गुरुवार, 16 अक्तूबर 2008

हाथ धुलाई के बाद हाथ जुड़ाई दिवस

हाथ धुलाई दिवस जो हाल ही में मनाया गया , के पीछे सबसे बड़ा कारण , मुझे लगता है करवाचौथ ही होगा , करवाचौथ में हाथों में मेहंदी लगवाने के लिए हाथ बिल्कुल साफ़ होने चाहिए न। पुरुषों को कहा गया की पैसा हाथों की मैल है । इसलिए इस दिवस के बाद और करवाचौथ के बाद आपके हाथों में न तो कोई मैल रहेगी , हो सकता है की हाथ ही न रहे।

खैर इसके बाद अब हाथ जुड़ाई दिवस या कहूँ की हाथ जुड़ाई महोत्सव मनाया जाने वाला है। हमारे आप जैसे दिखने वाले किंतु कुछ विशिस्थ नस्ल के प्राणी, अन्दर के मक्कार पाने को छिपा कर एक मासूमियत और दया का भाव लिए घर घर जाकर ये महोत्सव मानायेंगे। तब तक ये महोत्सव जारी रहेगा जब तक उनके झांसे में आकर आप अपने हाथ न कटवा बैठें। वैसे कभी कभी आपस में ये हाथ तुडाई , पैर तुडाई दिवस भी मना लेते हैं।

सार संग्रह ये की हाथ धुलाई हो या हाथ जुड़ाई , हाथ यानि जगन्नाथ.

2 टिप्‍पणियां:

  1. bhai kahaa hai puny kamaai ke nimitt dhan ki chintaa nahi ki jaati
    ek stre aapke liye saj savarkar taiyaar hogi aapki jeevan ki khushi manaayegi isme buraai kya?



    fir usme aap ki jeb ki dhulaai haath ki kaise kahlaayegi?

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला