जी हाँ आज कल तो यही बहस का विषय बन गया है की यार होली है तो क्या हुआ , थोड़ा बहुत बुरा तो माना जा ही सकता है। और फ़िर अब तो आलम ये है की चाहे कुछ माने या न माने मगर बुरा मानना तो हमारा प्रजातान्त्रिक अधिकार है। सुना है की बुरा मानने के अधिकार को लेकर आने वाली सरकार कोई विधेयक भी लाने वाली है। सरकार पर ध्यान आया, की पिछले दिनों चल रही धपर धापर के बीच ही होली आ गयी सो कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर हुलहुलाती सी चर्चा संपन्न हुई। किनके किनके बीच , इस पाक कोपी राईट है इसलिए नहीं बता सकता।
पब्लिक को एक साथ दो फंक्शन का मजा , आई पी एल और आई जी ई :-
जी हाँ ऐसा किसी भी देश में पहली बार होने जा रहा है की लोगों को अजी, आम लोगों को सरे आम एक साथ दो बड़े बड़े मजेदार, सेंसेशनल, रोचक, लजीज, चकाचक, रंगीन फंक्शन देखने को मिलेंगे। पहला तो अपना वही २० - २० वाला आई पी एल मगर दूसरा तो इससे भी मजेदार आई जी ई। अजी अब भी नहीं समझे इंडियन जनरल इलेक्शन । अब देखना ये है की कौन सा फंक्शन इस बार ज्यादा मनोरंजन वाला होता है। हालाँकि सरकार ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है की दोनों में से कोई भी एक दूसरे से क्लैश न कर सके और पब्लिक दोनों का मजा उठा सके। वैसे सबसे ज्यादा जिम्मेदारी तो बेचारे अभिनेताओं के लिए बढ़ गयी है, जिनकी डिमांड दोनों ही फंक्शन्स में बहुत ज्यादा है। तो हे देश वासियों तैयार हो जाओ डबल मजा लेने के लिए।
प्रधान मंत्री पद की सूची में हिमेश रेशमियां का नाम भी आया :-
जिन्हें मेरी तरह ही भारतीय लोकतंत्र की मजबूती पर पका भरोसा है और जनादेश का पूरा सम्मान वे करते हैं, मुझे पुरा यकीन है की उन्हें ये ख़बर पढ़ कर बिल्कुल भी नहीं चौन्कायेगी। यार इस बार तो ये चुनाव सिर्फ़ उनके लिए ही रह गए हैं जो या तो अपराधी हैं या अभिनेता। यदि आपकी कुआलिफिकेशन दोनों में ही है तो फ़िर तो समझिये की बड़े से लेकर राम सेना तक की तरफ़ से टिकट का ऑफ़र आपको मिल सकता है। और यहाँ कमाल देखिये की अपने सारे अभिनेता और फिल्मी शिल्मी लोग, कोई शिकार करके, तो कोई एक्सीडेंट करके, कोई धोखाधड़ी में तो कोई किसी और विशेष कार्य में संलिप्त होकर वो अपराध वाली कैटेगरी को कम्प्लीट
कर ही लेते हैं। ऐसे में इनकी डिमांड तो स्वाभाविक रूप से बढ़ ही जाती है। रही बात हिमेश रेशमियां की तो हुआ ये की रहमान साहाब ने ऑस्कर पुरूस्कार जीत कर अपना फर्ज अदा कर दिया। सो हिमेश भाई का कहना है की अब उनका ये फर्ज बँटा है की एक बार प्रधानमंत्री बन कर वो भी अपना कर्ज उतारें। हालाँकि उनका मानना है की नाक गायन के अनोखे आविष्कार के लिए देर सवेर उन्हें भी कोई अंतर्राष्ट्रीय पुरूस्कार तो मिल ही जायेगा, किंतु चूँकि वे न सिर्फ़ संगीतज्ञ हैं बल्कि हीरो, प्रोडूसर, डाईरेक्टर , और पता नहीं क्या क्या हैं, इसलिए देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है।
सवाल ये है कि बापू की स्टेश्नरी, दारू के पैसे से आयी या कि किंग फिशर एयर लाईन्स के ? :-
देश में जहाँ इस बात की चर्चा हो रही है कि बापू की चीजें, कटोरी, चश्मा, और भी काफी कुछ देश में आखिरकार आ ही गया , वहीं दूसरी तरफ़ ये चर्चा जोर पकड़ती जा रही है कि नीलामी के लिए जो पैसे माल्या साहब ने वहां भेजे थे वे दारु की कमाई के थे या कि वो जो दूसरी कंपनी है राजा की मछली वाली ( दरअसल ये नाम मुझे मित्र चिटठा सिंग ने बताया कि यार सुना है माल्या ने दारु और मछली का पैसा लगाकर बापू की चीजें खरीदीं। अब दारू का तो मुझे भी पता था मगर मछली वाली बात से जब चौंका तो उन्होंने ही खुल कर बताया कि यार वो है न दूसरी कंपनी राजा की मछली हवाई जहाज कंपनी किंग फिशर एयर लाईन्स । और मेरे मुंह से सिर्फ़ इतना निकला सत्यानाश ।)
वैसे सुना ये है कि माल्या साहब के काम को देखते हुए कुछ और सुरा कंपनियों ने सरकार से मांग की है कि हमें अभी गांधी जी के वार्डरोब का काफी कुछ वापस लाना है सो दारु को खुल्लम खुल्ला छोट देनी चाहिए। मगर माल्या साहब तो कह रहे है कि मैंने तो ये पैसे उन एरलाईन्स स्टाफ्फ के जी पी ऍफ़, पेंसन वैगेरह से इक्कठा करके भेजा था जिन्हें ;पिछले दिनों मंदी के नाम पर हमने चुपके से लात मार मार कर बाहर निकाल दिया था।
तो भैया इतना सब कुछ झटपट , घट रहा है तो फ़िर क्यों न कोई बुरा माने, होली हो या दिवाली. वैसे भी अब तो होली जा चुकी है इसलिए बुरा मानिये , प्लीज मानिए न !
होली बीत गयी ... पर उसका नशा नहीं उतरा ... बुरा नहीं मानेंगे अभी लोग।
जवाब देंहटाएंहोली बीत जाने के बाद हुलहुलाती प्रस्तुति के लिए हुलहुलाता हुआ धन्यवाद. पढ़कर मै भी हुलहुला गया हूँ जी .
जवाब देंहटाएंबुरा न माने होली है ........
"सुना है की बुरा मानने के अधिकार को लेकर आने वाली सरकार कोई विधेयक भी लाने वाली है। "
जवाब देंहटाएंअजी, ज़रा इलेक्सन तो होने दीजिए, बुरा मानने का मौका मिले तब ना, विधेयक आएगा:) माइक छिन जाएगा, कुर्सी छिन जाएगी, कपडे फट जाएंगे.....फिर भी आप बुरा नहीं मानोगे॥
chaliye achha hai ki aap logon ke hulhulane se ye hulhulaatee charchaa saarthak huee. padhne aur saraahne ke liye dhanyavaad.
जवाब देंहटाएं... बुरा नहीं मानेंगे अभी लोग....पढ़कर मै भी हुलहुला गया हूँ ...
जवाब देंहटाएंअजय जी क्या खूब लिखा है...और ये हुलहुलाना!!!मज़ा आ गया..
जवाब देंहटाएंachha aap dono bhee hulhulaa gaye, chaliye ye bhee theek raha.
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