शनिवार, 11 अक्तूबर 2008

मुंबई तेरे बाप की, और खंडाला तेरी माँ का

मुंबई तेरे बाप की और खंडाला तेरी माँ का :-
उस दिन जब उद्धव ठाकरे , अजी अपने बाबा साहब के चश्मों चिराग ने जयघोष किए की मुंबई उनके बाप की है, उच्च तरंगों से युक्त मेरे मष्तिष्क ने फ़ौरन कई सारे निष्कर्ष निकाले। पहला ये कि, यदि मुंबई उनके बाप की है तो निश्चित तौर पर खंडाला उनकी माँ का ही होगा। मैंने फ़ौरन लप्तु चचा को फोन कर कहा कि चाचा झुग्गी में जो आलीशान प्लाट आप लिए हैं ऊ का पक्का रजिस्ट्री बाबा साहब से ही कराईयेगा। फ़िर पराबैंगनी किरणों से युक्त दूरदृष्टि ने और भी कई बातें भांप ली। इस हिसाब से तो बिहार लालू जी का, गुजरात मोदी भैया का, बंगाल चटर्जी -बनर्जी का, तमिलनाडु अपनी ललिता पवार, अजी जय ललिता जी का , उत्तम प्रदेश बहन जी का, और बांकी सब प्रदेश भी नेता लोगों या उनके बाप का है। भैया जिनका या जिनके भी बाप का ई दिल्ली हो जल्दी से जल्दी घोषणा करें हमको भी तो एगो घर खरीदना है यहाँ पर तो उसके लिए तो मालिक से ही न बात करनी पड़ेगी।
ठीक है, हो सकता है ई बात ठीक हो मुदा सबको एक बात बताना ठीक रहेगा कि पूरा हिंदुस्तान हम लोगों का- यानि एक आम भारतीय जी - है, हमारे बाप का है , हमारा है। और पता नहीं क्यों मन कहता है कि पूरे हिन्दुस्तान का बाप किसी भी लोकल बाप से बड़ा ही होगा, समझ गए न बाबा साहेब और बेटा साहेब।

मालामाल ,फिर भी बेहाल :-
इन दिनों हमारे दफ्तर में कुछ अजीब आलम है। दरअसल जब तक पे कमीसन नहीं आया था, सब कर्मचारी पे पे पिपिया रहे थे, मगर अब जब उसके लागू होने की बारी आयी है तो स्थिति और भी कमाल हो गयी है। अब जबकि सबकी बाकया राशि का बिल बनाया जा रहा है तो दफ्तर की तरफ़ से सबसे दो स्कीमों में से एक चुनने को कहा गया है , जिसके अनुसार बकाया राशि का बिल बनाया जायेगा। इसमें से एक ही स्कीम कर्मचारियों को ज्यादा फायदा पहुंचाने वाली है, मगर सबसे दिलचस्प बात ये है कि किसी को भी नहीं पता कि उसे किस स्कीम को अपनाने से ज्यादा फायदा होगा। नतीजा ऐसा कि पूरी भागमभाग मची है। दिमाग में पठाखे फ़ुट रहे हैं, बेचारे सब के सब मालामाल होने वाले हैं फ़िर भी बेहाल हैं। आज के नवभारत टाईम्स , दिल्ली संस्करण में तो पूरी कहानी ही छपी है । देखें क्या होता है.....

11 टिप्‍पणियां:

  1. bahut sach hindustaan ham bharatio ka hai . badhai.

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  2. are baap re kya ye baat aap tak pahunch gayee mahaaraaj. wah pata to chalaa ki apna blog jagat swarg nark mein bhee pahunchaa hua hai. jee aap bhee hindustaan ke hain kamaal hai, khair bahut bahut dhanyavaad.

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  3. आप बकवास बहुत अच्छा करते है.

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  4. बकवास करने मे आपका हाथ पकडनेवाला नही मिलेगा. आपका दिमाग ठीक नही है । कॄपया उसका जल्द से जल्द ईलाज कराए ।

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  5. बकवास करने मे आपका हाथ पकडनेवाला नही मिलेगा. आपका दिमाग ठीक नही है । कॄपया उसका जल्द से जल्द ईलाज कराए ।

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  6. anam jee,
    salaah ke liye bahut bahut dhanyavaad. magar mahaaraaj na to aapne ye bataayaa ki nuks kya na hee ye ki doctor kaun saa milegaa, aur sabse jaroori baat to ye ki aapne ye nahin bataayaa ki aap khandala walee baat se naaraaz hue ya aur kisi , kahin aisaa to nahin ki khandaalaa aap kaa hee hai, ya fir kahin aap khud hee to thakre saahab nahin hain. mahaaraaj shakl tak to dikhate nahin aap parde ke peechhee se hee sab kuchh.......

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  7. लोकतंत्र की नई परिभाषा, पेश-ऐ-नज़र है आपकी
    वह बच्चे अब कहने लगे हैं, मुम्बई मेरे बाप की
    मुंबई उनके बाप की इस बायाँ पर मेरी लिखी कविता का आपकी नज़र करें
    नीचे दी गई लिक पर जाए
    http://manoria.blogspot.com/2008/10/blog-post_10.html

    ऊपर दी गई लिंक कॉपी करके अपने ब्रोव्सर पर पेस्ट करे

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  8. aap sono kaa bahut bahut dhanyavaad, anyatha anaam jee no to mujhe dara hee diyaa tha, pradeep jee mujhe ye jo aapne kaha hai karne ke liye wo nahin aataa, takneek ke maamle mein bilkul shunya hoon.yadi aap batayein ki iske liye kya karna hai to wo jaroor kar loonga.

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  9. in andhe behre ganvaron ke liye kuchh bhi kaho inke kano pe joon bhi nahin rengti, aur ye benaami hai aise hi hai jaise ki begaani shaadi mein abdullah deewan.
    isko tagdi mirchi lagi hai ....... bhai thoda namak bhi khaaa le aur namak halali bhi kar le HINDUSTAN ke saath

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मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला