सोमवार, 22 जून 2009
बाँकी बचे जो सपने थे ......
मैंने तो पहले ही कहा था की ....नींद अभी बांकी है मेरे दोस्त....और सपने भी..तो झेलिये...अगले सपनो को ...........
बहुत बड़ा ब्लॉगर सम्मलेन हुआ :- मैंने देखा की एक बहुत बड़े ब्लॉगर सम्मलेन का आयोजन किया गया है..अजी नहीं कौन स्पोन्सर करेगा.....ऐड सेंस वाले भी नहीं ..उन्होंने कहा हिंदी ब्लॉगर सम्मलेन..नोंसेंस....हमने कहा ..अबे बेवकूफों तुम्हारे ऐडसेंस से जब हमने नाता नहीं जोड़ा तो ..तुम्हारे स्पोसर्शिप का इन्तजार करेंगे...बस आदेश हुआ की अपने अपने घरों से जो भी खाने को है पोटली में बाँध लाओ...और जुट गए सब..जगह तो ठीक ठीक याद नहीं..ताऊ को कहा है ..किसी दिन पहली में ही सबसे पूछ लो...कौन सी जगह थी......?
अजी सम्मेल्लन क्या था..मेला था..एक से एक ..ब्लॉगर जुटे...कोई धर्म नहीं..कोई जाती नहीं..और तो और देश परदेश भी नहीं..सिर्फ एक ही पहचान..ब्लॉगर हैं भैया..हर कोई एक दुसरे को हुलस कर गले लगा रहा है..और हमने तो पता नहीं कितनो का चरणस्पर्श करके आर्शीवाद लिया..लग रहा था जन्म सार्थक हो गया....सबसे मजेदार तो ये था की हर कोई एक दुसरे से ऐसे मिल रहा था मानो किसी बड़े सेलीब्रिटी से मिल रहा हो..अजी क्या खाने पीने का दौर चला ..और फिर बातचीत हुई..अजी उसका की सुनाएं..बस इतना जान लीजिये की बहुत जल्दी ही ..ई मंच सबको अपनी और खींचने वाला है...
स्वप्नफल :- चिट्ठासिंग सुनते ही बोले ,,बहुत बढिया भैय्ये.....मतबल बीजेपी चली गयी तो कोई गम नहीं ..एक बड़ी पार्टी और बनने वाली है....यार ये वाला सपना बड़ा अच्छा लगा.....भगवान् करे तेरा ये सपना सच हो जाये....देख यदि ऐसा होता है कभी तो मुझे जरूर बुलाना ...
चिट्ठाचर्चा में हुई ऐसी चर्चा.....:-अगला सपना देखा की चिट्ठाचर्चा में खूब जोरदार चर्चा हो रही है...अरे वैसी जोरदार नहीं..वो तो जोभी दमदार पोस्ट होती है...उसकी चर्चा तो होती है ..मगर इस बार मैंने देखा की उनकी चर्चा हो रही है जिन्हें पढ़ नहीं पाया सब चर्चा के जरिये उन पोस्टों पर पहुँच रहे हैं...नए ने ब्लोग्स की अद्भुत जानकारी मिल रही है....लग रहा है की बिलकुल फुर्सत में चर्चा की गयी है.........
स्वप्न फल :- अब इसका क्या कहूँ ...अबे भैया इसमें कौन बड़ी बात है.....अरे भैया ..ई काम तो तुम भी कर सकत हो......काहे नहीं चर्चा करते ..ऐसन ....
सम्मेल्लन के ऊपर महा सम्मेल्लन :- अरे चिट्ठासिंग यार..वो सम्मेल्लन वाला सपना अभी अभी आया ही था की ऊपर से एक और सपना तो गया ..अन्दर घुसा तो देखा पूछा ...सबने कहा ये भी ब्लोग्गेर्स का ही सम्मेल्लन है ..मगर उनका जो ....अनाम हैं..अनोनोमस ब्लोग्गेर्स...अब संख्या देख कर तुम ही बताओ . है ना महा सम्मेल्लन......मैं हैरान परेशान..देखा की कई तो ऐसे थे की जिनका नाम मैंने पहले भी पढा था ..चेहरा भी देखा था..मगर यहाँ अनाम सम्मेल्लन में...मेरी समझ में कुछ आता ..इससे पहले ही किसी ने पूछा ..तुम कौन हो..अरे तुम्हारा तो नाम है...पकडो मारो इसे....
मैं हडबडा कर उठ बैठा......चिट्ठासिंग कुछ स्वप्नफल बताता ..इससे पहले मैं ही कह उठा ..रहने दे ..यार अब इसका फल तो मैं भी समझ सकता हूँ....
सपना सच हो जाए
जवाब देंहटाएंअच्छा अच्छा जम जाए
न हो अच्छा थम जाए
इंसां इंसां में रम जाए
achchhaa hai .........
जवाब देंहटाएंचलिये बच कर आ गये, इन अनमियो का भी कोई धर्म है हर किसी को धमका देते है, राम राम राम...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिखा
धन्यवाद
मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे
बहुत अच्छा लिखा है। आप तो घूमने गए थे ना? वापस कब लौटे?
जवाब देंहटाएंअच्छा हुआ...अनामों के साथ तो उलझना ही बेकार..
जवाब देंहटाएंघूम घाम कर आ गए...तसवीरें आते ही वो किस्सा भी सुनायेंगे..तब तक सपनो का काम अधूरा था सो इसलिए ही सोचा तब तक ये सुना दूं....स्नेह बनाए रखें...
जवाब देंहटाएंलो जी एक ओर मिलन सम्मलेन..अब तो गाँव गाँव शहर शहर चार ब्लोगर भी मिल जाये तो साम्मेलन कर देगे .अब इतने स्पोंसर्स कौन ढूंढेगा ...?
जवाब देंहटाएंmazo aa gayo !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....!!
जवाब देंहटाएंसपने सुहाने अच्छे लगे....!!
बहुत सुंदर लिखा है।
जवाब देंहटाएंसपना देख देख ज्ञानी भये..फल खुद ही समझने लगे तो हम क्या बतायेंगे? :)
जवाब देंहटाएंmere blog pa aane k liye dhanywad. aapne apna kort kachahri wala blog band kar diya kya
जवाब देंहटाएंhanji mungeri laal ko aise hee sapane aate hain badhaai
जवाब देंहटाएंक्या बात कहा आपने कि मेरे ब्लॉग पर आना यानि दिन बन जाना! बहुत बहुत शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार और मज़ेदार लिखा है आपने! मज़ा आ गया ! बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई!
अच्छी ब्लागस्वप्न चर्चा
जवाब देंहटाएंसम्मलेन की बधाई.
जवाब देंहटाएंचन्द्र मोहन गुप्त
bhut khub mitr bhut achha likha hai meri bdhayi swikar kare
जवाब देंहटाएंsaadar
praveen pathik
9971969084
आप लिख ही नहीं रहें हैं, सशक्त लिख रहे हैं. आपकी हर पोस्ट नए जज्बे के साथ पाठकों का स्वागत कर रही है...यही क्रम बनायें रखें...बधाई !!
जवाब देंहटाएं___________________________________
"शब्द-शिखर" पर देखें- "सावन के बहाने कजरी के बोल"...और आपकी अमूल्य प्रतिक्रियाएं !!
बहुत खूब कलम चल रही है।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
sahi hai saheb , bahut sahi hai .. padhkar hi maza aa gaya ji
जवाब देंहटाएंmeri badhai sweekar karen..
Aabhar
Vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/07/window-of-my-heart.html