मंगलवार, 25 दिसंबर 2007

इस नये saal में

इस नये साल में आप सभी को,
कहिये और क्या सौगात दें।
दिन हो होली ,रंगों में डूबी,
और दिवाली सी रात दें॥


खुशिआं ही खुशियाँ हो आसपास,
इस्वर सपनों की बरात दें।
स्नेह मिले और सुकून भी,
ऐसे सुंदर जज्बात दें॥

नई सोच हो, नई हो शक्ति,
नव्कल्पना और नई बात दें।
अपनों से बढ़ जाये अपनापन,
वे हरपल, हर क्षण साथ दें॥

सुखद समय हो ,भविष्य हो सुन्दर,
स्वर्णिम सारा ये साल रहे।
यादों की एलबम बन जाये,
ऐसी मीठी मुलाक़ात दें॥


सभी चिट्ठाकार दोस्तों को नव वर्ष कि अग्रिम सुभ्कामना।

अजय कुमार झा urf jholtanma

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