मंगलवार, 8 जुलाई 2008

भाई अब तो हम लोग रोज छप रहे हैं, अरे यहाँ नहीं समाचारपत्रों में...

ये तो मुझे पहले ही पता था कि, देर सवेर हमारी , हमारी यानि हम ब्लागरों की चर्चा बहुत जगह होने वाली है, और खूब जोरदार होने वाली है। मैंने अपनी कई पिछली पोस्टों में इस बात की चर्चा भी की थी कि कैसे इन दिनों बहुत से रेडियो प्रसारणों में हिन्दी ब्लॉगजगत और ब्लॉग्गिंग की चर्चा हो रही है। इसके अलावा बहुत से समाचार पत्रों में भी कभी गाहे बगाहे तो कभी नियमित रूप से, कभी कोई पत्रकार कोई स्तंभकार तो कभी कोई अपना ब्लॉगर बंधू ही लिख और छप रहा है। अब नाम कहाँ कहाँ गिनवाऊं, जनसत्ता में अपने अविनाश भाई , तो दैनिक भास्कर में भी एक स्तम्भ छापता है, नवभारत में भी रोज कोई न कोई ख़बर रहती ही है, इसके अलावा राजधानी से निकलने वाले अधिकांस दैनिकों में आजकल ब्लॉग्गिंग की खूब चर्चा हो रही है, वो भी हिन्दी छिट्ठाकारी की ।

इसी क्रम में इन सबसे आगे बढ़ते हुए दैनिक अमर उजाला में (दिल्ली संस्करण में) तो रोज ही , ब्लॉग कोना के नाम से सम्पादकीय पृष्ठ पर एक स्तम्भ शुरू कर दिया गया है, इसमें रोज दो चिट्ठकारों के चिट्ठे से लिए गए दो लेख छपे रहते हैं। अब तक रवीश कुमार, दिनेश राइ, पारुल, और न जाने कितनो के चिट्ठे अंश पढ़ चुका हूँ। मजा आ रहा है, और सोचता हूँ कि इसी तरह किसी न किसी दिन सबका नंबर आयेगा, और दूसरी बात ये कि सबको हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रति एक जिज्ञासा भी होगी।

तो ब्लॉगर मित्रों खूब लिखो और खूब छपो, हम हर जगह पढेंगे आप सबको.

5 टिप्‍पणियां:

मैंने तो जो कहना था कह दिया...और अब बारी आपकी है..जो भी लगे..बिलकुल स्पष्ट कहिये ..मैं आपको भी पढ़ना चाहता हूँ......और अपने लिखे को जानने के लिए आपकी प्रतिक्रियाओं से बेहतर और क्या हो सकता है भला