियों का बैच शायद एक महीने तक हर समय साथ साथ रहा । यही वो समय था जब हम सब एक दूसरे को अच्छी तरह जान पहचान गए । मैं घर से दूर रहने वाला और अकेला रहने वाला उनमें एक ही थी । जाहिर था कि एक स्वाभाविक सी सहानुभूति टाईप की फ़ीलींग उनकी रहती ही थी मेरे प्रति । मैंने अपनी तैयारियों को अभी तक छोडा नहीं था इसलिए किताबें भी साथ देती थीं मेरा ।
मुझे याद है कि इन सबकी शुरूआत तब हुई थी जब हमारे बैच के एक साथी का जन्मदिन था और मैं दिल्ली के ट्रेंड से अलग , मूढ की तरह उसके लिए कोई गिफ़्ट शिफ़्ट खरीदने की बजाय एक अपने हाथ का बनाया हुआ और कुछ पंक्तियों को लिख कर एक बधाई कार्ड उसे दे बैठा । उसने सभी को दिखाया , शायद वो पहली हरकत थी जिसने मेरी श्रीमती जी को मेरी तरफ़ आकर्षित किया था । इसके बाद तो कब क्या कैसे हुआ , मैं भी नहीं जान पाया । मगर यकीनन वो लैला मजनू और शीरी फ़रहाद या फ़िर कि आजकल का बिल्डिंग फ़ांदू प्रेम तो नहीं ही था । दो सुलझे हुए बालिग लोगों की पसंद और समझ के एक होने जैसा कुछ था । मगर मुझे कैसे प्रपोज़ किया गया ये भी सुन लें आप । मेरी प्रेमिका और अब मेरी श्रीमती जी ने एक दिन शाम को अचानक कहा " आज मुझे ****** (उनकी एक सहेली का नाम ) ने पूछा और उसका जवाब मैंने हां में दिया , मैंने ठीक किया न "। ये था वो प्रेम निवेदन जिसे मैं जानबूझ कर दो दिनों तक नहीं समझने का बहाना बनाता रहा । इसलिए क्योंकि मैं जानता था कि ये उस तूफ़ान का आगाज़ था जो अगले चार वर्षों तक मेरे जीवन में उथल पुथल मचाए रहा ।
जी हां पूरे चार साल की जद्दोज़हद , माता पिता को मनाने की कठिन लडाई ,इसके बाद सबसे बडा जो चक्कर पडा तो था पंजाबी को बिहारी से मिलाने का डैडली कंबीनेशन । मैं ठहरा ठेठ बिहारी , हमारी श्रीमती जी ठहरीं ठेठ पंजाबन , बस शुरू हो गई दो संस्कृतियों को मिलाने की जंग । जी हां ये सच में ही किसी जंग से कम नहीं था जब ऐसे ऐसे प्रश्न उछाले जाते थे , मसलन बच्चे कौन सी भाषा को मातृभाषा की तरह बोलेंगे , शादी किस रीति रिवाज से होगी , आप लोहडी मनाएंगे कि छठ , और भी जाने क्या क्या । मगर जैसा कि पहले कहा न कि ये दो एक जैसी पसंद और समझ वाले लोगों के एक होने जैसा कुछ था । कभी तो ऐसा लगा कि बस जी अब खत्म हुआ सब कुछ , और सच कहूं तो हम उस बात के लिए भी मानसिक रूप से तैयार थे । ये पहले ही तय हो चुका था कि शादी ही इसकी अंतिम मंजिल नहीं मानी जाएगी ।
मगर कहते हैं न कि सब जन्म मत्यु और विवाह सब ऊपर ही तय होता है । तो आखिरकार , १ मई २००२ को हमारा विवाह हुआ । और आज परिवार में पिताजी के आशीर्वाद के साथ साथ और स्वर्गवासी मां के चिरकालीन स्नेह के साथ , दो नन्हें मुन्ने घर को गुंजायमान किए रहते हैं । पुत्र आयुष (गोलू) और पुत्री अदिति (बुलबुल) ने जीवन के पन्नों को और भी रंगीन बना दिया । अभी तो ये सफ़र शुरू हुआ है जाने कितनी अनमोल यादें और जाने कितने पडाव देखने हैं अभी ।
बधाइयां...बधाइयां...बधाइयां...अनगिन बधाइयां.
जवाब देंहटाएंअरे बहुत बहुत बधाई हो प्रभु.....
जवाब देंहटाएंलीजिए, गैर बिल्डिंग फांदू प्रेम के इस डैडली कॉम्बिनेशन पर मज़दूर दिवस के समय बधाई
जवाब देंहटाएंवैसे 'वो' हरकत सच में आकर्षणेबल थी ही :-)
बधाई व शुभकामनाएँ, आप दोनों को
बी एस पाबला
आपको वैवाहिक वर्षगाँठ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंमज़दूर दिवस के दिन विवाह ..बधाई हो । वैसे हिन्दुस्तान मे आदमी जिस दिन शादी करता है उसी दिन से मजदूर तो हो ही जाता है .. हम 22 मई को हुए थे ।
जवाब देंहटाएंएक मजदूर ही मजदूर का दर्द समझ सकता है ..................
जवाब देंहटाएंमजदूर एकता जिंदाबाद !!
बहुत बहुत बधाइयाँ आपको और भाभीजी कों !
जवाब देंहटाएंझा जी यह भी खूब रही।
जवाब देंहटाएंमजदूर दिवस के दिन ही बंधुवा बनें।
इसलिए यह दिन भुलाया नहीं जा सकता।
आपको और भाभी जी को सालगिरह की अशेष शुभकामनाएं। नन्हे मुन्नों को आशीष।
बहुत खुशी हुई जानकर,
हम भी आपकी सालगिरह में शरीक हैं मानिए।
बधाई व शुभकामनाएँ, आप दोनों को...
जवाब देंहटाएंबधाइयां...बधाइयां...बधाइयां...अनगिन बधाइयां.....
आपको वैवाहिक वर्षगाँठ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...
एक मजदूर ही मजदूर का दर्द समझ सकता है ..................
MAZDOOR MAZDOORNI EKTA ZINDABAAD !!
शादी की सालगिरह और मजदूर दिवस दोनों मुबारक हों!
जवाब देंहटाएंमजदूर दिवस पर आप क्या लड़ेगें मजदूरों के लिए....अपनी आजादी को खोई भी तो 1 मई को....खैर चलिए कोई बात नहीं. ऐसी मजदूरी तो हर मजदूर करना पसंद करेगा(और कर भी क्या सकता है बेचारा) पर आप खुशहाल मजदूर हैं फोटो से लगता है(या सिर्फ फोटो में ही लग रहा है)....चलिए आप को बधाई भी दे देता हूं पर काहे की मालूम नहीं.....
जवाब देंहटाएंसुन्दर संस्मरण
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
बड़ा अच्छा लगा आपका इस तरह मजदूर बन जाने का किस्सा....
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई आप दोनों को और अनेक शुभकामनाएँ...
मिठाई पर मिठाई ड्यू होती चली जा रही है.
ब्लॉग जगत के इस विशिष्ट मजदूर दंपत्ति की वैवाहिक वर्षगाठ पर हमारी भी बहुत शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंआपको वैवाहिक वर्षगाँठ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई आप दोनों को
जवाब देंहटाएंआठ साल दी मज़दूरी विच पंजाबी बोलणी ते बड़ी चंगी तरह आ गई होणी ए अजय वीर नूं...
जवाब देंहटाएंजेड़ी रही सही कसर वे, अपने पाबला जी हैण ना...
आठ सौ साल बाद भी इसी तरह आपको सालगिरह की मुबारक देते रहें, इसी कामना के साथ...
जय हिंद...
बहुत बहुत बधाईयाँ आपको सफ़लतापूर्वक आठ वर्ष वैवाहिक जीवन पूर्ण करने के लिये, भगवान से प्रार्थना है कि आगे के जीवन में सफ़लता और खुशियों की और बढ़ौत्तरी हो ।
जवाब देंहटाएंझाजी दंपत्ति को सालगिरह की शुभकामनाएँ.. और बल्ले बल्ले :)
बधाई!
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपके असल मजदूरी करने की शुरुआत मजदूर दिवश से हुई ,इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई / आप हमेशा यह मजदूरी पूरी लगन से करते रहें ,यही मेरी शुभकामनायें है /
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई जी, और यह जानकर अति विशेष खुशी हुई कि आपने मजदूर दिवस को ही गले में मजदूरी करने का पट्टा डलवाया. इसके फ़ायदे भी हैं कि याद रखने की झंझट ही नही है. सरकार भी इस दिन छुट्टी रखती है ताकि आपकी श्रेणी के विशेष पट्टेदार घूम फ़िर सकें.
जवाब देंहटाएंतो अब आज आप घूमो फ़िरो और रात को मोमबत्ती-प्रकाश-भोजन (कैंडल लाईट डिनर) करें. श्रद्धा हो तो ताऊ को भी बुलवालें.
रामराम.
झा जी को लख लख बधाईया .
जवाब देंहटाएंरोचक संस्मरण...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
अजय भाई आप को इस पवित्र बंधन के दिन की बहुत बहुत बधाई, लेकिन मालकिन से मजदुरी हमेशा पुरी ही ले, ओर काम भी मेहनत से ही करे...
जवाब देंहटाएंआप दोनो को बहुत बहुत बधाई ओर ढेरो शुभकामनाये
jha ji...bahut badhaiyaan aap donon ko....
जवाब देंहटाएंnice post.
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई व शुभकामनायें ....
जवाब देंहटाएंमजदूर दिवस के दिन सबसे इतनी मजदूरी करवाने के लिए ...आज ही एक और परिचित की भी वैवाहिक वर्षगांठ है ..अच्छा याद दिलाया ...!!
आपको वैवाहिक वर्षगाँठ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंमजबूरी और मजदूरी का दूसरा नाम यानि पति बनकर पूरी तरह से इसके काबिल बन ही जाते हैं
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा यह पढ़कर।
अनेकॊं बधाईया। अनंत शुभकामनाएं।
इसे पढ़कर याद आया .. वर्षों पहले हमारी श्रीमती जी के एक भाई ने हिंदू कालेज में पढ़ते ऐसा ही किया था। आज वो पंजाबन मैथिल बन गई हैं और उनके वो भांगड़ा करते हैं।
शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंदूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है--
जवाब देंहटाएंवैवाहिक मजदूरी की वर्षगांठ मुबारक हो ।
यूँ ही मुस्कराते रहें आप सालों साल।
दोनो को ढेरों शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंआपका यह बिंदास अंदाज ... कुछ बात तो है आपमें जो औरों में नहीं ...
जवाब देंहटाएंदो संस्कृतियों के मिलन की सालगिरह आप यूं ही अगले सौ साल तक मनाते रहें। हार्दिक शुभकामनाएं ...
तुसी ग्रेट हो पाजी, भाभी जी नूं वी बधाइयां...
वैवाहिक सालगिरह पर बहुत - बहुत बधाईयां......
जवाब देंहटाएंआप सबके अप्रतिम स्नेह और आशीष के लिए बहुत बहुत शुक्रिया और ये पल ये क्षण और भी यादगार बन गया है मेरे लिए । धन्यवाद
जवाब देंहटाएंनमस्कार अजय जी ..आशा है स्वस्थ और आनंद में होंगे ....आज आपके ब्लॉग में आकर पता चला की आपकी शादी की वर्षगाँठ १ मई को थी ..मैंने देर कर दी शुभ कामनाये देने में..खैर एक गीत याद आ रहा है की - तुम हो तो हर रात दिवाली हर सुबह मेरी होली है ...तो आप दोनों की हर रात दिवाली और दिन होली की तरह गुजरे यही मेरी कामना है ....मेरी एक बेटी का नाम भी अदिति है
जवाब देंहटाएंउम्मीद है मुझ नाचीज को नहीं भूलेंगे ..कभी कभी फ़ोन पर बात भी करेंगे मेरा नंबर है 9303508176, 0925516771 शेष फिर आपके जवाब के इन्तजार में आपका छोटा भाई अजय
बल्ले .....!!
जवाब देंहटाएंवधाइयां जी वधाइयां .....!!
पर कल ते तुसी किसे मुशायरे विच बैठे सी भाबी जी छड के ....बज़...बजओंदे होए ....?
भाबी जी डा ख्याल रखिया करो ....गुरद्वारे गए की नहीं मत्था टेकण .....?
ख़ुशी ते चहेरे ते छलक छलक पैंदी है जी ......
दो संस्कृतियों के मिलन से भारत की संस्कृति मजबूत हो यह शुभकामना है.
जवाब देंहटाएंअजय बाबू , हम त आए थे किसी खास काम से, लेकिन देखे कि आपके बिआह का सालगिरह मनाया जा रहा है त हमहूँ सामिल हो गये. चलिए हमसे उमर में बहुते छोटा हैं त आसीरवाद देइए देते हैं कि भगवान हीर मजनू , हीर रोमेओ, चाहे हीर फरहाद का जुगल जोड़ी बनाए रखे. बाकी मन से त एही निकल रहा है कि राम सीता के तरह जब तक गंग जमुन जलधारा है तब तक जोड़ी बना रहे. खुस रहिए परिवार समेत.
जवाब देंहटाएंअब काम का बात.. हमरे ब्लॉग पर कोई बेनामी कमेंट मार कर गया है कि अजय झा को एक और फर्जी ब्लोग बनाने पर बधाई. सोचे आपको बता दें. हमरे तरफ से किलियर हो जायेगा. बाकी जो आप ठीक समझिए. प्रनाम!
आपको वैवाहिक वर्षगाँठ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंआपके संस्मरण लाजवाब! जिन्दाबाद !!
Belated happy marriage anniversary.
जवाब देंहटाएंMay you both enjoy a peaceful and blissful togetherness.
बिहारी ब्लोग्गर जी ,
जवाब देंहटाएंअभिए आपका कमेंट देखे , जहां तक फ़र्जी ब्लोग बनाने का बात है तो अभी तो पता नहीं कितने मर्जी ब्लोग ही नहीं संभल रहे हैं ......फ़र्जी का नंबर कैसे लगाएं । आप हमारे शुभचिंतक हैं तभी तो बेनामी जी का कमेंट अपने ब्लोह पर छाप भी दिए और हमें सूचित भी कर दिए । चलिए बिहारी ब्लोग्गर के रूप में आप सफ़ल होईये ...शुभकामनाएं
Belated happy marriage anniversary ........
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