शुक्रवार, 7 अगस्त 2009
जाओ जी हमें भी घोर आपत्ति है ......
किसी ने बताया कि.....हम हमेशा या तो किसी दौर में जीते हैं ....या फिर दौरे में..मतलब ..तरह तरह के दौर..पहले ब्लैक एंड व्हाईट ..का दौर...अब रंगीन ..अजी रंगीन क्या थ्री डी...का दौर..पहले पेजर का दौर..अब मोबाईल का...और यदि दौर से आपको कोई इत्तेफाक नहीं तो फिर ..दौरे से होगा..अरे नहीं नहीं वो सरकारी दौरा नहीं..फायदे वाला टूर...मैं तो उस दौरे की बात कर रहा हूँ जो मुझ सहित आपको उठता है..तो कभी आप ब्लॉग्गिंग कर बैठते हैं..कभी दौरा उठता है तो पोस्ट ठेल देते हैं..कभी उठा तो कमेन्ट पर कमेन्ट ...और कभी उठा तो आपत्ति ..ओह हो मुद्दे पर आ ही गया ...
तो मैं कह रहा था कि...आजकल ...आपत्ति का दौर है...हालांकि ..इस बात पर मुझे बहुत घोर आपत्ति है कि ...पहले पति का दौर होना चाहिए था ..फिर आपत्ति की बारी आनी चाहिए थी...और चलो पति की बारी न भी आयी तो न सही..मगर इस महंगाई के दौर में ..चायपत्ती का तो पूरा हक़ बँटा है कि उसका नाम आपत्ति से पहले लिया जाए..मगर न जी..पता नहीं कहाँ से ..या कहूँ कि कहाँ कहाँ से ..कितनी कितनी बार आपत्ति का दौर आ ही पहुंचा है..कमबख्त ने राखी (यहाँ मेरा आशय दोनों ही राखी से है ...यार कमाल है अब ये भी बताना पडेगा कि दोनों राखी कौन से ..राखी सावंत और ..रक्षाबंधन ..) के बाद अब पंद्रह अगस्त की पोस्टों को भी पछाड़ दिया है....सब तरफ आपत्ति ही आपत्ति है..अमा ये कौन सी विपत्ति है..
मैंने सोचा कि अब जबकि आपत्तियों की जनगणना चल ही रही है तो मैं भी अपनी सूची सौंप ही दूँ......क्या पता कौन सी आपत्ति हिट हो जाए ....मुई पोस्टें हिट हों न हों...टिप्प्न्नी हिट हो न हो..चर्चा भी शायद फ्लॉप हो जाए..और चिट्ठों का क्या कहूँ ..बेचारे हिट का तो पता नहीं..चित जरूर पड़े हैं....खैर ..तो मैं कह रहा था कि ..चाहे ब्लॉग ओफ्फिस (जैसे बॉक्स ऑफिस होता है न ) पर सब कुछ फ्लॉप हो जाए ...मगर आपत्ति बिलकुल हिट हो जाती है..अरे हो रही है..आप मानते ही नहीं..चलिए मैं पहले सूची तो भेजूं
मुझे घोर आपत्ति है..किसी भी ब्लॉगर को ये जानकार माफी मिल सकती है कि..वो पिछले दिनों इस लिए बीमार रहा क्योंकि वो बीमार था ..मगर ये बात किसी भी सूरत में ..एक एलियन..(वो भी इकलौते एलियन जो ब्लॉग्गिंग करते हैं )..पर बिलकुल भी
नहीं लागू होती है..तो आपत्ति दर्ज की जाए..सुन रहे हैं न ..उड़नतश्तरी जी ..
मुझे घोर आपत्ति है...ताऊ हमेशा अकेले पता नहीं अपनी बिल्लन के साथ कहाँ कहाँ घूमने चले जाते हैं..पता नहीं कैसी कैसी फोटुएं खींचने लगते हैं..और पूरे शनिवार ..हम शनि की साढ़े साती पर फंस कर रह जाते हैं....ये क्या बात हुई ..ताऊ कभी ..हमें भी साथ ले जाया करो....फिर पूछो पहेली...देखो क्या नंबर पाते हैं ...ताऊ ..बिल्लन को भी सूचित करें..
हमें घोर आपत्ति है..ये विवेक भाई...पता नहीं कैसे कैसे सपने देखते हैं....जब भी लिखता हैं पसंद की सूची में सबसे ऊपर टंगे होते हैं...अजी आपत्ति इस बात पर नहीं हैं..आपत्ति तो ये है ...कि कभी हमारे सपने में नहीं आते...जबकि कित्ती बार कहा है ..आ जाओ प्रभु ....नींद में सारी निजी बातें करेंगे...और आप हनन करना ....आप जब हनन करते हो न ..तभी जाकर तो हमें उस पर मनन करने का मन करता है..
हमें आपत्ति है अलबेला जी पर भी..क्या अलबेला जी ..आपने तो ना पोस्टों के लिए जगह छोडी है ..न ही तिप्प्न्नियों के इनलिए...ऐसे ही टीपते रहे ..तो सबका आदत नहीं खराब हो जाएगा..अरे हम लोग हिंदी ब्लॉगर हैं ..जिनको टिप्प्न्नी मिलने का कोई हक़ नहीं है ( हाय इस बात से किसी को कितनी खुशी हुई होगी ,,जब भी हिंदी ब्लॉग्गिंग को लेकर खराब खराब बात लिखो ..उन्हें बड़ा अच्छा लगता है ....अरे हम जानते हैं न ) अलबेला जी..नए नए में इत्ता सब झेल लिए...इत्ता आपत्ति भी मिल गया..इसी बात पर घोर आपत्ति है..हमें नहीं मिली आज तक इत्ती आपत्ति ...अब मिल जाए तो ..ब्लॉगर जन्म सार्थक है....
लीजिये का आज ही सब आपत्ति गिना दें..अरे छोडिये बुद्धू समझें हैं क्या,,,..कई लोग इसी के सहारे ..अपनी ब्लॉग्गिंग चला रहे हैं...हमको भी तो कुछ दिन सेवा का अवसर दीजिये......और प्लीज ई मेल करके ...टिप्पी करके ..पोस्टकार्ड से ,,जैसे भी हो अपनी निजी बात बताइये..नहीं तो हम आपकी निजता का उल्लंघन कैसे करेंगे ..और फिर आप हमरी तरह आपत्ति कैसे करेंगे....ठीक है न
अब कुछ ऊ का कहते हैं अक्सर ..हाँ डिस्क्लेमर ..ई होता का है ..हमको आज तक नहीं पता चला ..
ई पोस्ट से बहुतों का ..बहुत कुछ लेना देना है.....और जिनका भी लेना देना हो ..ऊ ले लें ..और देना हो तो टिप्पी दे दें ......एक और घोषणा ..हम तीसरा खम्भा के छाँव तले ...अदालत और कोर्ट कचहरी ..में घुमते रहते हैं..वकालत भी कर सकते हैं और वकील हमारे मित्र भी हैं.....ई सब ...जर्मन. जापानी. फ़्रांसीसी..चायनीज...चाहे किसी भी ब्लॉग्गिंग की दें हो.....हिंदी की नहीं है .....अरे नहीं है..आप मानते क्यूँ नहीं है...
आपत्ति सुन लिए हैं, अब बवेला खड़ा करेंगे.
जवाब देंहटाएंबाकी की आपत्तियाँ तो जायज हैं.
डिस्क्लेमर लिखे हो कि धमकाये हो?
अरे भाई, ये आपत्ति है या विपत्ति?
जवाब देंहटाएंलीजिये धमकी ..का तो पेटेंट पहले ही कौनो और करा लिया है...हमरे पास तो डिस्क्लेमर भी नहीं था ..कैसे करके तो उधार मांगे हैं....द्विवेदी जी..आपत्ति हो या विपत्ति ..आपका एक थो क्लायंट तो पक्का हो रहा है न..अरे हम अपनी बात कर रहे हैं..
जवाब देंहटाएंअजय जी आपने ने तो मजाक ही मजाक मे बहुत कुछ कह दिया। अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंहमें आपत्ति है कि बिना चापत्ति पिलाए ही टिपियाने को कह रहे है....जबकि ब्लागिंग तो अक्सर चा की दोकान पर हि होता हा:)
जवाब देंहटाएंअरे ये लेन-देन तो चलता रहेगा अजय जी
जवाब देंहटाएंहम तो बस टिप्पणी दे सकते हैं
बाकी, बात बड़ी गंभीर की है आपने!
अच्छी बातों को भी तो हिंदी ब्लॉगिंग की देन कहा जा सकता है, बहुत सारी हैं
हाय हाय ..पाबला जी..कैसी गल्लां कर रए हो तुस्सी ..जे हिंदी ब्लॉग्गिंग विच अच्छी बातें दिखती हैं त्वानू ...इस दा तो फेर इको ई मतलब है ..थवाडा दिल साफ़ है ...कदी मैला भी करया करो ..फेर त्वानू देखेंगी ..माड़ी माड़ी..गल्लां ..हिंदी विच..
जवाब देंहटाएंha ha ha ha
जवाब देंहटाएंhamara naam aapne le hi liya hai bhai toh kya batyaayen..........................
is wakt hamen bahut zor se tippani aa rahi hai aur hum karne k mood me bhi hain lekin kuchh bhale logon k kahe ka maan rakhne k liye khud hi apne haath baandh rakhe hain .....agar ek baar ve chhoot de den, toh fir dekhen tamaashaa..........
kasam apni sabse gandi aur sexy rachnaa ki,
kasam apni sabse foohad rachnaa ki
aur kasam apni sabse bhaddi rachnaa ki
24 ghante tak hiloon bhi nahin, is kursi se aur aisi pyaari rachnaa ki sanrachnaa kar k
aapko post karoongaa ki aapki is post ka sensex uchhalen maarne lagega....
bas thodsi si chhoot ka intezaar hai...
vaise aapne apni rachnaa ke lebal me mera naam bhi chipka diya hai jis par mujhe koi aapatti nahin hai.....ha ha ha ha ha ha ha ha
sadaiv vinamra
-albela khatri
नहीं जी ..अलबेला भाई ...आपको कोई छूट नहीं मिलेगी..आप तो बस प्यार बांटो ...और मेरा यकीन मानो इस पर दुनिया का कोई संवेदनशील इंसान ..आपत्ति नहीं करेगा..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.......हा हा हा हा!!!!!!!
जवाब देंहटाएंइतनी आपत्ति के बाद भी ब्लागिंग तो कर रहे हैं !!
जवाब देंहटाएंहम भी हँस लेते है...
जवाब देंहटाएंसुना है आपने विवेक जी के लिए कोई कुँआ खोदा है ....लो हम भी आ गए नेकी करने ....!!
जवाब देंहटाएंआ...हा ...तुसीं ते पंजाबी वि जानदे हो झा जी ....कित्थों सीखी ....??
मजाक ही मजाक मे बहुत कुछ कह दिया.......
जवाब देंहटाएंचलिये, इन तमाम आपत्तियों पर हम भी आपत्ति जता देते हैं...खुश?
जवाब देंहटाएंअजय जी बहुत खूब! मज़ा आ गया! बढ़िया पोस्ट!
जवाब देंहटाएंअजय जी,
जवाब देंहटाएंआपने मजाक किया, पर चुटकियाँ जी भर के लीं, खुदा करे कि आपत्तियों की ये विपत्ति सबको नसीब हो (आख़िर आप ही तो कहे हैं कि अच्छा-खासा प्रचार का मध्यम हैं)। और फिर आपत्तियां भी तो ईंधन हो जाती हैं, बक़ौल जनाब हस्तीमल 'हस्ती' -
बलाओं को सदा देते हैं जब घर से निकलते हैं
यही आदत हमें देती है ताक़त कौन मानेगा....
आछा व्यंग्य.
जवाब देंहटाएं{ Treasurer-T & S }