गुरुवार, 16 अक्तूबर 2008

दूज , तीज,चौथ, महिलाओं की- पंचमी पुरुषों की.

करवा चौथ का सबसे कड़वा पहलू तब होता है जब घर की सारी अबला सेना दोनों हाथों में मेहंदी लगा कर बैठ जाती हैं और सारे काम हमें सौंप कर अबला बना डालती हैं। क्खैर, ऐसे ही सभी काम काज, निपटा कर जब फुर्सत में बैठे तो महिला मंडली से हमने भी कुछ वाद विवाद करने का मन बना लिया। सो शुरू हो गए, पहले अपनी छुटकी से ही शुरू किया।
एक बात बताओ ये तुम लोगों का मैथ से कौन सा कनेक्शन है, सभी अंकों पर तुमने अपने एक त्यौहार फिक्स कर लिए हैं, और वो भी ऐसे की कमबख्त सब में हमारी ही धुलाई पुताई जो जाती है।
बीच में ही सबका ध्यान अपनी और पाटा देख कर मैंने कहना जारी रखा, देखो भैया दूज, हो तो भैया जी बन कर गए काम से, फ़िर आयी तीज की बारी, इसमें भी श्रृंगार पतार पर जो अतिरिक्त बोझ बजट पर आता है उससे हमारा ही बैंड बजता है, और अब ये करवा चौथ। यार इस चौथ पर आप सबने जो ये मेहंदी और तरह तरह की सजावट, सर पर ये पंडाल वैगेरह लगवाए हैं, जानते हो यदि सिर्फ़ इस बार ही आप सब इस प्रोग्राम को एक्सटैंड कर देते तो आपको पता नहीं ये तो इस बाज़ार पर बिल्कुल रिजर्व बैंक की तरह का उपकार कर देते। और एक अन्तिम बात सभी कुछ आप लोगों के लिए ही है, हमारा क्या, हमारे लिए कुछ भी नहीं।

श्रीमती जी, तपाक से ब्लोई, छुटकी, अपने भैया से कहो निराश होने की क्या बात है, चौथ के बाद पंचमी आती है, और इस लिहाज से नाग पंचमी उन्ही लोगों के लिए है, तभी तो हम सब उस सारे नागों को बिल से निकाल कर दूध पिलाते हैं, और फ़िर साल भर उन नागों को बीन पर नचाते हैं।

मैं चुपचाप उनके लिए चाय बनाने चल दिया, ज्यादा दूध वाली।

हे , इछाधार्नियों आप सबको करवा चौथ पर बहुत बहुत बधाई.

3 टिप्‍पणियां:

  1. सिर्फ़ करवा चौथ पर ही क्यों आप हर रोज़ एक वक्त की चाय बनाने का ज़िम्मा संभाल लें । जल्दी ही छ्ठ पुजा भी आने वाली है । लेख पसंद करने का शुक्रिया ।
    आपका अंदाज़े बयां भी काबिले तारीफ़ है ।

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  2. आनंद आया पढकर ! :)साल में एक दिन तो सेवा और सुविधा का लाभ व्रती स्त्रियों को मिलना ही चाहिए न !

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  3. achha jee, mujhe to pehle hee pata tha ki apne faayede kee baat apko jaroor pasand aaeyegee, khair ek baar fir se aap sabko chauth mubarak.

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला